कुरुक्षेत्र: प्रदेश में घटते भू-जलस्तर को लेकर हरियाणा सरकार ने 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना शुरू की है. इस योजना के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला उतर आए हैं. सुरजेवाला ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ किसानों को धान ना लगाने के फैसले के खिलाफ शाहबाद में धरना दिया.
योजना के खिलाफ फूटा गुस्सा
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार आए दिन उत्तरी हरियाणा खास तौर पर कुरुक्षेत्र, कैथल जिले के किसानों से दुश्मनी निकाल रही है. आए दिन किसानों को नए-नए घाव देने का काम खट्टर सरकार की आदत बन गई है. लगता है कि अन्नदाता किसान को चोट पहुंचाना ही बीजेपी-जेजेपी सरकार का राजधर्म है.
उन्होंने कहा कि सरकार को हरियाणा के किसान के पेट पर लात मारने की पड़ी है. अंग्रेज सल्तनत ने भी कभी नहीं कहा कि किसान को अपने खेत में क्या उगाएं और क्या न लगाएं. उन्होंने कहा कि हरियाणा के 53 साल के इतिहास ये पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने भूजल सिंचित करने और भूजल ऊपर उठाने वाले रिचार्ज दादुपुर नलवी नहर को पहले बंद कर उसे भरने का आदेश दिया. उन्होंने कहा किे कुरुक्षेत्र और कैथल के किसान को मौजूदा सरकार ये कह रही है कि किसान अपनी मलकियत वाली जमीन पर धान की खेती नहीं कर सकते.
कांग्रेस कार्यकर्ता देंगे धरना
उन्होंने कहा कि फिलहाल पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. जिसके चलते 10 के 10 ब्लॉक में जहां पर धरना देने का प्रतिबंध लगाया गया है. वहां चार-चार लोग सांकेतिक धरना प्रदर्शन करेंगे और जैसे ही कोरोना का प्रकोप खत्म होगा. इस आंदोलन को प्रदेश स्तर पर लाया जाएगा.
क्या है 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना?
प्रदेश सरकार ने भूजल को भविष्य के लिए बचाए रखने के लिए किसानों को धान की जगह पर दूसरी फसल की खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है. सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की है. इस योजना के तहत धान की बिजाई नहीं करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ राशि देने का ऐलान किया है.
8 ब्लॉक रतिया, सीवान, गुहला, पीपली, शाहबाद, बबैन, ईस्माइलाबाद और सिरसा ऐसे हैं. जहां भूजल स्तर की गहराई 40 मीटर से ज्यादा है और धान की बिजाई होती है, ऐसे ही क्षेत्रों को इस योजना में शामिल किया गया है.
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