ETV Bharat / state

बीरेंद्र सिंह ने भावांतर भरपाई योजना को बताया अव्यवहारिक, बोले- MSP से ऊपर बिकनी चाहिए फसलें

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से चलाई जा रही भावांतर भरपाई योजना 2021 (Haryana Bhavantar Bharpai Yojana 2021) को अव्यवहारिक बताया है.

Former Minister Virendra Singh
पत्रकारों से बातचीत करते ही बीरेंद्र सिंह
author img

By

Published : Oct 24, 2021, 10:56 PM IST

भिवानी : पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से चलाई जा रही भावांतर भरपाई योजना 2021 (Haryana Bhavantar Bharpai Yojana 2021) को अव्यवहारिक बताया है. उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना सब्जियों व फलों के लिए उपयुक्त हो सकती है, लेकिन अनाज की फसलों के लिए बेहतरीन नहीं है. यह बात उन्होंने भिवानी में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही. उन्होंने कहा कि सब्जियों के भाव प्रतिदिन के आधार पर कम-ज्यादा होते रहते है, जबकि अनाज की फसलों के भावों में प्रतिदिन के हिसाब से बहुत बड़ा अंतर नहीं होता. ऐसे में भावांतर भरपाई योजना फसल व सब्जियों के लिए ही उचित है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र करते हुए कहा कि एमएसपी को सिर्फ एक बैंच मार्क मानना चाहिए. जबकि एमएसपी से ऊपर फसलें बाजार में बिकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एमएसपी का फॉर्मूला सही मायनों में किसान को लाभ पहुंचाने वाला नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य के बैंच मार्क से ऊपर फसलों की बिक्री का माहौल सरकार को तैयार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें : जाट आंदोलन हिंसा मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार वीरेंद्र सिंह समेत तीनों कांग्रेसी नेता आरोप मुक्त

सिंह ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर पत्रकारों को कहा कि लंबे समय तक आंदोलन का चलना ना ही किसानों के लिए तथा ना ही सरकार व समाज के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसीलिए बातचीत का सिलसिला शुरू करके समस्या के हल तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अब किसान आंदोलन में 12 राजनीतिक दल, ट्रेड यूनियन व विभिन्न संगठन जुड़ गए है. यह आंदोलन व्याप्क रूप लेता जा रहा है. ऐसे में बगैर बातचीत के आगे बढऩा समाज के लिए अच्छा सूचक नहीं है और बातचीत के दौर को शुरू किया जाना चाहिए.

क्या है भावांतर भरपाई योजना: हरियाणा की खट्टर सरकार ने राज्य के किसानो को उनकी फसलों की सही कीमत प्रदान करने के लिए हरियाणा भावांतर भरपाई योजना 2021 को शुरू किया है. अगर राज्य के किसानो को अपनी फसल को मंडी में बेचने पर उसकी कम कीमत मिलती है तो उसकी उसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी. इस योजना के ज़रिये राज्य के किसान अच्छे से आगे खेती कर सकेंगे और अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे. इस योजना के तहत किसानो को फसलों में हुए घाटे को कम करना है. भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 10 फसलों को शामिल किया है. जैसे टमाटर, आलू, प्याज, फूलगोभी, किन्नू, गाजर, मटर, अमरूद, शिमला मिर्च, बैंगन आदि. इन फसलों का समर्थन मूल्य किसानो को प्रदान किया जायेगा. इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा बाजरे की फसल को भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है. इस खरीफ सीजन से यह निर्णय लागू किया जाएगा. बता दें कि बाजरे की फसल पर भावांतरण प्रदान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा.

भिवानी : पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से चलाई जा रही भावांतर भरपाई योजना 2021 (Haryana Bhavantar Bharpai Yojana 2021) को अव्यवहारिक बताया है. उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना सब्जियों व फलों के लिए उपयुक्त हो सकती है, लेकिन अनाज की फसलों के लिए बेहतरीन नहीं है. यह बात उन्होंने भिवानी में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही. उन्होंने कहा कि सब्जियों के भाव प्रतिदिन के आधार पर कम-ज्यादा होते रहते है, जबकि अनाज की फसलों के भावों में प्रतिदिन के हिसाब से बहुत बड़ा अंतर नहीं होता. ऐसे में भावांतर भरपाई योजना फसल व सब्जियों के लिए ही उचित है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र करते हुए कहा कि एमएसपी को सिर्फ एक बैंच मार्क मानना चाहिए. जबकि एमएसपी से ऊपर फसलें बाजार में बिकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एमएसपी का फॉर्मूला सही मायनों में किसान को लाभ पहुंचाने वाला नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य के बैंच मार्क से ऊपर फसलों की बिक्री का माहौल सरकार को तैयार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें : जाट आंदोलन हिंसा मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार वीरेंद्र सिंह समेत तीनों कांग्रेसी नेता आरोप मुक्त

सिंह ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर पत्रकारों को कहा कि लंबे समय तक आंदोलन का चलना ना ही किसानों के लिए तथा ना ही सरकार व समाज के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसीलिए बातचीत का सिलसिला शुरू करके समस्या के हल तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अब किसान आंदोलन में 12 राजनीतिक दल, ट्रेड यूनियन व विभिन्न संगठन जुड़ गए है. यह आंदोलन व्याप्क रूप लेता जा रहा है. ऐसे में बगैर बातचीत के आगे बढऩा समाज के लिए अच्छा सूचक नहीं है और बातचीत के दौर को शुरू किया जाना चाहिए.

क्या है भावांतर भरपाई योजना: हरियाणा की खट्टर सरकार ने राज्य के किसानो को उनकी फसलों की सही कीमत प्रदान करने के लिए हरियाणा भावांतर भरपाई योजना 2021 को शुरू किया है. अगर राज्य के किसानो को अपनी फसल को मंडी में बेचने पर उसकी कम कीमत मिलती है तो उसकी उसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी. इस योजना के ज़रिये राज्य के किसान अच्छे से आगे खेती कर सकेंगे और अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे. इस योजना के तहत किसानो को फसलों में हुए घाटे को कम करना है. भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 10 फसलों को शामिल किया है. जैसे टमाटर, आलू, प्याज, फूलगोभी, किन्नू, गाजर, मटर, अमरूद, शिमला मिर्च, बैंगन आदि. इन फसलों का समर्थन मूल्य किसानो को प्रदान किया जायेगा. इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा बाजरे की फसल को भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है. इस खरीफ सीजन से यह निर्णय लागू किया जाएगा. बता दें कि बाजरे की फसल पर भावांतरण प्रदान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.