जींद: कोरोना महामारी का बड़ा असर रोडवेज विभाग पर भी देखने को मिल रहा है. इस महामारी के आने से पहले जींद बस अड्डे पर यात्रियों में बसों के लिए मारामारी होती थी, लेकिन अब सूरत ए हाल पूरी तरह बदल गए हैं. बस अड्डे पर अब बसें हैं, लेकिन उनमें सफर करने के लिए यात्री नहीं है. बस अड्डे के बूथों पर बसें तो लगती हैं लेकिन यात्रियों के नहीं होने के कारण बसें चल नहीं पाती.
केवल पंचकूला के लिए निकली एक बस
दो दिन से केवल पंचकूला के लिए ही एक बस निकली, जो 29 यात्रियों को लेकर गई. जींद से पंचकूला जाने के लिए जो बस निकली उसमें 30 यात्रियों ने ऑनलाइन टिकट बुक करवाई थी. एक यात्री समय पर नहीं पहुंचा, इसलिए 29 यात्रियों को लेकर बस रवाना हुई. पंचकूला से जींद की तरफ आने वाले 28 यात्रियों ने टिकट बुक करवाई थी, इसलिए बस में वापसी के दौरान भी 28 यात्री जींद पहुंचे.
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ट्रायल के तौर पर एक बस रोहतक के लिए भेजी गई थी, इसमें जाते समय 14 यात्री थे लेकिन वापसी में एक भी यात्री नहीं मिला, इसलिए अब इस बस को रोहतक नहीं भेजा रहा है. जींद डिपो के जीएम ने कहा कि अभी जिले से अन्य रूटों पर बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है. रोडवेज प्रबंधन बसों को चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन फिलहाल यात्रियों की दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है. यात्रियों की संख्या बढ़ते ही अन्य रूटों पर भी बसों की सेवा बहाल कर दी जाएगी.
यात्रियों के लिए तरस रहा रोडवेज विभाग
बता दें कि, लॉकडाउन के बाद से ही बंद पड़ी बस सेवा को कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है. इस दौरान कोरोना से बचाव के उपायों का खास ध्यान रखा जाता है. यात्री के बस स्टैंड पर पहुंचते ही सबसे पहले उन्हें सैनिटाइज किया जाता है. उसके बाद उनकी स्क्रीनिंग की जाती है. उसके बाद ही यात्री को बस में बैठने दिया जाता है. बस में यात्रा को लेकर रोडवेज पूरी एहतियात बरत रही लेकिन फिर भी यात्री देखने को नहीं मिल रहे हैं.