ETV Bharat / state

स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की कमी से चिंतित हाई कोर्ट, पूछा कब की जाएगी नियुक्तियां - हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान ने राज्य को कल्याणकारी राज्य माना है और सरकार है कि आम लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट
author img

By

Published : May 10, 2019, 6:46 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्य स्तरीय, जिला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के 603 और स्टाफ नर्सों के 1432 और अन्य स्टाफ के खाली पड़े पदों पर कब तक नियुक्तियां की जाएंगी इस जानकारी पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दो सप्ताह में दिए जाने के आदेश दे दिए हैं.

हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान ने राज्य को कल्याणकारी राज्य माना है और सरकार है कि आम लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.
जस्टिस राजन गुप्ता ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी के कारण ही गरीब लोग नीम-हकीमों के पास इलाज करवाने को मजबूर हैं. लिहाजा हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को दो सप्ताह के भीतर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ की कब तक नियुक्तियां की जाएंगी इस जानकारी दिए जाने के आदेश देते हुए सुनवाई 23 मई तक स्थगित कर दी है.


बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर बताया था कि हरियाणा में 59 सरकारी अस्पताल, 119 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 486 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 2630 उप केंद्र हैं. इन सभी में सिविल सर्जन/प्रिंसिपल मेडिकल अफसर/डिप्टी डाईरेक्टर के 39 पदों में से 5, सीनियर मेडिकल अफसर/डिप्टी सिविल सर्जन/ डिप्टी डाईरेक्टर के 545 में से 151, मेडिकल अफसर के 3098 में से 447 पद खाली हैं. इस लिहाज से डॉक्टरों के 603 पद खाली पड़े हैं. इनके अलावा सीनियर डेंटल सर्जन के 30 में से 8 और स्टाफ नर्सों के 3656 में से 1432 पद खाली पड़े हैं.

आधे से ज्यादा पद खाली
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिजिओथेरेपिस्ट के 46 में से 39 पद खाली पड़े हैं इस लिहाज से राज्य में सिर्फ 7 फिजियोथेरेपिस्ट ही कार्यरत हैं. वहीं, लैब टेक्नीशियनों के 934 पदों में से 540 पद खाली हैं. इसी तरह ऑपरेशन थियेटर अस्सिस्टेंट के 131, ईसीजी टेक्नीशियन के 81 में से 53, डाइटीशियन के 33 में से 23, मलेरिया स्टाफ के 44 में से 35 के पद खाली पड़े हैं. सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि इन सभी पदों को भरे जाने की कवायद शुरू की जा चुकी है.

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्य स्तरीय, जिला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के 603 और स्टाफ नर्सों के 1432 और अन्य स्टाफ के खाली पड़े पदों पर कब तक नियुक्तियां की जाएंगी इस जानकारी पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दो सप्ताह में दिए जाने के आदेश दे दिए हैं.

हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान ने राज्य को कल्याणकारी राज्य माना है और सरकार है कि आम लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.
जस्टिस राजन गुप्ता ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी के कारण ही गरीब लोग नीम-हकीमों के पास इलाज करवाने को मजबूर हैं. लिहाजा हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को दो सप्ताह के भीतर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ की कब तक नियुक्तियां की जाएंगी इस जानकारी दिए जाने के आदेश देते हुए सुनवाई 23 मई तक स्थगित कर दी है.


बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर बताया था कि हरियाणा में 59 सरकारी अस्पताल, 119 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 486 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 2630 उप केंद्र हैं. इन सभी में सिविल सर्जन/प्रिंसिपल मेडिकल अफसर/डिप्टी डाईरेक्टर के 39 पदों में से 5, सीनियर मेडिकल अफसर/डिप्टी सिविल सर्जन/ डिप्टी डाईरेक्टर के 545 में से 151, मेडिकल अफसर के 3098 में से 447 पद खाली हैं. इस लिहाज से डॉक्टरों के 603 पद खाली पड़े हैं. इनके अलावा सीनियर डेंटल सर्जन के 30 में से 8 और स्टाफ नर्सों के 3656 में से 1432 पद खाली पड़े हैं.

आधे से ज्यादा पद खाली
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिजिओथेरेपिस्ट के 46 में से 39 पद खाली पड़े हैं इस लिहाज से राज्य में सिर्फ 7 फिजियोथेरेपिस्ट ही कार्यरत हैं. वहीं, लैब टेक्नीशियनों के 934 पदों में से 540 पद खाली हैं. इसी तरह ऑपरेशन थियेटर अस्सिस्टेंट के 131, ईसीजी टेक्नीशियन के 81 में से 53, डाइटीशियन के 33 में से 23, मलेरिया स्टाफ के 44 में से 35 के पद खाली पड़े हैं. सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि इन सभी पदों को भरे जाने की कवायद शुरू की जा चुकी है.

Intro:हरियाणा के राज्य स्तरीय, जिला और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के 603 और स्टाफ नर्सों के 1432 और अन्य स्टाफ के खाली पड़े पदों पर कब तक नियुक्तियां की जाएँगी  इस जानकारी हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दो सप्ताह में दिए जाने के आदेश दे दिए हैं  । हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान ने राज्य को कल्याणकारी राज्य माना है और सरकार है कि आम लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है  ।Body:



जस्टिस राजन गुप्ता ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी के कारण ही गरीब लोग नीम-हकीमों के पास इलाज करवाने को मजबूर हैं।  लिहाजा हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को दो सप्ताह के भीतर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ की कब तक नियुक्तियां की जाएँगी इस जानकारी दिए जाने के आदेश देते हुए सुनवाई 23 मई तक स्थगित कर दी है । बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर बताया था कि हरियाणा में 59 सरकारी अस्पताल, 119 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 486 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 2630 उप केंद्र हैं। इन सभी में सिविल सर्जन/प्रिंसिपल मेडिकल अफसर/डिप्टी डाईरेक्टर के 39 पदों में से 5, सीनियर मेडिकल अफसर/डिप्टी सिविल सर्जन/ डिप्टी डाईरेक्टर के 545 में से 151, मेडिकल अफसर के 3098 में से 447 पद खाली हैं। इस लिहाज से डॉक्टरों के 603 पद खाली पड़े हैं। इनके अलावा सीनियर डेंटल सर्जन के 30 में से 8 और स्टाफ नर्सों के 3656 में से 1432 पद खाली पड़े हैं। 



Conclusion:जो पद आधे से ज्यादा खाली हैं 

सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिजिओथेरेपिस्ट के 46 में से 39 पद खाली पड़े हैं इस लिहाज से राज्य में सिर्फ 7 फिजियोथेरेपिस्ट ही कार्यरत हैं। वहीँ लैब टेक्नीशियनों के 934 पदों में से 540 पद खाली हैं। इसी तरह ऑपरेशन थियेटर अस्सिस्टेंट के 131, ई.सी.जी. टेक्नीशियन के 81 में से 53, डाइटीशियन के 33 में से 23, मलेरिया स्टाफ के 44 में से 35 के पद खाली पड़े हैं। सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि इन सभी पदों को भरे जाने की कवायद शुरू की जा चुकी है।



हाईकोर्ट ने ही मांगी थी राज्य के सभी अस्पतालों की जानकारी 

बता दें कि कैथल के गांव के स्वास्थ्य केंद्र में स्वीकृत 25 में से 22 पद खाली पदों के मामले में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर ही हाईकोर्ट ने हरियाणा के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों सहित अन्य सभी स्टाफ के खाली पड़े पदों की जानकारी मांगी थी। इस याचिका पर केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार की ओर से हरियाणा सरकार को राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्ष 2015 से लेकर 2018 के बीच 1562.14 करोड़ रूपए की ग्रांट जारी की गई है। बावजूद इसके राज्य के हॉस्पिटल्स में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ की कमी है तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेवार हैं।



ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.