अंबालाः सीएए को लेकर मचे बवाल के बीच प्रशासनिक अधिकारी भी अब देश की जनता की नागरिकता पर सवाल उठा रहे हैं. सीएए का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस कानून से देश की आम जनता की नागरिकता पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसी ही एक मामला अंबाला से सामने आया है जहां पासपोर्ट ऑफिस में बैठे अधइकारियों ने दो बहनों की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए उन्हें चेहरा देखकर नेपाली घोषित कर दिया.
विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहती हूं- संतोष
संतोष ने अंबाला में ही जन्म लिया और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की. यूं तो संतोष अपने पिता के बुटीक में ही काम करती हैं, लेकिन कुछ समय पहले संतोष ने विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना देखा. जिसके बाद संतोष ने पासपोर्ट सेवा केंद्र से पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया सभी दस्तावेज देकर शुरू की और फिर संतोष को पासपोर्ट ऑफिस बुलाया गया.
चेहरा देख लिख दिया नेपाली- संतोष
संतोष अपनी बहन के साथ जब पासपोर्ट कार्यालय पहुंची तो वहां बैठे अधिकारियों ने बिना दस्तावेज देखे इनका चेहरा देखकर ही ये तय कर लिया कि पासपोर्ट नहीं बनाया जा सकता क्योंकि उनका चेहरा नेपालियों जैसा है. संतोष के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की डिग्री भी है. लेकिन पासपोर्ट कार्यालय में उसके दस्तावेज देखे बिना ही उसे नेपाली करार दे दिया गया.
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गृह मंत्री के पास लगाई गुहार- संतोष
बता दें कि इनके पासपोर्ट एप्लिकेशन फॉर्म पर ये टिप्पणी कर दी गई कि 'आवेदनकर्ता नेपाली लगता है' और इनका पासपोर्ट बनाने से मना कर दिया. संतोष ने बताया कि पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारियों की टिप्पणी के बाद उन्होंने गृह मंत्री से भी गुहार लगाई. संतोष ने कहा कि हमने हरियाणा के मंत्री अनिल विज से बात की, जिसके बाद हमारा पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई.
उपायुक्त ने तुंरत लिया संज्ञान
संतोष का चेहरा देखकर उनके नेपाली लगने की टिप्पणी से हैरान उपायुक्त ने पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारीयों को आदेश दिए हैं कि भविष्य में दोबारा ऐसा मामला नहीं होना चाहिए. डिप्टी कमिश्नर अशोक शर्मा ने कहा कि जैसे ही ये खबर आई तो मैंने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद दोनों बहनों को पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बुलाया गया. अब उनका पासपोर्ट बहुत जल्द उन तक पहुंच जाएगा.