भिवानी: प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि सरकार ने बातचीत के बाद अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक साल एक्टेंशन तथा अस्थायी मान्यता को स्थायी मान्यता देने के मुद्दों पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इसी को लेकर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने भिवानी में पत्रकार वार्ता की. रामअवतार शर्मा ने बताया कि एक्सटेंशन नहीं मिलने की दशा में 1200 स्कूलों के लाखों बच्चें प्रभावित होते.
रामअवतार शर्मा ने ये भी दावा किया कि विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत करके सरकार ने ये भरोसा दिया है कि जो अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल जमीन की कमी को छोड़कर अन्य शर्तो को पूरा करते है, उन्हे भी बीच का रास्ता निकालकर स्थायी मान्यता देने पर विचार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि एक साल के एक्सटेंशन का नोटिफिकेशन एक-दो दिन में जारी किए जाने की उम्मीद है. इसके अलावा आने वाले समय में एसोसिएशन स्कूल बस में पैसेंजर टैक्स के मुद्दे को भी उठाएगी.
गौरतलब है कि हरियाणा में जो भी अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल निर्धारित मानक पूरा नहीं करते है, उन्हे एक वर्ष के लिए नियमों में छूट देकर बच्चों को पढ़ाने और परीक्षा देने की इजाजत दे दी जाती है. यह सिलसिला लगभग 15 सालों से चल रहा है. प्राईवेट स्कूल हर वर्ष सरकार पर दबाव बनाकर अपनी मांगें मनवा लेते हैं. हरियाणा में निजी स्कूलों की मान्यता का मामला हर साल उठता है. इस बार सरकार ने करीब 1200 स्कूलों की मान्यता रद्द करने का फैसला किया. जिनमें 2 हजार से अधिक वो स्कूल हैं, जो अस्थाई मान्यता प्राप्त हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 5 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है.
हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा का कहना है कि सरकार ने 2003 में जमीन, कमरे, बरामदे आदि को लेकर नियम बनाये थे. बाद में स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर नियम और सख्त कर दिये गये. इन नियमों को पुराने स्कूल किसी भी अवस्था में पूरा नहीं कर सकते हैं. जिसके चलते उनकी मान्यता को लेकर समस्या हो रही है. इसके अलावा सरकार ने 2003 से पहले से चल रहे स्कूल या 2003 से 2007 के बीच खोले गये अस्थाई या बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों को भी नियम मानने के लिए बाध्य कर दिया है. ये मानक पूरा नहीं करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने का फैसला किया गया है.