जींद: कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए अब ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. जींद स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी आधुनिक मशीनें मंगवाई हैं. जिससे मरीजों को हवा से ऑक्सीजन मिल जाया करेगी. ये मशीन सीधे हवा से प्रति मिनट पांच लीटर मेडिकल ऑक्सीजन बनाएगी. एक मशीन दो मरीजों के काम आ सकती है.
कोरोना मरीजों को मिली एडवांस तकनीक की मशीन
जींद के नागरिक अस्पताल में रोगियों को अब ऑक्सीजन ही नहीं बल्कि और भी कई बीमारियों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. क्योंकि अस्पताल में लगी ऑक्सीजन कंसनट्रेटर मशीन की और भी कई विशेषताएं हैं. एडवांस्ड तकनीक वाली इन मशीनों में ब्लड प्रेशर के साथ-साथ पल्स रेट भी दिखाई देगा. इससे रोगियों के साथ ही डॉक्टरों को भी लाभ मिलेगा. इस मशीन को शुरुआत में अस्पताल प्रशासन ने कोरोना वार्ड में लगाया है.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन हवा से बनाएगी ऑक्सीजन
जींद स्वास्थ्य विभाग के उप सिविल सर्जन डॉक्टर गोपाल गोयल ने पत्रकारों से कहा कि यह मशीन हवा से ऑक्सीजन बनाती है, जिससे रोगियों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह मशीन बिजली से चलती है और बार-बार यह देखने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी कि ऑक्सीजन समाप्त तो नहीं हो गई.
कोरोना वार्ड में लगाई गई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन
उप सिविल सर्जन डाक्ट गोपाल गोयल ने बताया कि वायु में 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है और यह मशीन 90 से 95 प्रतिशत ऑक्सीजन बना देती है, जिससे रोगियों को काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि शुरुआत में इन मशीनों को कोरोना वार्ड के रोगियों के लिए लगाया गया है.
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सामाजिक प्रतिनिधियों का मानना है कि जींद के सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी है. अस्पताल में पहले भी कई आधुनिक मशीनें आ चुकी हैं. लेकिन विशेषज्ञ नहीं होने के चलते ये मशीनें आज भी कबाड़ में धूल फांक रही हैं. उन्हें उम्मीद है कि इन मशीनों को ठीक ढंग से प्रयोग किया जाएगा.
सरकार ने जींद के अस्पताल में ऑक्सीजन मशीनें भेजकर कोरोना के मरीजों को संजीवनी देने का काम किया है. अब कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की कमी के चलते दूसरे अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.