भिवानी: योग गुरु बाबा रामदेव हाल ही में डॉक्टरों और कोरोना के इलाज को लेकर दिए गए बयान को लेकर एक बार फिर विवादों में हैं. ये विवाद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के उस ट्वीट पर और भी ज्यादा बढ़ गया है, जिसमें अनिल विज ने रामदेव की कंपनी की कोरोनिल किट खरीदने की बात कही है. अब आईएमए ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कोरोनिल को जानलेवा बताया और इस पर बेवजह पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाकर इस फैसले पर पुर्नविचार करने की मांग की है.
गौरतलब है कि जब से देश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, तब से ही बाबा रामदेव इस बात का दावा कर रहे हैं कि उनकी दवाई कोरोनिल कोरोना के इलाज का रामबाण उपाय है. हालांकि अब बाबा रामदेव की कोरोनिल पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं. अब विज के फैसले पर आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर करन पूनिया ने पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
डॉ. करन पूनिया ने कहा कि कोरोनिल कहीं से भी अप्रूवड दवा नहीं है. ऐसे में इसकी एक लाख किट की खरीद पर आधा पैसा खर्च करना बर्बादी है. उन्होंने कहा कि आईएमए ने आईटीआई लगाई थी, जिसमें कोरोनिल को डब्ल्यूएचओ से मान्यता का दावा भी फर्जी निकला है. इसके सेवन से मरीज की मौत तक हो सकती है.
कोरोनिल से मरीजों की हो सकती है मौत- IMA
डॉक्टर पूनिया ने कहा कि कोरोना मरीज इस गलतफहमी में ना रहें कि कोरोनिल का सेवन करने से वो स्वस्थ हो जाएंगा. कोरोनिल का कोरोना पर कोई असर नहीं होने वाला है. अगर दवा नहीं ली गई तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है. यहां तक की मरीज की मौत भी हो सकती है. ऐसे में सरकार को अपने इस फैसले पर एक बार फिर सोच लेना चाहिए.
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क्या है हरियाणा सरकार का फैसला?
बता दें कि एलोपैथी और बाबा रामदेव में जारी विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. हरियाणा में एक लाख मरीजों को पतंजलि कंपनी की कोरोनिल दवा मुफ्त बांटी जाएगी. इसका आधा खर्चा पतंजलि और आधा हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष से वहन किया जाएगा. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.