भिवानी: भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम मानव कल्याण के लिए वासंतिक नवरात्रि के नवें दिन त्रेतायुग में पैदा हुए थे. उनके जन्म की खुशी में रामनवमी का पर्व देशभर में हषोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसके चलते नवरात्रि के समापन पर आज रामनवमी का त्योहार छोटी कांशी भिवानी में हषोल्लास से मनाया गया. उच्च आदर्श, वचनबद्धता व कर्तव्यनिष्ठता के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाने वाले भगवान श्रीराम ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर माता कौशल्या के गर्भ से जन्म लिया था.
जगह-जगह मंदिरों में भक्तजनों ने पहुंचकर भगवान श्रीराम, नव दुर्गा व भगवान हनुमान की पूजा अर्चना की गई. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने नव दुर्गा शक्ति की कढ़ाई की गई और राम दरबार में सवामणि का प्रसाद लगाया गया. भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम के महंत चरण दास महाराज ने कहा कि नौ दिन तक नवरात्रि रहे. नवरात्रि के दौरान भक्तजनों ने मानव कल्याण के लिए माता के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की. आज रामनवमी के पावन पर्व पर नव दुर्गा के साथ-साथ भगवान श्रीराम की आराधना की जा रही है.
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महंत ने कहा कि आज रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की जाती है और नवदुर्गा की पूजा की जाती है. नौ दिन तक श्रद्धालु व्रत रखते हैं और उसका उद्यापन करते हैं. उन्होंने कहा कि छोटी काशी के सभी छोटे बड़े मंदिर नवदुर्गा और भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की गई है, ताकि भगवान की कृपा दृष्टि उन पर बनी रहे. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हमारी संस्कृति का आधार हैं. वहीं भक्तों ने कहा कि नौ दिन तक उन्होंने नव दुर्गा की पूजा अर्चना की है और साथ ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की पूजा अर्चना की है, ताकि परिवार और देश में सुख और समृद्धि बनी रहे. भगवान और देवी के शक्ति रूपों का आशीर्वाद रहे.