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भिवानी: रेलवे के निजीकरण नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

रेलवे के निजीकरण को लेकर भिवानी रेलवे स्टेशन पर आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के प्रतिनिधिमंडल ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

Protest against privatization of railways
भिवानी:रेलवे के निजीकरण की जनविरोधी नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
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Published : Oct 1, 2020, 9:18 PM IST

भिवानी: रेलवे के निजीकरण के खिलाफ स्थानीय रेलवे स्टेशन पर आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के जिला प्रधान राजकुमार जांगड़ा और जिला सचिव राजकुमार बासिया के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया. और स्टेशन मास्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

विरोध प्रदर्शन में प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रामफल, बस्तीराम, रोहतास सिंह सैनी, जिले सिंह, फूल सिंह, सुखवीर, संदीप मेहरा आदि भी मौजूद थे. ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए रेलवे समेत किसी भी सरकारी विभागों का निजीकरण नही किया जाए और इस बारे में अब तक घोषित सभी निर्णय वापस ली जाएं.

आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के जिला प्रधान राजकुमार जांगड़ा का कहना है कि देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला विभाग रेलवे है और आम लोगों के सबसे सस्ता, सुलभ और सुरक्षित यातायात है. सार्वजनिक धन और लाखों श्रमिकों के खून-पसीने से बनी रेल पटरियों. स्टेशनों और एकीकृत बुनियादी ढांचे के अन्य संबंधित भागों का इस्तेमाल करने की एकाधिकार घरानों को खुली छूट होगी.

ये भी पढ़े:चंडीगढ़ः एक व्यक्ति को सरेआम पीटते रहे युवक और युवती, लोग बनाते रहे वीडियो

उन्होंने बताया कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से से पल्ला झाड़ कर यात्रियों को सुलभ परिवहन सुविधा से वंचित करने जा रही है. रेलवे को बेजने से रेलवे कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छटना होगी जिसके वजह से बेरोजगारी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी.

भिवानी: रेलवे के निजीकरण के खिलाफ स्थानीय रेलवे स्टेशन पर आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के जिला प्रधान राजकुमार जांगड़ा और जिला सचिव राजकुमार बासिया के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया. और स्टेशन मास्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

विरोध प्रदर्शन में प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रामफल, बस्तीराम, रोहतास सिंह सैनी, जिले सिंह, फूल सिंह, सुखवीर, संदीप मेहरा आदि भी मौजूद थे. ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए रेलवे समेत किसी भी सरकारी विभागों का निजीकरण नही किया जाए और इस बारे में अब तक घोषित सभी निर्णय वापस ली जाएं.

आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के जिला प्रधान राजकुमार जांगड़ा का कहना है कि देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला विभाग रेलवे है और आम लोगों के सबसे सस्ता, सुलभ और सुरक्षित यातायात है. सार्वजनिक धन और लाखों श्रमिकों के खून-पसीने से बनी रेल पटरियों. स्टेशनों और एकीकृत बुनियादी ढांचे के अन्य संबंधित भागों का इस्तेमाल करने की एकाधिकार घरानों को खुली छूट होगी.

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उन्होंने बताया कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से से पल्ला झाड़ कर यात्रियों को सुलभ परिवहन सुविधा से वंचित करने जा रही है. रेलवे को बेजने से रेलवे कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छटना होगी जिसके वजह से बेरोजगारी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी.

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