हिसार: किसान आंदोलन के समय नारनौंद में किसानों ने बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विरोध (farmer protest in narnaund) किया था. इस दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसान कुलदीप राणा घायल (kuldeep rana injured in farmer protest) हो गए थे. अब ये मामला दोबारा से तूल पकड़ रहा है. इस मामले को लेकर हिसार में किसान संगठन (farmer organization in hisar) ने प्रशासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और 2 दिन के अल्टीमेटम के बाद शुक्रवार को लघु सचिवालय के सामने इकट्ठा (farmers meeting in hisar) हुए. किसानों के आक्रोश को देखकर जिला उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि कुलदीप राणा के ऑपरेशन को लेकर कोई भी दिक्कत नहीं आएगी और उनके परिवार के एक सदस्य को किसी सहकारी संस्थान में जल्द ही नौकरी दी जाएगी.
किसान नेता सुमन हुड्डा ने कहा कि प्रशासन ने समझौते में कुलदीप राणा के इलाज का सारा खर्चा उठाने और उनके परिवार के एक सदस्य को डीसी रेट की नौकरी देने की बात पर सहमति दी थी, लेकिन अभी तक कुलदीप राणा को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. कुलदीप राणा के दो ऑपरेशन हो चुके हैं और तीसरा अभी होना है. अभी तक प्रशासन की तरफ से अस्पताल में कोई खर्च नहीं पहुंचा है. किसान आंदोलन कुलदीप राणा का कर्जदार है और जब तक कुलदीप राणा को न्याय नहीं मिलता किसान संगठन कुलदीप राणा के साथ खड़े रहेंगे.
गौरतलब है कि नारनौंद में 5 नवंबर को किसानों ने बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विरोध किया था. इस दौरान किसानों पर आरोप लगा कि उन्होंने सांसद की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया. बेकाबू होते प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया. इस सारे मसले के दौरान किसान कुलदीप राणा की तबीयत अचानक बिगड़ गई. वहीं, किसानों ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा सांसद के सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मी ने कुलदीप राणा के सिर पर मुक्के से वार किया था, जिसकी वजह से उनके सिर की नस फट गई. इसी से खफा होकर किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर धरना शुरू कर दिया. संयुक्त मोर्चा की दखल अंदाजी के बाद ये मामला हांसी पुलिस के लिए गले की फांस बन गया था.
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