ETV Bharat / city

हांसी जिला बनाओ आंदोलन के सात साल पूरे, सदस्यों ने दिया मौन धरना - make hansi district movement

हांसी जिला बनाओ संघर्ष समिति के आंदोलन के सात वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को समिति के सात सदस्यों ने 7 घंटे मौन व्रत रखा.

make hansi district movement is completed 7 years
make hansi district movement is completed 7 years
author img

By

Published : Jun 23, 2020, 9:45 PM IST

हिसार: 7 सालों के लंबे आंदोलन के बाद भी हांसी उपमंडल के सिर पर जिले का ताज नहीं सज पाया है. शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार व आर्थिक मोर्चे पर इलाका पिछड़ा हुआ है ये इलाका राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में अभी जिला बनने को मोहताज है. लेकिन प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों जिला बनाने के लिए फिर से सक्रियता दिखाई है और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अगुवाई में कमेटी का गठन कर दिया है, जिसे 10 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपनी है.

शिक्षा के मामले में पिछड़ा इलाका

उपमंडल में केवल एक सरकारी महाविद्यालय है, जहां प्रोफेशनल कोर्स नहीं होने से विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है. साक्षरता दर की बात करें तो आखिरी जनगणना के अनुसार 37 फीसद लोग असाक्षर हैं. ग्रामीण इलाके में 61 फीसद व महिलाओं की सारक्षरता दर करीब 55 फीसद के आसपास है. जिले में करीब 50 फीसद आबादी खेती के कार्य से जुड़ी हुई है.

हांसी जिला बनाओ आंदोलन के सात साल पूरे, देखें वीडियो

अब दावा और मजबूत

हांसी को जिला बनाने के लिए दो उपमंडल की जरुरत थी. उकलाना के ज्यादातर लोगों ने हांसी में शामिल होने के लिए इंकार कर दिया था व बवानी खेड़ा के सभी गांव भी इससे सहमत नहीं हुए थे. लेकिन अब नारनौंद उपमंडल, खेड़ी चौपटा उप-तहसील व बास तहसील बन चुका है. इसके अलावा सिसाय को नगर पालिका का दर्जा मिल चुका है. जिससे हांसी उपमंडल को जिला बनाने के लिए जरूरी नियम मापदंड पूरा होते नजर आ रहे हैं.

7 साल लंबा आंदोलन

हांसी जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामनिवास फौजी ने बताया की सरकार के सामने हर प्रकार से मांग रखी जा चुकी है. चरखी दादरी जो हांसी से कई मायनों में छोटा है उसे जिला बनाया जा चुका है. हांसी संघर्ष समिति ने आंदोलन के सात वर्ष पूरे होने पर मौन व्रत रखा. जल्दी हमारा प्रतिनिधि मंडल डिप्टी सीएम से मुलाकात करेगा. उन्होंने कहा कि हांसी को जिला बनाने की मांग एकदम जायज है. हमें उम्मीद है ये मांग जल्द पूरी होगी व ऐतिहासिक शहर के सिर जिले का ताज सजेगा.

ऐतिहासिक शहर है हांसी

आपको बता दे हांसी ऐतिहासिक तथ्य है कि अंग्रेजों के समय में 1870 में हांसी जिला ही नहीं बल्कि आर्यलैंड से आए जॉर्ज थामस की राजधानी हुआ करता. इसके बाद अंग्रेजों ने हिसार को जिला बना दिया. 23 जून 2013 को रामनिवास फौजी ने आन्दोलन की शुरुआत की थी. शहर में सदियों पुरानी कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिनमें सबसे प्रमुख पृथ्वीराज चौहान का किला व चारकुतुब दरगाह शामिल है.

हालांकि प्रदेश सरकार 2016 में हांसी को पुलिस जिला बनाया था व जल्दी पूर्ण राजस्व जिला बनाने का सैधांतिक वादा किया था. इसके बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों द्वारा हांसी को जिला बनाने के संबंध में टरकाने वाले बयान जगजाहिर हैं.

ये भी पढ़ें- उद्योग नगरी फरीदाबाद को खल रही लेबर की कमी, मजदूर नहीं होने से आधा हुआ उत्पादन

हिसार: 7 सालों के लंबे आंदोलन के बाद भी हांसी उपमंडल के सिर पर जिले का ताज नहीं सज पाया है. शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार व आर्थिक मोर्चे पर इलाका पिछड़ा हुआ है ये इलाका राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में अभी जिला बनने को मोहताज है. लेकिन प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों जिला बनाने के लिए फिर से सक्रियता दिखाई है और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अगुवाई में कमेटी का गठन कर दिया है, जिसे 10 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपनी है.

शिक्षा के मामले में पिछड़ा इलाका

उपमंडल में केवल एक सरकारी महाविद्यालय है, जहां प्रोफेशनल कोर्स नहीं होने से विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है. साक्षरता दर की बात करें तो आखिरी जनगणना के अनुसार 37 फीसद लोग असाक्षर हैं. ग्रामीण इलाके में 61 फीसद व महिलाओं की सारक्षरता दर करीब 55 फीसद के आसपास है. जिले में करीब 50 फीसद आबादी खेती के कार्य से जुड़ी हुई है.

हांसी जिला बनाओ आंदोलन के सात साल पूरे, देखें वीडियो

अब दावा और मजबूत

हांसी को जिला बनाने के लिए दो उपमंडल की जरुरत थी. उकलाना के ज्यादातर लोगों ने हांसी में शामिल होने के लिए इंकार कर दिया था व बवानी खेड़ा के सभी गांव भी इससे सहमत नहीं हुए थे. लेकिन अब नारनौंद उपमंडल, खेड़ी चौपटा उप-तहसील व बास तहसील बन चुका है. इसके अलावा सिसाय को नगर पालिका का दर्जा मिल चुका है. जिससे हांसी उपमंडल को जिला बनाने के लिए जरूरी नियम मापदंड पूरा होते नजर आ रहे हैं.

7 साल लंबा आंदोलन

हांसी जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामनिवास फौजी ने बताया की सरकार के सामने हर प्रकार से मांग रखी जा चुकी है. चरखी दादरी जो हांसी से कई मायनों में छोटा है उसे जिला बनाया जा चुका है. हांसी संघर्ष समिति ने आंदोलन के सात वर्ष पूरे होने पर मौन व्रत रखा. जल्दी हमारा प्रतिनिधि मंडल डिप्टी सीएम से मुलाकात करेगा. उन्होंने कहा कि हांसी को जिला बनाने की मांग एकदम जायज है. हमें उम्मीद है ये मांग जल्द पूरी होगी व ऐतिहासिक शहर के सिर जिले का ताज सजेगा.

ऐतिहासिक शहर है हांसी

आपको बता दे हांसी ऐतिहासिक तथ्य है कि अंग्रेजों के समय में 1870 में हांसी जिला ही नहीं बल्कि आर्यलैंड से आए जॉर्ज थामस की राजधानी हुआ करता. इसके बाद अंग्रेजों ने हिसार को जिला बना दिया. 23 जून 2013 को रामनिवास फौजी ने आन्दोलन की शुरुआत की थी. शहर में सदियों पुरानी कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिनमें सबसे प्रमुख पृथ्वीराज चौहान का किला व चारकुतुब दरगाह शामिल है.

हालांकि प्रदेश सरकार 2016 में हांसी को पुलिस जिला बनाया था व जल्दी पूर्ण राजस्व जिला बनाने का सैधांतिक वादा किया था. इसके बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों द्वारा हांसी को जिला बनाने के संबंध में टरकाने वाले बयान जगजाहिर हैं.

ये भी पढ़ें- उद्योग नगरी फरीदाबाद को खल रही लेबर की कमी, मजदूर नहीं होने से आधा हुआ उत्पादन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.