रोहतक: शिक्षक दिवस पर इस बार हम आपको कुछ ऐसे शिक्षकों से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने हर किसी को प्रेरित करने का काम किया है. ऐसी ही प्रेरित करने वाली कहानी है रोहतक के गोरावड़ गांव के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल स्वीटी भारती की.
प्रिंसिपल ने बदली स्कूल की काया
जब प्रिंसिपल स्वीटी भारती दूसरे स्कूल से बदली होकर इस स्कूल में आई तो यहां की अव्यवस्थित हालत देख कर बेहद दुखी हुई और यहां से भी ट्रांसफर करवाने की सोचने लगीं, लेकिन कहते हैं ना गुरु का दर्जा भगवान से भी बड़ा माना गया है. इसलिए स्वीटी भारती ने निर्णय लिया कि वो इस व्यवस्था को दुरुस्त करेंगी और बच्चों के भविष्य पर संकट नहीं आने देंगी. स्कूल की प्रिंसिपल ने गांव के लोगों और अपने परिजनों करीब 20 लाख रुपये का चन्दा इकट्ठा किया और स्कूल में पार्क और मुख्य द्वार बनवाया, यहीं नहीं जर्जर पड़े क्लासरूम ठीक करवाए और बैंच की व्यवस्था भी की.
कोरोना काल में किया शानदार काम
वहीं, इसी बीच कोरोना संकट से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ने लगा. इसी को देखते हुए स्वीटी भारती ने ऑनलाइन पढ़ाई करवाने का बीड़ा उठाया. स्कूल के बाकी अध्यापकों की भी ड्यूटी लगाई गई. जो घर-घर जाकर बच्चों का होमवर्क चेक करते और उन्हें जागरूक करते. प्रिंसिपल स्वीटी भारती की मेहनत रंग लाई और स्कूल का 10वीं और 12वीं क्लास का रिजल्ट सौ प्रतिशत तक रहा. अभी जहां कई स्कूलों में बच्चों के एडमिशन तक नहीं हुए हैं. वहीं इस सरकारी स्कूल में बच्चों का पचास प्रतिशत सिलेबस भी पूरा हो चुका है. अध्यपकों के इस प्रयास से बच्चें भी उत्साहित हैं.
बच्चे भी खुश
बच्चों का कहना है कि वो हर रोज ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं, जिसके कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अध्यापक उन्हें अच्छे तरीके से समझाते हैं और उन्हें सवालों को भी सुनते हैं. बच्चों ने कहा कि पढ़ाई के अलावा और एक्टिविटी भी करवाई जाती हैं. ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे अध्यापक राजेश का कहना है कि सभी बच्चों को अलग-अलग पढ़ाया जाता है ताकि बच्चे सिलेबस से पिछड़े नहीं इसलिए बच्चों को हर रोज पढ़ाया जाता है.
क्या कहना है प्रिंसिपल का?
स्कूल की प्रिंसिपल स्वीटी भारती का कहना है कि शुरू-शुरू में दिक्कतें आई, लेकिन बच्चों के भविष्य को देखते हुए उनकी ऑनलाइन पढ़ाई करवाने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी अध्यापकों ने सहयोग भी किया और अध्यापक घर-घर जाकर होम वर्क भी चेक करते हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल में सुविधाओं की कमी थी, लेकिन धीरे-धीरे ग्रामीणों और अधयापकों के सहयोग से सब कुछ ठीक होता चला गया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया गया.
गौरतलब है कि रोहतक जिले के गोरावड़ गांव में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल है जिसमें अधयापकों ने जीतोड़ मेहनत कर कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने दी. असल मायने में टीचर्स-डे के असली हीरो प्रिंसिपल स्वीटी भारती और उनके स्कूल के अध्यापक ही हैं.
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