भिवानी: लोहारू हलके की मंडियों में इन दिनों एमएसपी पर बाजरा, मूंग और कपास की सरकारी खरीद चल रही है. प्रमुख खरीफ फसल के रूप में यहां के किसान बाजरे की खेती अधिक करते हैं, लेकिन बाजरे की खरीद धीमी होने की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इस पर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यदि इसी गति से खरीद चलती रही तो किसानों को फसल बेचने में दो-तीन महीने का वक्त लग जाएगा. किसानों का कहना है कि उन्हें रबी फसल के लिए खाद-बीज खरीदना है और पैसे की इस समय बहुत ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में बाजरे की खरीद की गति बढ़ाकर जल्द से जल्द किसानों का भुगतान किया जाए.
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान मेवासिंह आर्य का कहना है कि भिवानी ही नहीं पूरे प्रदेश में खरीद काम काफी धीमा है. इस समय किसानों को रबी फसल के खाद-बीज खरीदना है और खेत भी अगली फसल के तैयार करने हैं. ऐसे में किसानों को पैसे की बहुत जरूरत है. इसलिए सरकार को मंडी में फसल बेचने आ रहे किसानों को ज्यादा से ज्यादा टोकन देने चाहिए. जिससे किसान फसल को जल्दी बेच सकें.
वहीं लोहारू मार्केट कमेटी के सचिव संजय फोगाट का कहना है कि लोहारू में 7963 किसानों ने बाजरे के लिए पंजीकरण किया, जिनमें से 409 किसानों का 11,116 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है. ढिगावा मंडी में 3,078 क्विंटल बाजरे की खरीद की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि मूंग की खरीद केवल लोहारू में हो रही है और मूंग के लिए 703 किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया है. इनमें से 9 किसान अब तक अपनी फसल बेच चुके हैं.
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उन्होंने बताया कि लोहारू में प्रतिदिन 100 के करीब टोकन दिए जा रहे हैं. जबकि ढिगावा में कई दिनों से 16 से लेकर 24 टोकन प्रतिदिन की औसत आ रही है. उन्होंने बताया कि ढिगावा में खरीद टोकनों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रशासन और मार्केटिंग बोर्ड को पत्र लिखा गया है.