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करनाल में किसानों का धरना जारी, गुरुवार रात तक इंटरनेट की पाबंदी बढ़ाई गई

करनाल में किसानों का धरना (karnal kisan protest) लगातार तीसरे दिन भी जारी है. प्रशासन किसानों की मांगों को मानने से इनकार कर रहा है. जिसके बाद किसान भी लघु सचिवालय (karnal Mini Secretariat) के बाहर धरने पर बैठे हैं. इसी बीच करनाल में इंटरनेट सेवाएं (Internet Services) पर लगा बैन बढ़ा दिया गया है.

करनाल में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी, गुरुवार रात 12 बजे इंटरनेट सेवाएं भी बंद
करनाल में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी, गुरुवार रात 12 बजे इंटरनेट सेवाएं भी बंद
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Published : Sep 9, 2021, 9:29 AM IST

Updated : Sep 9, 2021, 10:07 AM IST

करनाल: हरियाणा के करनाल में किसानों का धरना (karnal kisan protest) आज तीसरे दिन भी जारी है. बुधवार को करनाल जिला प्रशासन (karnal Mini Secretariat) और किसानों के बीच हुई वार्ता भी विफल रही. दोनों पक्षों में अभी धरना खत्म करने पर सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा सरकार ने करनाल में इंटरनेट (Internet Services) और एसएमएस सेवाएं अभी बंद रखने का फैसला लिया है. करनाल में गुरुवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.

अब तक किसान और प्रशासन अपने-अपने रुख पर कायम हैं. जिसके चलते बातचीत किसी समझौते तक नहीं पहुंच पाई है. बुधवार को किसानों की 11 सदस्यीय कमेटी प्रशासन से बातचीत करने जिला सचिवालय पहुंची थी. मीटिंग में प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे. किसान करनाल एसडीएम (karnal SDM Ayush Sinha) पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन तीसरी वार्ता विफल रहने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय पर सिंघु और टीकरी बॉर्डर के जैसे आंदोलन करने का एलान कर दिया है.

Indefinite strike of farmers continues in Karnal, internet services also stopped in karnal
गुरुवार रात 12 बजे तक करनाल में इंटरनेट पाबंदी बढ़ाई गई

बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अधिकारी हमारी एक भी बात मानने को तैयार नहीं है. एसडीएम पर कार्रवाई की पहली मांग ही नहीं मान रहे तो बाकी दो मांगें तो क्या ही मानेंगे. इसलिए अब करनाल में यहीं सचिवालय पर पक्का मोर्चा बनेगा और धरना चलेगा. किसान तब तक बैठे रहेंगे, जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानती. यहां भी दिल्ली के बॉर्डर की तरह धरना लगातार चलता रहेगा.

किसानों की मांगें: इससे पहले 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- करनाल किसान धरना: प्रशासन और किसान नेताओं की तीसरी वार्ता भी विफल, जारी रहेगा धरना

करनाल: हरियाणा के करनाल में किसानों का धरना (karnal kisan protest) आज तीसरे दिन भी जारी है. बुधवार को करनाल जिला प्रशासन (karnal Mini Secretariat) और किसानों के बीच हुई वार्ता भी विफल रही. दोनों पक्षों में अभी धरना खत्म करने पर सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा सरकार ने करनाल में इंटरनेट (Internet Services) और एसएमएस सेवाएं अभी बंद रखने का फैसला लिया है. करनाल में गुरुवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.

अब तक किसान और प्रशासन अपने-अपने रुख पर कायम हैं. जिसके चलते बातचीत किसी समझौते तक नहीं पहुंच पाई है. बुधवार को किसानों की 11 सदस्यीय कमेटी प्रशासन से बातचीत करने जिला सचिवालय पहुंची थी. मीटिंग में प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे. किसान करनाल एसडीएम (karnal SDM Ayush Sinha) पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन तीसरी वार्ता विफल रहने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय पर सिंघु और टीकरी बॉर्डर के जैसे आंदोलन करने का एलान कर दिया है.

Indefinite strike of farmers continues in Karnal, internet services also stopped in karnal
गुरुवार रात 12 बजे तक करनाल में इंटरनेट पाबंदी बढ़ाई गई

बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अधिकारी हमारी एक भी बात मानने को तैयार नहीं है. एसडीएम पर कार्रवाई की पहली मांग ही नहीं मान रहे तो बाकी दो मांगें तो क्या ही मानेंगे. इसलिए अब करनाल में यहीं सचिवालय पर पक्का मोर्चा बनेगा और धरना चलेगा. किसान तब तक बैठे रहेंगे, जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानती. यहां भी दिल्ली के बॉर्डर की तरह धरना लगातार चलता रहेगा.

किसानों की मांगें: इससे पहले 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- करनाल किसान धरना: प्रशासन और किसान नेताओं की तीसरी वार्ता भी विफल, जारी रहेगा धरना

Last Updated : Sep 9, 2021, 10:07 AM IST
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