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सीएम सिटी करनाल में भ्रष्टाचार का जाल! देखिए कैसे चल रही है उगाही ? - karnal news
सीएम सिटी करनाल में आबकारी एवं कराधान विभाग के कई अधिकारियों पर कुछ व्यापारी और ट्रांसपोर्टर्स ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कई ऑडियो रिकॉर्डिंग भी वायरल की हैं जिनमें पैसों के लेन-देन की बात हो रही है.
karnal curruption
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Published : Sep 7, 2019, 5:59 PM IST
करनालः सीएम सिटी में व्यापारी अधिकारियों से परेशान होकर प्रदर्शन पर उतर आए हैं. व्यापारियों का कहना है कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी उनकी गाड़ियों को रोककर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूलते हैं. अधिकारियों ने चारों तरफ अपना जाल फैला रखा है और बिना सेटिंग के एक भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाता है.
सीएम सिटी करनाल में भ्रष्टाचार का जाल! देखिए कैसे चल रही है उगाही ? परेशान ट्रांसपोर्टर्स ने किया प्रदर्शन
खुद को अधिकारियों की मनमानी से परेशान बताते हुए ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारियों ने आबकारी एवं कराधान विभाग के दफ्तर जाकर प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि ईटीओ प्रशांत कादियान और सतबीर कादियान अपनी मनमानी करते हैं किसी भी गाड़ी को रोककर उसे बंद कर देते हैं और जब तक रिश्वत न दे दी जाए तब तक नहीं छोड़ते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं क्योंकि गाड़ी में लोड सामान के खराब होने का खतरा रहता है. क्योंकि इन गाड़ियों में ज्यादातर ड्राइ फ्रूट आता है.
कब-कब वसूली का आरोप ?
- 3 मई 2019 को प्रशांत कादियान ने एक गाड़ी रोकी और 2 लाख 25 हजार रुपए तय किये
- 3 अगस्त 2019 को प्रशांत कादियान ने ही गाड़ी पकड़ी और 2 लाख 35 हजार में मामला तय हुआ
- एक कश्मीर के ट्रांसपोर्टर का 5 लाख का चालान करने के नाम पर 2 लाख रुपये में सौदा तय हुआ
ये तो कुछ ही मामले हैं ऐसे ही न जाने कितनी बार इन अधिकारियों ने ट्रंसपोर्टर्स और व्यापारियों से पैसे वसूले हैं. अब आप बताइए कि सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश को आगे लेकर जाना चाहती है और अधिकारी इस तरीके से पलीता लगा रहे हैं.
कैसे होती है रिश्वत के लिए सेटिंग ?
करनाल जीटी रोड पर ईटीओ हैं प्रशांत कादियान वो लगातार यहां वाहनों को चेक करते हैं. जम्मू-कश्मीर के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से दिल्ली जाने के लिए इसी रोड पर जाना होता है. इसी का फायदा प्रशांत कादियान जैसे अधिकारी उठाते हैं. ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि प्रशांत कादियान गाड़ी पकड़ते हैं उसके बाद अपने मुंह बोले साले मंजीत से बात करने के लिए कहते हैं. और मंजीत ही सारे पैसे का लेन-देन करता है. उसकी भी ऑडियो ट्रांसपोर्टर्स ने जारी की है जिसमें साफ-सफ पैसे लेने की बात हो रही है. ऐसी ही कई रिकॉर्डिंग्स व्यापारियों ने जारी की हैं. जिनकी ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता ये जांच का विषय हो सकता है लेकिन ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारी अधिकारियों के इस खेल से तंग आ चुके हैं. इसीलिए वो अब खुलकर अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
करनालः सीएम सिटी में व्यापारी अधिकारियों से परेशान होकर प्रदर्शन पर उतर आए हैं. व्यापारियों का कहना है कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी उनकी गाड़ियों को रोककर उनसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में वसूलते हैं. अधिकारियों ने चारों तरफ अपना जाल फैला रखा है और बिना सेटिंग के एक भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाता है.
सीएम सिटी करनाल में भ्रष्टाचार का जाल! देखिए कैसे चल रही है उगाही ? परेशान ट्रांसपोर्टर्स ने किया प्रदर्शन
खुद को अधिकारियों की मनमानी से परेशान बताते हुए ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारियों ने आबकारी एवं कराधान विभाग के दफ्तर जाकर प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि ईटीओ प्रशांत कादियान और सतबीर कादियान अपनी मनमानी करते हैं किसी भी गाड़ी को रोककर उसे बंद कर देते हैं और जब तक रिश्वत न दे दी जाए तब तक नहीं छोड़ते हैं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं क्योंकि गाड़ी में लोड सामान के खराब होने का खतरा रहता है. क्योंकि इन गाड़ियों में ज्यादातर ड्राइ फ्रूट आता है.
कब-कब वसूली का आरोप ?
- 3 मई 2019 को प्रशांत कादियान ने एक गाड़ी रोकी और 2 लाख 25 हजार रुपए तय किये
- 3 अगस्त 2019 को प्रशांत कादियान ने ही गाड़ी पकड़ी और 2 लाख 35 हजार में मामला तय हुआ
- एक कश्मीर के ट्रांसपोर्टर का 5 लाख का चालान करने के नाम पर 2 लाख रुपये में सौदा तय हुआ
ये तो कुछ ही मामले हैं ऐसे ही न जाने कितनी बार इन अधिकारियों ने ट्रंसपोर्टर्स और व्यापारियों से पैसे वसूले हैं. अब आप बताइए कि सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश को आगे लेकर जाना चाहती है और अधिकारी इस तरीके से पलीता लगा रहे हैं.
कैसे होती है रिश्वत के लिए सेटिंग ?
करनाल जीटी रोड पर ईटीओ हैं प्रशांत कादियान वो लगातार यहां वाहनों को चेक करते हैं. जम्मू-कश्मीर के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से दिल्ली जाने के लिए इसी रोड पर जाना होता है. इसी का फायदा प्रशांत कादियान जैसे अधिकारी उठाते हैं. ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि प्रशांत कादियान गाड़ी पकड़ते हैं उसके बाद अपने मुंह बोले साले मंजीत से बात करने के लिए कहते हैं. और मंजीत ही सारे पैसे का लेन-देन करता है. उसकी भी ऑडियो ट्रांसपोर्टर्स ने जारी की है जिसमें साफ-सफ पैसे लेने की बात हो रही है. ऐसी ही कई रिकॉर्डिंग्स व्यापारियों ने जारी की हैं. जिनकी ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता ये जांच का विषय हो सकता है लेकिन ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारी अधिकारियों के इस खेल से तंग आ चुके हैं. इसीलिए वो अब खुलकर अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
Intro:मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र करनाल में खटटर सरकार के सफ़ेद कुर्ते पर आबकारी एवं कराधान विभाग का बड़ा दाग , सीएम सिटी के इतिहास में भ्र्ष्टाचार का अब तक का सबसे बड़ा खुलासा , विजिलेंस दफ्तर की नाक के नीचे चल रहा सेल्स टेक्स विभाग के अधिकारीयों का नंगा नाच , गाड़ियां पकड़ने और छोड़ने के खेल में सेल्स टेक्स अधिकारी हुए मालामाल , व्यापारियों से रिश्वतखोरी के स्टिंग में फंसे कराधान विभाग के कई बड़े अधिकारी।
Body:मुख्यमंत्री मनोहरलाल के विधानसभा क्षेत्र करनाल , जहाँ से वर्तमान में वे विधायक है और आगे भी विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं में ऐसा सनसनीखेज खुलासा सामने आया है जिसने ईमानदारी का दावा करने वाली भाजपा सरकार में अधिकारीयों के दामन को दागदार करके रख दिया है। जी हाँ खुद मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में उन्हीं के अधिकारी उनकी जड़ों में भ्र्ष्टाचार का मठ्ठा डाल कर सरकार की नींव को खोखला बना रहे हैं। आम जनता सब कुछ जानती और समझती है लेकिन सुनवाई न होने और कोई रास्ता न मिलने से सब चुप्पी साधे हुए हैं। हम बात कर रहे हैं करनाल के आबकारी एवं कराधान विभाग की जहाँ दिन रात विजिलेंस दफ्तर की नाक के नीचे भ्र्ष्टाचार का नंगा नाच जारी है। गाड़ियों को रोकने और छोड़ने के खेल में भ्र्ष्ट अधिकारी मालामाल हो रहे हैं फिर चाहे इस खेल की आड़ में कोई दुश्मन राष्ट्रिय सुरक्षा में सेंध क्यों न लगा दे। भ्र्ष्टाचार का ये खेल यूँ ही जारी रहता अगर पानी नाक से ऊपर न आता , करनाल कराधान विभाग के अधिकारीयों के तानाशाही रवैये से परेशान व्यापरियों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब नौबत व्यापार चौपट होने की आ गई। दिल्ली के व्यापारियों ने पिछले दिनों करनाल सेल्स टेक्स विभाग द्वारा बेवजह गाड़ियां पकडे जाने पर न केवल करनाल में आयकर विभाग के कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया अपितु उन्होंने पूर्व में सेल्स टेक्स अधिकारीयों द्वारा उगाहे गए रुपयों को लेकर ऑडियो रिकार्डिंग भी सार्वजनिक कर दी जिसमे साफ़ जाहिर हो रहा है की गाड़ियां पकड़ने और छोड़ने के इस खेल में अधिकारीयों ने अब तक क्या गुल खिलाये हैं। यही नहीं उन्होंने ऐसे दस्तावेज भी उपलब्ध कराये हैं जिनमे जुर्माने की लाखों रूपये की रकम को पैसों की एवज में न केवल कुछ हजार में बदल दिया गया अपितु कई जगह तो कागजों में जुर्माना लगा कर खत्म तक कर दिया गया। हमारे पास ऐसी रिकार्डिंग और दस्तावेज मौजूद हैं जो उक्त सेल्स टेक्स अधिकारीयों के भ्र्ष्टाचार को उजागर करती हैं। अगर सरकार द्वारा इन अधिकारीयों की सम्पत्ति की ईडी जैसी एजेंसी से जाँच कराई जाये तो सेल्स टेक्स विभाग में फैले एक बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश हो सकता है। भ्र्ष्टाचार का पहला दस्तावेजी सुबूत
भ्र्ष्टाचार के पहले दस्तावेजी सुबूत में 3 मई 2019 को ए टु जेड नाम की पार्टी की गाड़ी को करनाल में कराधान अधिकारी प्रशांत कादयान द्वारा पकड़ा गया , इसने मालिक से बात की , सेटिंग सवा दो लाख में हुई , दो लाख अपने साले मंजीत को पानीपत में संजय चौक पर दिला दिए। ख़ास बात ये है की दो लाख लेने के बाद 25 हजार को लेकर कादयान के साले मंजीत और ट्रांसपोर्टर मुनीर के बीच खूब कहा सुनी भी हुई। इस केस में गाडी का चालान तो बनाया गया था 4 लाख 80 हजार का जबकि आरटीजीएस कराई गई मात्र 49 हजार की , ये भी तीन फर्मो से ली गई। एक से 14 हजार की , दूसरे से 25 की तीसरे से दस हजार की। जिसमे 14 हजार की सरकारी रिकार्ड में जमा हो गई बाकी फेल हो गई। इस पुरे केस की ऑडिओ रिकार्डिंग साथ में संलग्न है।
भ्र्ष्टाचार का दुसरा दस्तावेजी सुबूत भ्र्ष्टाचार का दुसरा दस्तावेजी सुबूत 3 अगस्त 2019 का है जिसमे रोस्टर अनुसार ऑन ड्यूटी गाड़ी पकड़ी विभाग के ईटीओ प्रशांत कादयान ने , लेकिन घूसखोरी के चक्कर में बिना कारण बताये गाड़ी की फिजिकल वेरिफिकेशन कराने के साथ चालान काटा एक अन्य ईटीओ प्रवीण ने ,जो पूरी तरह विभागीय नियमों के खिलाफ है। इस केस में चालान तो बनाया गया 2 लाख 35 हजार का लेकिन 16 अगस्त को आरटीजीएस कराई गई लगभग 40 हजार की। इस प्रकार माल कमाने के चक्कर में इन भ्र्ष्ट अधिकारीयों ने सरकार को 1 लाख 95 हजार का चुना लगा डाला।
भ्र्ष्टाचार का तीसरा मुंह बोलता दस्तावेजी सुबूत
भ्र्ष्टाचार के तीसरे दस्तावेजी सुबूत में एस्टीम कश्मीर ट्रांसपोर्ट श्रीनगर की गाडी को ईटीओ प्रशांत कादयान द्वारा करनाल में रोका गया जिसकी तीन ऑडिओ रिकार्डिंग जिसमे प्रशांत कादयान द्वारा गाडी मालिक के साथ सौदेबाजी करते साफ़ सुना जा सकता है। प्रशांत कादयान गाडी मालिक आसिफ को 5 लाख की आरटीजीएस कराये जाने की बात कह रहा है लेकिन सेटिंग से 2 लाख में सौदा तय हो गया और मालिक से सरकारी खाते में केवल 65 हजार की आरटीजीएस कराई गई। साफ़ तौर पर इसमें विभाग को 4 लाख 35 हजार का राजस्व का चूना भ्र्ष्ट अधिकारीयों द्वारा लगाया गया।
व्यापारी मुनीर खान और ईटीओ प्रशांत कादयान के साले मंजीत के बीच बातचीत ( 22 जून 2019 )
व्यापारी - कौन मना करके गया है कादयान का साला मंजीत - अरे यार वो पैसे के लिए 25 हजार के लिए वो वहां पर .करनाल में व्यापारी - भाई साहब जब मै आपको दो लाख दे सकता हूँ तो क्या 25 हजार नहीं दे सकता , कादयान जी से कहना , बीच में कादयान का सालाबोलता है। व्यापारी अरे यार मेरी बात तो सुन लो , आप कादयान जी ये कहिये की जब में उनको दो लाख दे सकता हूँ तो 25 हजार के लिए दो चारघंटे इंतजार तो कर लें। मंजीत - अरे इस बात से क्या मतलब , सीधी सी बात जो में कह रहा हूँ व्यापारी - नहीं तो यार तुम मेरे ऊपर चिल्ला किसलिए रहे हो भाई , पहले ये बताओ। मंजीत - क्या चिल्ला दिया में व्यापारी - आहिस्ता बात करो , आवाज नीची करके बात करो। नहीं तो कादयान साहब से कह दो डायरेक्ट बात करें मुझसे , आपसे मेरा कोईमामला नहीं है। समझे आप , बोल दो उनको और दोबारा फोन मत करना बता रहा हूँ। मंजीत - तू तो परसों की तरह बात कर रहा है , में न्यू कह रहा हूँ की परसों भी बात करी थी न मेने तेरे से , आया था न फेर उल्टा फोन मेरे धोरे , व्यापारी - क्या , वो उनसे पूछो ना , में तो मना कर गया था की में नहीं जाऊंगा दोबारा , उनको आपके पैसे सेट कराने थे तो उन्होंने भेज दिया थाआपको तो मेने दे दिए थे। मंजीत - चलो ठीक है ठीक है व्यापारी - उनसे कहो मेरे से डायरेक्ट बात कर लें , चिल्ला के बात करने की जरूरत नहीं है।
ईटीओ कादयान और आसिफ के बीच की अन्य बातचीत
आसिफ - सर गाड़ी में किशमिश है खराब हो जायेगा, सर किरयाना है खराब हो जायेगा। कादयान - फिर भाई वो पर्ची तो तुमने कटवानी है आसिफ - सर वो तो मुझे पता है , भाई के लिए रहम कादयान - आज आना था तुमने आसिफ - आज हम गए थे ना दिल्ली कादयान - चलो कोई नहीं कल आ जाओ फिर , लेकिन पहले ही कह रहा हूँ आसिफ अगर वही बात करनी है तो फिर रहने दे , आने का कोई चक्कर नहीं। आसिफ - कौन सी बात कादयान - वही , क्या कहता है अपनी पर्ची पूरी कटवा ले। आसिफ - पूरी नहीं ,बोला ना थोड़ा कम कर दो कादयान - अच्छा ऐसा है चलो कल आ जाओ , देख ऐसा है ढंग की पर्ची कटानी है तो ठीक वरना रहने दे। आसिफ - वो तो में कटाऊंगा , पर तीन से कम , तीन तो बहुत हो गया। कादयान - तीन किसने बोला आपको आसिफ - क्या नाम , वो है ना आपके , दाढ़ी वाले कादयान - मेने तो उसको तीन बोला ही नहीं , उससे कब बात हुई तुम्हारी आसिफ - उसी टाइम हो गई थी उधर ही कादयान - मेने उससे कोई बात नहीं की , वो तो पानीपत में गाड़ी पकड़ी गई थी तो सुनील ढुल मेरा बैचमेट है उसको फोन कराया था। आसिफ - तो आप बोलो ना क्या करना है, थोड़ा भाई का सुन लो । कादयान - ऐसा है , तुम पूरी पांच लाख की पर्ची कटा लेना और पूरी की पेमेंट कर देना। आसिफ - सर वो तो बहुत हो गया न , वो कहाँ से लाऊंगा में।कादयान - चलो फिर क्या करें , कल आजा फिर। आसिफ - सर मुझे कश्मीर से आना है आप कर दो मेरा काम कादयान - तू कितने की पर्ची कटवाने की सोच रहा है आसिफ - सर में लास्ट , लास्ट दो तक , इससे ऊपर नहीं कादयान - ऐसा है आसिफ मेरी बात सुन फिर तो गाड़ी खड़ी रहेगी बस , देख ले , ले देकर कर ले , कल आजा , कल में और कुछ कम करने की कोशिश करूंगा , यही कर सकता हूँ आसिफ - सर एक काम कर लो , बीस मै कराता हूँ आरटीजीएस , बाकि में आपको देता हूँ दो। कादयान - अरे नहीं , अरे नहीं भाई , सुन ले मेरी बात , ऐसा कर कल आ जा , कल देखेंगे क्या बन सकता है , ठीक है आसिफ - चलो सर आपकी मर्जी
कराधान इंस्पेक्टर सतीश गुप्ता और व्यापारी मुनीर के बीच बातचीत सतीश गुप्ता - गाड़ी गलत पकड़ी , इसका 90 प्लस काम ठीक होता है , पता नहीं किसने उसको (सत्यवीर ) बहका दिया , कुत्ते होते हैं बतानेवाले भी , सत्यवीर नया आया है उसे पता नहीं था ,उसने गाड़ी रोक फिर पता नहीं उसने दो दिन उसके कागज अपने घर रख लिए औरकहीं चला गया , ये लवली सरदार भी अपनी प्रधानगी दिखता है। मेरा तो इससे एक साल पहले पाला पड़ा था , मेने तो सीधा कर दिया था इसे, पर्ची भी काटी थी इसकी और अहसास भी कराया था की हम तेरे को ओब्लाइज भी करते हैं , जो जायज रियायत थी वो भी कर दी थी , इसबार इसको बहाना मिल गया , मैंने इसको समझाया था की ये क्या कर रहे हो , नारे तो सारा देश लगान लग रहा है , नारे तो सी एम् के खिलाफभी लगते हैं , क्या कर लिया मीडिया को बुलाकर। अगर यही गाड़ी मेने रोकी होती तो चिल्लाता रहता ये , ऐसी तैसी करवा देता इसकी। मेने तोइंट्रेस्ट लिया नहीं की क्यों दूसरों के चक्कर में .. . व्यापारी गुप्ता से - लेकिन एक चीज समझ नहीं आ रही की गाड़ी रोकी सत्यवीर ने तो डीटीसी साहब को भी ,प्रवीण को भी , कादयान को भी ,सबकी इन्वॉल्वमेंट क्यों दिखा रहा है , ये तो हमने लवली की बात नहीं मानी , वो मुझे कह रहा था की मेरे पास तो रेकार्डिंग भी हैं अधिकारीयोंकी तो मैंने कहा हमे क्या लेना , हम तो जाते है ,अपना काम करवा आते हैं। ये लोग बहुत कोऑपरेटिव हैं। शफील भी कल करनाल में था, उसकी हर रोज दो तीन गाड़ियां निकलती हैं । वह लद्दाख का सबसे बड़ा व्यापारी है। मैंने उन्हें कहा था की ऐसा मत करो , खम्बे की तरहएक जगह खड़े रहो नहीं तो परेशानी खड़ी हो जाएगी , ये लोग बाद में तुम्हे परेशान करेंगे। गुप्ता - अब पता चल गया ना तो इन सबकी ..... गाली देता है , इनके सारे गोदामों पर छापा मरवा देंगे। दिल्ली वाले गोदामों पर ऐसी रेड डलेगी ये लोग याद रखेंगे। ये बड़े बदमाश बनते हैं। सरदार की तो पहले भी गाड़ी जब्त हो जाती , फिर आया था एप्रोच लेकर। व्यापारी - न्यू पंजाब वाले को रोक लो बेफिक्र होके , आधी से ज्यादा गाड़ी निकलेगी उसकी , गुप्ता - न्यू पंजाब वाले की देखते हैं , पहले इसकी (लवली ) करते हैं सी आई डी। Conclusion: