नई दिल्ली: 1 जनवरी, 2025 से, नई जनसांख्यिकीय आबादी जनरेशन बीटा, दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार है. सामाजिक शोधकर्ता मार्क मैक्रिंडल के अनुसार 2025 और 2039 के बीच पैदा हुए बच्चों से मिलकर बने इस समूह के 2035 तक वैश्विक आबादी का 16 फीसदी हिस्सा बनने की उम्मीद है. अब संभावना है कि जनरेशन बीटा के सदस्य 22वीं सदी की शुरुआत देखेंगे.
पिछली पीढ़ी के लेबल
जनरेशन बीटा, जेन अल्फा (जन्म 2010-2024) का अनुसरण करेगा, जिसने जेन-जेड (1996-2010) और मिलेनियल्स (1981-1996) का स्थान लिया. जेनरेशन अल्फा से शुरू होने वाला नामकरण सम्मेलन ग्रीक वर्णमाला के उपयोग के साथ जारी है, जो मानव इतिहास में एक नए युग का प्रतीक है.
'बीटा बेबी' जैसा कि उन्हें कहा जा रहा है, ऐसे युग में बड़े होंगे जो दैनिक जीवन में टेक्निकल इंटीग्रेशन की विशेषता रखता है. वे संभवतः बड़े पैमाने पर ऑटोनोमस ट्रांसपोर्ट, पहनने योग्य हेल्थ टेक्नोलॉजी, और दैनिक जीवन के मानक पहलुओं के रूप में इमर्सिव वर्चुअल वातावरण का अनुभव करने वाली पहली पीढ़ी होंगे.
मार्क मैक्रिंडल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि जहां अल्फा पीढ़ी ने स्मार्ट टेक्नोलॉजी और एआई के उदय का अनुभव किया है, वहीं बीटा पीढ़ी ऐसे युग में रहेगी जहां एआई और स्वचालन रोजमर्रा की जिंदगी, शिक्षा और कार्यस्थलों से लेकर स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन तक में पूरी तरह से बिल्ट होंगे.