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भिवानी नगर परिषद अधिकारियों पर गिरी गाज, सचिव-बीआई पर लगा 25-25 हजार का जुर्माना

नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही को लेकर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने वाले नगर परिषद के सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को अंतिम चेतावनी जारी कर दी है. दोनों ही अधिकारियों को 25-25 हजार का जुर्माना लगाए जाने का नोटिस भी जारी कर दिया है.

भिवानी नगर परिषद अधिकारियों पर गिरी गाज
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Published : Nov 9, 2019, 11:04 AM IST

भिवानीः जिला नगर परिषद की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठाए गए हैं. राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दो साल तक आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर अधिकारियों पर अपनी सख्त टिप्पणी दी है.

राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद के एसपीआईओ, सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को समय पर आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में चार बार व्यक्तिगत रूप से तलब किया था, लेकिन अधिकारी एक बार भी आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए.

bhiwani city council
भिवानी नगर परिषद अधिकारियों पर गिरी गाज

25-25 हजार का लगा जुर्माना
नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही को लेकर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने वाले नगर परिषद के सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को अंतिम चेतावनी जारी कर दी है.

चेतावनी में साफ किया कि आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी. इतना ही नहीं दोनों ही अधिकारियों को 25-25 हजार का जुर्माना लगाए जाने का नोटिस भी जारी कर दिया है.

लापरवाही बरतने पर हुई कार्रवाई- RTI
राज्य सूचना आयोग ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भेजी गई टिप्पणी में ये भी स्पष्ट किया है कि आरटीआई के प्रति लापरवाही बरतने वाले नगर परिषद सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर के खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई या तो अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा खुद की जाएगी या फिर विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेगा. राज्य सूचना आयोग ने दो सप्ताह के अंदर इन सिफारिशों पर कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही गई है.

ये भी पढ़ेंः सामने आ रहे हैं प्रदूषण के घातक परिणाम, भिवानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा

ये है मामला
दरअसल, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 4 अक्टूबर 2017 को भिवानी नगर परिषद से छह नामी निजी स्कूलों के भवन से जुड़ी आरटीआई से जानकारी एसपीआईओ से मांगी थी. इसमें पहली अपील 9 नवंबर को डीसी के समक्ष की थी. जिसमें दो सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.

इसके बाद मामला 11 जनवरी 2018 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा. इस मामले में राज्य सूचना आयोग, आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर लगातार 4 बार नप सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश देता रहा, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

भिवानीः जिला नगर परिषद की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठाए गए हैं. राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दो साल तक आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर अधिकारियों पर अपनी सख्त टिप्पणी दी है.

राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद के एसपीआईओ, सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को समय पर आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में चार बार व्यक्तिगत रूप से तलब किया था, लेकिन अधिकारी एक बार भी आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए.

bhiwani city council
भिवानी नगर परिषद अधिकारियों पर गिरी गाज

25-25 हजार का लगा जुर्माना
नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही को लेकर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने वाले नगर परिषद के सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को अंतिम चेतावनी जारी कर दी है.

चेतावनी में साफ किया कि आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी. इतना ही नहीं दोनों ही अधिकारियों को 25-25 हजार का जुर्माना लगाए जाने का नोटिस भी जारी कर दिया है.

लापरवाही बरतने पर हुई कार्रवाई- RTI
राज्य सूचना आयोग ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भेजी गई टिप्पणी में ये भी स्पष्ट किया है कि आरटीआई के प्रति लापरवाही बरतने वाले नगर परिषद सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर के खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई या तो अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा खुद की जाएगी या फिर विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेगा. राज्य सूचना आयोग ने दो सप्ताह के अंदर इन सिफारिशों पर कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही गई है.

ये भी पढ़ेंः सामने आ रहे हैं प्रदूषण के घातक परिणाम, भिवानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा

ये है मामला
दरअसल, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 4 अक्टूबर 2017 को भिवानी नगर परिषद से छह नामी निजी स्कूलों के भवन से जुड़ी आरटीआई से जानकारी एसपीआईओ से मांगी थी. इसमें पहली अपील 9 नवंबर को डीसी के समक्ष की थी. जिसमें दो सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.

इसके बाद मामला 11 जनवरी 2018 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा. इस मामले में राज्य सूचना आयोग, आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर लगातार 4 बार नप सचिव राजेश महता और बीआई दलबीर को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश देता रहा, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

Intro:दो साल तक भिवानी नगर परिषद ने जमाई आरटीआई की सूचना पर कुंडली,
-राज्य सूचना आयोग ने नप सचिव व बीआई के खिलाफ 25-25 हजार जुर्माना का जारी किया नोटिस, अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी दी चेतावनी
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मांगी थी स्कूलों के भवनों से जुड़ी जानकारी
-राज्य सूचना आयोग एसपीआईओ नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को चार बार दे चुका था व्यक्तिगत पेश होने के आदेश
-दो सप्ताह में देना होगा जवाब, नहीं तो अतिरिक्त चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी नियमित जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश
भिवानी, 05 नवंबर। भिवानी नगर परिषद की विवादित कार्यशैली का भी कोई जवाब नहीं हैं। इसी पर एक बार फिर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दो साल तक आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर कुंडली जमाए बैठे नप अधिकारियों पर अपनी सख्त टिप्पणी दी है। राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद के एसपीआईओ नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को समय पर आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में चार बार व्यक्तिगत रूप से तलब किया था, लेकिन अधिकारी एक बार भी आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। इस पर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने वाले नगर परिषद के सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को अंतिम चेतावनी जारी कर दी। चेतावनी में स्पष्ट किया कि आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी। इतना ही नहीं दोनों ही अधिकारियों को 25-25 हजार का जुर्माना लगाए जाने का नोटिस भी जारी कर दिया है। सूचना आयोग ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भेजी गई टिप्पणी में यह भी स्पष्ट किया है कि आरटीआई के प्रति लापरवाही बरतने वाले नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर के खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई या तो अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा खुद की जाएगी या फिर विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेगा। राज्य सूचना आयोग ने दो सप्ताह के अंदर इन सिफारिशों पर कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही गई है। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने चार अक्तूबर 2017 को भिवानी नगर परिषद से छह नामी निजी स्कूलों के भवन से जुड़ी आरटीआई से जानकारी एसपीआईओ से मांगी थी। इसमें पहली अपील नौ नवंबर को डीसी के समक्ष की थी। इस पर नगराधीाश ने दो सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मगर फिर भी नप अधिकारी नहीं जागे तो मामला 11 जनवरी 2018 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। इस मामले में राज्य सूचना आयोग आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर लगातार चार बार नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश देता रहा, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर राज्य सूचना आयोग ने सख्त टिप्पणी के साथ अंतिम चेतावनी जारी कर दी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई में जानकारी उपलब्ध कराने में अनियमितता व भारी लापरवाही बरतने के मामले में पहले भी नप सचिव राजेश महता के खिलाफ शहरी निकाय विभाग को चार्जशीट की सिफारिश भेजी गई थी। मगर इसके बावजूद भी नप अधिकारी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं का जवाब उपलब्ध कराने में लापरवाह बने हैं, इसी पर राज्य सूचना आयोग ने एक बार फिर कड़ा संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है। Body:दो साल तक भिवानी नगर परिषद ने जमाई आरटीआई की सूचना पर कुंडली,
-राज्य सूचना आयोग ने नप सचिव व बीआई के खिलाफ 25-25 हजार जुर्माना का जारी किया नोटिस, अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी दी चेतावनी
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मांगी थी स्कूलों के भवनों से जुड़ी जानकारी
-राज्य सूचना आयोग एसपीआईओ नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को चार बार दे चुका था व्यक्तिगत पेश होने के आदेश
-दो सप्ताह में देना होगा जवाब, नहीं तो अतिरिक्त चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी नियमित जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश
भिवानी, 05 नवंबर। भिवानी नगर परिषद की विवादित कार्यशैली का भी कोई जवाब नहीं हैं। इसी पर एक बार फिर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दो साल तक आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर कुंडली जमाए बैठे नप अधिकारियों पर अपनी सख्त टिप्पणी दी है। राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद के एसपीआईओ नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को समय पर आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में चार बार व्यक्तिगत रूप से तलब किया था, लेकिन अधिकारी एक बार भी आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। इस पर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने वाले नगर परिषद के सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को अंतिम चेतावनी जारी कर दी। चेतावनी में स्पष्ट किया कि आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी। इतना ही नहीं दोनों ही अधिकारियों को 25-25 हजार का जुर्माना लगाए जाने का नोटिस भी जारी कर दिया है। सूचना आयोग ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भेजी गई टिप्पणी में यह भी स्पष्ट किया है कि आरटीआई के प्रति लापरवाही बरतने वाले नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर के खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई या तो अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा खुद की जाएगी या फिर विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेगा। राज्य सूचना आयोग ने दो सप्ताह के अंदर इन सिफारिशों पर कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही गई है। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने चार अक्तूबर 2017 को भिवानी नगर परिषद से छह नामी निजी स्कूलों के भवन से जुड़ी आरटीआई से जानकारी एसपीआईओ से मांगी थी। इसमें पहली अपील नौ नवंबर को डीसी के समक्ष की थी। इस पर नगराधीाश ने दो सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मगर फिर भी नप अधिकारी नहीं जागे तो मामला 11 जनवरी 2018 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। इस मामले में राज्य सूचना आयोग आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर लगातार चार बार नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश देता रहा, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर राज्य सूचना आयोग ने सख्त टिप्पणी के साथ अंतिम चेतावनी जारी कर दी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई में जानकारी उपलब्ध कराने में अनियमितता व भारी लापरवाही बरतने के मामले में पहले भी नप सचिव राजेश महता के खिलाफ शहरी निकाय विभाग को चार्जशीट की सिफारिश भेजी गई थी। मगर इसके बावजूद भी नप अधिकारी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं का जवाब उपलब्ध कराने में लापरवाह बने हैं, इसी पर राज्य सूचना आयोग ने एक बार फिर कड़ा संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है। Conclusion:दो साल तक भिवानी नगर परिषद ने जमाई आरटीआई की सूचना पर कुंडली,
-राज्य सूचना आयोग ने नप सचिव व बीआई के खिलाफ 25-25 हजार जुर्माना का जारी किया नोटिस, अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी दी चेतावनी
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मांगी थी स्कूलों के भवनों से जुड़ी जानकारी
-राज्य सूचना आयोग एसपीआईओ नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को चार बार दे चुका था व्यक्तिगत पेश होने के आदेश
-दो सप्ताह में देना होगा जवाब, नहीं तो अतिरिक्त चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी नियमित जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश
भिवानी, 05 नवंबर। भिवानी नगर परिषद की विवादित कार्यशैली का भी कोई जवाब नहीं हैं। इसी पर एक बार फिर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दो साल तक आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना पर कुंडली जमाए बैठे नप अधिकारियों पर अपनी सख्त टिप्पणी दी है। राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद के एसपीआईओ नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को समय पर आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले में चार बार व्यक्तिगत रूप से तलब किया था, लेकिन अधिकारी एक बार भी आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। इस पर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने वाले नगर परिषद के सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को अंतिम चेतावनी जारी कर दी। चेतावनी में स्पष्ट किया कि आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर उनके खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश चीफ सेक्ट्री को भेजी जाएगी। इतना ही नहीं दोनों ही अधिकारियों को 25-25 हजार का जुर्माना लगाए जाने का नोटिस भी जारी कर दिया है। सूचना आयोग ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भेजी गई टिप्पणी में यह भी स्पष्ट किया है कि आरटीआई के प्रति लापरवाही बरतने वाले नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर के खिलाफ नियमित जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई या तो अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा खुद की जाएगी या फिर विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेगा। राज्य सूचना आयोग ने दो सप्ताह के अंदर इन सिफारिशों पर कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही गई है। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने चार अक्तूबर 2017 को भिवानी नगर परिषद से छह नामी निजी स्कूलों के भवन से जुड़ी आरटीआई से जानकारी एसपीआईओ से मांगी थी। इसमें पहली अपील नौ नवंबर को डीसी के समक्ष की थी। इस पर नगराधीाश ने दो सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मगर फिर भी नप अधिकारी नहीं जागे तो मामला 11 जनवरी 2018 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। इस मामले में राज्य सूचना आयोग आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर लगातार चार बार नप सचिव राजेश महता व बीआई दलबीर को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश देता रहा, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर राज्य सूचना आयोग ने सख्त टिप्पणी के साथ अंतिम चेतावनी जारी कर दी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई में जानकारी उपलब्ध कराने में अनियमितता व भारी लापरवाही बरतने के मामले में पहले भी नप सचिव राजेश महता के खिलाफ शहरी निकाय विभाग को चार्जशीट की सिफारिश भेजी गई थी। मगर इसके बावजूद भी नप अधिकारी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं का जवाब उपलब्ध कराने में लापरवाह बने हैं, इसी पर राज्य सूचना आयोग ने एक बार फिर कड़ा संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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