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वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों ने की भूख हड़ताल, 23 जुलाई को जंतर-मंतर पर बनाएंगे रणनीति

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Published : Jul 2, 2023, 6:17 PM IST

वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने को लेकर पूर्व सैनिकों ने रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में नेहरू पार्क भिवानी में जिला भर के पूर्व सैनिक एकत्रित हुए और सांकेतिक भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया.

ex servicemen Protest in Bhiwani Nehru Park
हरियाणा में पूर्व सैनिकों की भूख हड़ताल

भिवानी: सरहद पर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को आज अपने अधिकार के लिए भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व सैनिकों ने रविवार को एक दिन की भूख हड़ताल की. जिसके चलते नेहरू पार्क भिवानी में जिला भर के पूर्व सैनिक एकत्रित हुए और सांकेतिक भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के कई जिलों में पूर्व सैनिकों ने निकाला रोष मार्च, उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

बता दें कि यह धरना वन रैंक-वन पेंशन में वेतन विसंगति दूर किए जाने, 2017 के बाद आए प्रीमेच्योर पेंशनर को OROP में शामिल करने, एक समान मिलिट्री सर्विस पे दिए जाने, एक समान डिसेबिलिटी पेंशन आदि मांग को लेकर दिया गया. उन्होंने कहा कि यदि 22 जुलाई तक उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो देश भर के पूर्व सैनिक 23 जुलाई को जंतर-मंतर पर एकत्रित होंगे और सरकार के खिलाफ बड़े संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेंगे.

इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि कुछ अधिकारियों ने अपने हिसाब से अपने आप को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि कुल 3 फीसदी अधिकारी ही ऐसे हैं, जिनको वन रैंक-वन पेंशन का फायदा मिल रहा है. जबकि बाकी 97 फीसदी कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते कर्मचारी भूख हड़ताल करने को मजबूर है.

पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि देश सेवा एवं रक्षा के लिए एक सैनिक अपने परिवार तक से लंबे समय तक दूर रहता है. लेकिन जब उसका कार्यकाल समाप्त हो जाता है, तो उसका एकमात्र सहारा पेंशन ही होती है. लेकिन अब केंद्र सरकार पूर्व सैनिकों की एकमात्र सहारा पेंशन के हक को भी डकारना चाहती है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी को महंगाई के मुद्दे पर घेरा, बोले- आसमान पर सब्जियों के दाम, गरीब जाए तो कहां जाए

उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है. लेकिन केंद्र सरकार उनकी सुनवाई करने की बजाए उन्हें कमजोर समझते हुए मांगों को नजरअंदाज कर रही है. जो कि सरकार की गलतफहमी है. उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा सरकार 2014 में पूर्व सैनिकों से किए गए वादे को पूरा करें. नहीं तो 2024 के चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

भिवानी: सरहद पर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को आज अपने अधिकार के लिए भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व सैनिकों ने रविवार को एक दिन की भूख हड़ताल की. जिसके चलते नेहरू पार्क भिवानी में जिला भर के पूर्व सैनिक एकत्रित हुए और सांकेतिक भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया.

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बता दें कि यह धरना वन रैंक-वन पेंशन में वेतन विसंगति दूर किए जाने, 2017 के बाद आए प्रीमेच्योर पेंशनर को OROP में शामिल करने, एक समान मिलिट्री सर्विस पे दिए जाने, एक समान डिसेबिलिटी पेंशन आदि मांग को लेकर दिया गया. उन्होंने कहा कि यदि 22 जुलाई तक उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो देश भर के पूर्व सैनिक 23 जुलाई को जंतर-मंतर पर एकत्रित होंगे और सरकार के खिलाफ बड़े संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेंगे.

इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि कुछ अधिकारियों ने अपने हिसाब से अपने आप को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि कुल 3 फीसदी अधिकारी ही ऐसे हैं, जिनको वन रैंक-वन पेंशन का फायदा मिल रहा है. जबकि बाकी 97 फीसदी कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते कर्मचारी भूख हड़ताल करने को मजबूर है.

पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि देश सेवा एवं रक्षा के लिए एक सैनिक अपने परिवार तक से लंबे समय तक दूर रहता है. लेकिन जब उसका कार्यकाल समाप्त हो जाता है, तो उसका एकमात्र सहारा पेंशन ही होती है. लेकिन अब केंद्र सरकार पूर्व सैनिकों की एकमात्र सहारा पेंशन के हक को भी डकारना चाहती है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है. लेकिन केंद्र सरकार उनकी सुनवाई करने की बजाए उन्हें कमजोर समझते हुए मांगों को नजरअंदाज कर रही है. जो कि सरकार की गलतफहमी है. उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा सरकार 2014 में पूर्व सैनिकों से किए गए वादे को पूरा करें. नहीं तो 2024 के चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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