भिवानी: हरियाणा कर्मचारी महासंघ से जुड़ी एसएचईबी वर्कर्स यूनियन ने हरियाणा सरकार की ओर से कर्मचारियों की समस्या के लिए गठित किए ट्रिब्यूनल का कड़ा विरोध किया है. इस मुद्दे को लेकर भिवानी के एचएसईबी कर्मचारियों ने बताया कि कर्मचारियों के लिए ट्रिब्यूनल का गठन होने के बाद कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट में नहीं जा सकेंगे. क्योंकि हरियाणा सरकार के आदेश अनुसार कोई भी कर्मचारी कोर्ट में जाने से पहले अपनी समस्या को सरकार की ओर से गठित ट्रिब्यूनल में रखेगा.
कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के नवनियुक्त जिला प्रधान मनोज बल्लू बामला ने कहा कि ट्रिब्यूनल का गठन प्रदेश सरकार करेगी. इस ट्रिब्यूनल में रिटायर्ड जजों को प्रदेश सरकार की अनुशंसा पर रखा जाएगा. ऐसे में कर्मचारियों की सुनवाई सरकार की ओर से प्रभावित रहेगी.
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बीते 20 जुलाई को हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को रखा था. हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक्सग्रेसिया पॉलिसी लागू करने की बात कही थी. लेकिन अभी तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है.
इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों का एचआरए 2019 से लागू किया है, जबकि यह एचआरए 2016 से लागू किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के उत्पीड़न को रोकने के लिए उनकी यूनियन सरकार से सीधा टकराने के लिए भी गुरेज नहीं करेगी.