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भिवानी में बहाली की मांग को लेकर पीटीआई ने किया प्रदर्शन

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Published : Sep 9, 2020, 5:27 PM IST

भिवानी में अपनी बहाली की मांग को लेकर पीटीआई अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अध्यापकों ने कहा कि अगर सरकार उनकी बहाली नहीं करती है तो वे आंदोलन को और तेज कर देंगे.

pti teachers protest in bhiwani
भिवानी में अपनी बहाली की मांग को लेकर पीटीआई अध्यापकों ने किया प्रदर्शन

भिवानी: जिला लघु सचिवालय के बाहर लंबे समय से अपनी बहाली की बाट जोह रहे शारीरिक शिक्षकों ने बुधवार को भी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हरियाणा शारीरिक शिक्षकों के धरने का नेतृत्व पीटीआई अध्यापक सतीश प्रहलादगढ़ कर रहे थे. वहीं क्रमिक अनशन पर मनोहर लाल सैनी, फूल सिंह, अनीता कुमारी और राजबाला आदि थे.

पीटीआई अध्यापक प्रहलादगढ़ ने कहा कि वे अपनी बहाली के लिए लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उन्हें बहाल नहीं करती है. उनका संघर्ष जारी रहेगा.

पीटीआई अध्यापक ने कहा कि सरकार एक तरफ तो प्रतिवर्ष दो लाख नौकरियों का लालच देकर सत्ता में आई थी. उसके विपरीत सरकार जो नौकरी में लगे हुए थे. उनको हटाने का कार्य कर रही है. सरकार को चाहिए कि वो 1983 पीटीआई की नौकरी को बहाल करे.

ये भी पढ़ें: 'सोमवार को 80 तहसीलों में 881 रजिस्ट्री से आया 4.90 करोड़ राजस्व'

वहीं सभी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर सरकार पीटीआई की सुध नहीं लेती है तो वे अपने आंदोलन को तेज कर देंगे. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि आज सभी वर्ग सरकार की नीतियों से नाखुश है.

भिवानी: जिला लघु सचिवालय के बाहर लंबे समय से अपनी बहाली की बाट जोह रहे शारीरिक शिक्षकों ने बुधवार को भी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हरियाणा शारीरिक शिक्षकों के धरने का नेतृत्व पीटीआई अध्यापक सतीश प्रहलादगढ़ कर रहे थे. वहीं क्रमिक अनशन पर मनोहर लाल सैनी, फूल सिंह, अनीता कुमारी और राजबाला आदि थे.

पीटीआई अध्यापक प्रहलादगढ़ ने कहा कि वे अपनी बहाली के लिए लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उन्हें बहाल नहीं करती है. उनका संघर्ष जारी रहेगा.

पीटीआई अध्यापक ने कहा कि सरकार एक तरफ तो प्रतिवर्ष दो लाख नौकरियों का लालच देकर सत्ता में आई थी. उसके विपरीत सरकार जो नौकरी में लगे हुए थे. उनको हटाने का कार्य कर रही है. सरकार को चाहिए कि वो 1983 पीटीआई की नौकरी को बहाल करे.

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वहीं सभी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर सरकार पीटीआई की सुध नहीं लेती है तो वे अपने आंदोलन को तेज कर देंगे. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि आज सभी वर्ग सरकार की नीतियों से नाखुश है.

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