हिसार: बीटेक के छात्र मनीष को 2 साल पहले रेलवे की परीक्षा देने के लिए कहीं बाहर जाना था लेकिन उसे जो बस मिली वह पहले से ही सवारियों से भरी हुई थी और इस तरह वो समय पर बस नहीं ले पाया और उसका पेपर छूट गया.
मनीष ने सोचा कि कोई ऐसी डिवाइस होनी चाहिए ताकि इंतजार कर रहे यात्री को बस की लोकेशन और उसमें खाली सीट की जानकारी मिल सके. इसी आइडिया को उन्होंने अपने प्रोजेक्ट के रूप में लिया और इस तरीके से स्मार्ट बस बनाने का प्रोजेक्ट अस्तित्व में आया.
तैयार की गई इस एप से यात्री बस की लोकेशन और उसमें सीटों के खाली होने के बारे में जानकारी पा सकते हैं. मात्र 4 महीने में ही 1000 रुपये की लागत से इस डिवाइस को डेवलप किया गया है. अगर इस डिवाइस को राज्य सरकार बसों में लगाकर प्रशिक्षण करें तो ये यात्रा को सुगम बनाने की ओर एक बढ़िया कदम होगा.