पानीपत: अगर सिविल अस्पताल पानीपत (Civil Hospital Panipat) में मोतियाबिंद की सर्जरी करानी है तो मरीज को खुद ऑपरेशन का सामान खरीदकर डॉक्टर को देना होगा. उसके बाद डॉक्टर सर्जरी करेंगे. सिविल अस्पताल में सर्जरी का सामान उपलब्ध नहीं है. कई बार डॉक्टर सामान की डिमांड भेज चुके हैं लेकिन सामान नहीं मिल रहा. काफी सर्जरी डॉक्टर अपने पैसों से सामान खरीदकर भी कर चुके हैं. अब डॉक्टर मरीजों को ही सामान लाने के लिए कह रहे हैं.
शुक्रवार को सिविल अस्पताल पानीपत में चार महिलाओं की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई है. चारों मरीजों के परिजनों से सर्जरी के लिए सामान बाहर से मंगवाया गया. हर मरीज ने 450 से 470 रुपये का सामान खरीदा. इसमें दवाइयां, ब्लेड व लेंस भी शामिल है. वहीं दूसरी ओर घायल मरीजों से भी गर्म पट्टियां बाहर से मंगवाई जा रही है. शुक्रवार को सिविल अस्पताल में देशराज कॉलोनी निवासी रमेश रानी पत्नी श्याम सुंदर, सोहबरी, सनौली खुर्द निवासी पादो पत्नी सिदा और गांव बिंझौल निवासी अंगूरी पत्नी पृथ्वी सिंह की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई है.
मरीजों ने बताया कि डॉक्टर ने इनसे बाहर से सामान लाने को बोला था. उनको 450-470 रुपये के बीच में सामान आया है. इसमें दवा के साथ अन्य सामान भी था. सर्जरी के बाद उनसे पर्ची ले ली गई. इसलिए क्या क्या सामान मंगवाया ये याद नहीं है. जो सामान पर्ची पर लिखा था उन्होंने बंद लिफाफा स्टाफ को दे दिया था. सामान दिलवाने उनके साथ अस्पताल का कर्मचारी ही गया था.
डॉक्टरों पर सर्जरी का दबाव है. इस साल सामान के अभाव में चार बार सर्जरी रुक चुकी है. डॉक्टरों को सर्जरी न करने पर फटकार पड़ती है. इसलिए डॉक्टरों ने अपना सामान खरीदकर सर्जरी करनी शुरू की थी. 13 सितंबर से अब तक 39 सर्जरी हो चुकी है. अब डॉक्टर मरीज से ही बाहर से सामान मंगवाकर सर्जरी कर रहे हैं.
2021 में 12वें स्थान पर था सिविल अस्पताल पानीपत- 2021 में पानीपत मोतियाबिंद की सर्जरी करने के मामले में 12वें स्थान पर था. 2021 में महज 96 सर्जरी हुई थी. मुख्यालय ने पानीपत सिविल सर्जन और पीएमओ को मोतियाबिंद की सर्जरी बढ़ाने के सख्त निर्देश दिए थे. स्वास्थ्य विभाग ने 26 मार्च को सर्जरी के लिए 25 ब्लेड नेत्र सर्जन को दिए थे. यह दो प्रकार के ब्लेड थे, लेकिन इन ब्लेड में धार नहीं थी. यह सर्जरी के लिए उपयोगी नहीं पाए गए थे. उस वक्त भी सर्जरी रुक गई थी.