भिवानी: तीन कृषि कानूनों को वापस करने के मांग करते हुए युवा कल्याण संगठन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खून से पत्र लिखा है. राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखते हुए युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि किसान ने इस देश की नींव रखी है और वो दिनभर इस देश के लिए काम करते हैं. केंद्र सरकार द्वारा पारित ये तीन कृषि कानून किसान विरोधी हैं. इसलिए इसे वापस लिया जाए.
कमल सिंह प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित में हैं, अगर ये बिल किसानों के हित में है. तो फिर किसान सड़कोंं पर क्यों हैं? कमल प्रधान ने कहा कि इन बिलों का उद्देश्य हिंदुस्तान की कृषि व्यवस्था को गिने चुने उद्योगपतियों के हवाले करने का है. उन्होंने कहा कि किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता.
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और पीछे हट जाएंगे. इन कृषि कानूनों के रद्द होने तक किसान न डरेगा और न ही पीछे हटेगा.
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कमल प्रधान ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 26 नवंबर से देश भर के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेताओं से अब तक सरकार के साथ छह बार बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसका अर्थ साफ है कि किसानों को अंधेरे में रखा जा रहा है. सरकार अपनी पुरानी बातों को ही गोल-गोल घुमा रही है. जो बातें सरकार की तरफ से पहले से की जा रही थी, उसे फिर से दोहराया जा रहा है. किसान लगातार तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और उस पर ही काबिज हैं. कमल सिंह ने कहा कि इसलिए वे महामहिम राष्ट्रपति से मांग की है कि वे इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप कर इन तीनो कानूनों को रद्द करवाएं.