पानीपत: देश भक्ति का जोश और खेल का जज्बा हरियाणा की रगों में बहता है. हरियाणा को इसीलिए देश की मेडल फैक्ट्री कहा जाता है. देश के छोटे राज्य हरियाणा ने ये बड़ा मुकाम बड़ी मेहनत से हासिल किया है. सिर्फ युवा ही नहीं यहां के बुजर्ग भी खेल में पीछे नहीं हैं. पानीपत जिले के सेक्टर 17 की रहने वाली दर्शना देवी 80 साल की उम्र में भी जवान हैं और खेल उनके रगों में दौड़ता है. 80 साल की उम्र में दर्शना देवी (Panipat elderly player Darshana Devi) खेल की दुनिया में अपने झंडे गाड़ रही हैं.
दर्शना देवी एक रिटायर्ड जेबीटी टीचर हैं. रिटायर होने के बाद वो सामाजिक कार्यों में लग गई. 2017 में उन्होंने खेलों में हिस्सा लेने का फैसला किया. उसके बाद देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक के बाद एक मुकाम हासिल करती चली गईं. 2017 में जैवलिन थ्रो में दर्शना देवी ने स्टेट लेवल पर 3 मेडल हासिल किए. उसके बाद दिल्ली में हुई नेशनल प्रतियोगिता में भी गोल्ड मेडल जीता. इंटरनेशनल मास्टर गेम्स एसोसिएशन की ओर से मलेशिया के पिनांग सिटी में एशिया पेसिफिक मास्टर गेम में 5 मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया.
मान कौर से मिली प्रेरणा- पानीपत में हुई 10 किलोमीटर की पिंक मैराथन दौड़ मैं 80 साल की दर्शना देवी ने प्रथम स्थान हासिल किया था. प्रशासन की तरफ से दर्शना देवी को 11 हजार रुपये का इनाम भी मिला था. दर्शना देवी अब तक नेशनल, इंटरनेशनल और स्टेट लेवल के लगभग 28 मेडल जीत चुकी हैं. उन्होंने बताया कि देश की सबसे बुजुर्ग महिला एथलीट मान कौर को देखकर उन्हें खेलने की प्रेरणा मिली. मान कौर को देखर उन्होंने सोचा कि जब वो 90 साल की उम्र में खेल में करियर की शुरुआत कर सकती हैं तो वो अभी उनसे छोटी हैं. यही सोचकर उन्होंने खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया.
कौन हैं मान कौर- मन कौर भारत की सबसे बुजुर्ग ट्रैक और फील्ड एथलीट थीं. उनका जन्म पंजाब में 1 मार्च 1916 को हुआ था. मान कौर ने विभिन्न चैंपियनशिप में 100 से ज्यादा उम्र की कैटेगरी में कई विश्व रिकॉर्ड बनाये. उन्होंने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी कई गोल्ड मेडल जीते. 103 साल की उम्र में उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 31 जुलाई 2021 को उनका निधन हो गया.
सरकार से नाराजगी- इस उम्र में इतने मेडल हासिल करने के बाद भी दर्शना देवी सरकार से खुश नहीं हैं. दर्शना देवी बताती हैं कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिलता. अगर सहयोग मिले तो बहुत सी ऐसी बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष हैं जो खेलों में देश का नाम रोशन कर सकते हैं. आज तक उन्होंने इतने गोल्ड मेडल जीते हैं सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं दिया गया. वह अपने ही खर्च से हर प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं. अब तक उन्होंने अपनी पेंशन से पैसे बचा कर करीब 2 लाख 30 हजार खर्च कर चुकी हैं. इनाम के तौर पर उन्हें केवल 11 हजार रुपये ही मिले हैं.
दर्शना देवी ने बताया कि अब नवंबर में एशिया में होने वाले मास्टर गेम्स का ट्रायल है. यह ट्रायल केरला में होगा. ट्रायल के बाद वह फिर से प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगीं. उन्होंने बताया कि पहले उनके रिटायर्ड टीचर पति धर्मपाल देशवाल उनका खेलों में उत्साह बढ़ाया करते थे. जनवरी में उनके पति का देहांत हो चुका है.