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नेपाली बताकर पासपोर्ट बनाने से इनकार, चेहरा देखकर ही महिला से मांगा नागरिकता का प्रमाण

पासपोर्ट बनवाने के लिए चंडीगढ़ गई दो सगी बहनों के साथ अजीब वाक्या सामने आया है. जब भारत में जन्मी, बड़ी हुई और पली-बढ़ी दोनों बहनों को पासपोर्ट कार्यालय में बैठे अधिकारियों ने उनका चेहरा देखकर पासपोर्ट बनाने से इंकार कर दिया तो वो भी हैरान रह गईं. यही नहीं मामले की जानकारी जब अंबाला उपायुक्त को हुई तो उनके भी होश उड़ गए.

sisters passport denied
चेहरा देख अधिकारी ने दो बहनों की नागरिकता पर उठाए सवाल
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Published : Jan 2, 2020, 6:38 PM IST

अंबालाः सीएए को लेकर मचे बवाल के बीच प्रशासनिक अधिकारी भी अब देश की जनता की नागरिकता पर सवाल उठा रहे हैं. सीएए का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस कानून से देश की आम जनता की नागरिकता पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसी ही एक मामला अंबाला से सामने आया है जहां पासपोर्ट ऑफिस में बैठे अधइकारियों ने दो बहनों की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए उन्हें चेहरा देखकर नेपाली घोषित कर दिया.

विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहती हूं- संतोष
संतोष ने अंबाला में ही जन्म लिया और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की. यूं तो संतोष अपने पिता के बुटीक में ही काम करती हैं, लेकिन कुछ समय पहले संतोष ने विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना देखा. जिसके बाद संतोष ने पासपोर्ट सेवा केंद्र से पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया सभी दस्तावेज देकर शुरू की और फिर संतोष को पासपोर्ट ऑफिस बुलाया गया.

चेहरा देख अधिकारी ने दो बहनों की नागरिकता पर उठाए सवाल

चेहरा देख लिख दिया नेपाली- संतोष
संतोष अपनी बहन के साथ जब पासपोर्ट कार्यालय पहुंची तो वहां बैठे अधिकारियों ने बिना दस्तावेज देखे इनका चेहरा देखकर ही ये तय कर लिया कि पासपोर्ट नहीं बनाया जा सकता क्योंकि उनका चेहरा नेपालियों जैसा है. संतोष के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की डिग्री भी है. लेकिन पासपोर्ट कार्यालय में उसके दस्तावेज देखे बिना ही उसे नेपाली करार दे दिया गया.

ये भी पढ़ेंः महंगाई के खिलाफ चंडीगढ़ महिला कांग्रेस ने खोला मोर्चा, थाली बजाकर किया प्रदर्शन

गृह मंत्री के पास लगाई गुहार- संतोष
बता दें कि इनके पासपोर्ट एप्लिकेशन फॉर्म पर ये टिप्पणी कर दी गई कि 'आवेदनकर्ता नेपाली लगता है' और इनका पासपोर्ट बनाने से मना कर दिया. संतोष ने बताया कि पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारियों की टिप्पणी के बाद उन्होंने गृह मंत्री से भी गुहार लगाई. संतोष ने कहा कि हमने हरियाणा के मंत्री अनिल विज से बात की, जिसके बाद हमारा पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई.

उपायुक्त ने तुंरत लिया संज्ञान
संतोष का चेहरा देखकर उनके नेपाली लगने की टिप्पणी से हैरान उपायुक्त ने पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारीयों को आदेश दिए हैं कि भविष्य में दोबारा ऐसा मामला नहीं होना चाहिए. डिप्टी कमिश्नर अशोक शर्मा ने कहा कि जैसे ही ये खबर आई तो मैंने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद दोनों बहनों को पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बुलाया गया. अब उनका पासपोर्ट बहुत जल्द उन तक पहुंच जाएगा.

अंबालाः सीएए को लेकर मचे बवाल के बीच प्रशासनिक अधिकारी भी अब देश की जनता की नागरिकता पर सवाल उठा रहे हैं. सीएए का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस कानून से देश की आम जनता की नागरिकता पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसी ही एक मामला अंबाला से सामने आया है जहां पासपोर्ट ऑफिस में बैठे अधइकारियों ने दो बहनों की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए उन्हें चेहरा देखकर नेपाली घोषित कर दिया.

विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहती हूं- संतोष
संतोष ने अंबाला में ही जन्म लिया और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की. यूं तो संतोष अपने पिता के बुटीक में ही काम करती हैं, लेकिन कुछ समय पहले संतोष ने विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना देखा. जिसके बाद संतोष ने पासपोर्ट सेवा केंद्र से पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया सभी दस्तावेज देकर शुरू की और फिर संतोष को पासपोर्ट ऑफिस बुलाया गया.

चेहरा देख अधिकारी ने दो बहनों की नागरिकता पर उठाए सवाल

चेहरा देख लिख दिया नेपाली- संतोष
संतोष अपनी बहन के साथ जब पासपोर्ट कार्यालय पहुंची तो वहां बैठे अधिकारियों ने बिना दस्तावेज देखे इनका चेहरा देखकर ही ये तय कर लिया कि पासपोर्ट नहीं बनाया जा सकता क्योंकि उनका चेहरा नेपालियों जैसा है. संतोष के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की डिग्री भी है. लेकिन पासपोर्ट कार्यालय में उसके दस्तावेज देखे बिना ही उसे नेपाली करार दे दिया गया.

ये भी पढ़ेंः महंगाई के खिलाफ चंडीगढ़ महिला कांग्रेस ने खोला मोर्चा, थाली बजाकर किया प्रदर्शन

गृह मंत्री के पास लगाई गुहार- संतोष
बता दें कि इनके पासपोर्ट एप्लिकेशन फॉर्म पर ये टिप्पणी कर दी गई कि 'आवेदनकर्ता नेपाली लगता है' और इनका पासपोर्ट बनाने से मना कर दिया. संतोष ने बताया कि पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारियों की टिप्पणी के बाद उन्होंने गृह मंत्री से भी गुहार लगाई. संतोष ने कहा कि हमने हरियाणा के मंत्री अनिल विज से बात की, जिसके बाद हमारा पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई.

उपायुक्त ने तुंरत लिया संज्ञान
संतोष का चेहरा देखकर उनके नेपाली लगने की टिप्पणी से हैरान उपायुक्त ने पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारीयों को आदेश दिए हैं कि भविष्य में दोबारा ऐसा मामला नहीं होना चाहिए. डिप्टी कमिश्नर अशोक शर्मा ने कहा कि जैसे ही ये खबर आई तो मैंने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद दोनों बहनों को पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बुलाया गया. अब उनका पासपोर्ट बहुत जल्द उन तक पहुंच जाएगा.

Intro:अंबाला से पासपोर्ट बनवाने के लिए चंडीगढ़ गई दो सगी बहनों के साथ अजीब वाक्या हुआ। भारत में जन्मी,बड़ी हुई और पढ़ी दोनों बहने जब पासपोर्ट कार्यालय पहुंची तो वहां बैठे अधिकारीयों ने बिना इनके दस्तावेज देखे इनका चेहरा देखकर ही ये तय कर लिया कि इनका पासपोर्ट नहीं बनाया जा सकता और इनके दस्तावेजों पर ऐसी टिप्पणी कर दी कि जिसे सुनकर खुद अंबाला के उपायुक्त भी हैरान रहे गए। बता दें कि संतोष के पास आधार कार्ड , पैन कार्ड और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की डिग्री भी है। लेकिन पासपोर्ट कार्यालय में उसके दस्तावेज देखे बिना ही उसे नेपाली करार दे दिया गया। क्या है पूरा मामले देखिये ये रिपोर्टBody: ये तस्वीरें हैं अंबाला की संतोष की। जिसने अंबाला में ही जन्म लिया और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। यूँ तो संतोष अपने पिता के बुटीक में ही काम करवाती हैं। लेकिन कुछ समय पहले सुषमा ने विदेश जाकर पढाई करने का सपना देखा। जिसके बाद सुषमा ने पासपोर्ट सेवा केंद्र से पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया सभी दस्तावेज देकर शुरू की और फिर सुषमा को पासपोर्ट ऑफिस बुलाया गया जहाँ सिर्फ इनका चेहरा देखकर ही इन्हे पासपोर्ट जारी करने से मना कर दिया गया और इनके पासपोर्ट एप्लिकेशन फॉर्म पर ये टिप्पणी कर दी गई कि "आवेदनकर्ता नेपाली लगता है" और इनका पासपोर्ट बनाने से मना कर दिया। संतोष ने बताया कि पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारीयों की टिप्पणी के बाद उन्होंने गृह मंत्री से भी गुहार लगाई और अंबाला के उपायुक्त ने मामले में खुद संज्ञान लेकर उनका पासपोर्ट बनवाने के आदेश दिए।

बाईट 01- संतोष - पासपोर्ट बनवाने गई महिला

वीओ- पासपोर्ट कार्यालय में अफसरों की टप्पणी के बाद निराश हुई संतोष ने अपनी परेशानी को लेकर हरियाणा के गृह मंत्री से भी मुलाकात की। जिसके बाद अंबाला के उपायुक्त ने मामले में खुद संज्ञान लिया और पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारीयों को दोनों बहनों का पासपोर्ट बनाने के आदेश दिए। उपायुक्त ने बताया कि जब ये मामले उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारीयों से पूछा कि ऐसे कौन से दस्तावेज हैं जो उन्हें चाहिए। जिसके बाद उपायुक्त ने स्वयं दोनों बहनों को फोन कर पासपोर्ट कार्यालय भेजा और अब इनके पासपोर्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

बाईट 02- अशोक शर्मा - उपायुक्त अंबाला

वीओ- संतोष का चेहरा देखकर उनके नेपाली लगने की टिप्पणी से हैरान उपायुक्त ने पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारीयों को आदेश दिए हैं कि भविष्य में दोबारा ऐसा मामला नहीं होना चाहिए।

बाईट 03- अशोक शर्मा - उपायुक्त अंबालाConclusion:
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