हिसार: कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में जिम्मेदारी व सेवा भाव से कार्य करने वालों के अनेक उदाहरण हर रोज सामने आ रहे हैं. कोरोना को हराने के इस अभियान में आईटीआई की वह महिला अनुदेशक भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं जो सुबह से शाम तक मास्क बनाने में लगी हुई हैं. इनके यह मास्क कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए बड़े हथियार साबित हो रहे हैं.
उपायुक्त के आह्वान पर शुरू किया काम
जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी के आह्वान पर जिला भर की सरकारी आईटीआई में चल रहे इन कोर्सेज की सभी अनुदेशकों ने पुरानी सब्जी मंडी के पास स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर में मास्क बनाने का कार्य शुरू किया है. यहां प्रतिदिन 15 से 20 महिला अनुदेशक सुबह से शाम तक मास्क का कपड़ा काटने, इलास्टिक व अन्य सामग्री की कटिंग से लेकर इनकी सिलाई, पैकिंग के कार्य में लगी हुई हैं. उनकी देखा देखी अन्य कोर्स की महिला अनुदेशक भी इनके साथ मास्क बनाने के कार्य में जुट गई हैं.
रंग-बिरंगे डिजाइनर व आकर्षक मास्क भी बनाए
आईटीआई के प्राचार्य जोगेंद्र सिंह ने बताया कि आईटीआई में केवल सफेद ही नहीं बल्कि रंग-बिरंगे डिजाइनर व आकर्षक मास्क भी बनाए जा रहे हैं. मास्क बनाने में अधिकांशतः सूती कपड़े का प्रयोग किया जा रहा है. यह कपड़े की गुणवत्ता व मास्क की लेयर के आधार पर 10 से 30 रुपये की कीमत के उच्च क्वालिटी के मास्क उपलब्ध हैं.
उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा आईटीआई में कपड़ा, इलास्टिक व अन्य सामग्री भिजवा कर उनकी कटिंग का कार्य भी आर्डर पर करवाया जा रहा है. जिला प्रशासन व स्वयं सहायता समूह को अब तक 35,000 मास्क की कटिंग करके दी जा चुकी है. इसके अलावा प्रशासन को तीन हजार मास्क पैक करके दिए गए हैं. वहीं 1500 मास्क विभिन्न विभागों व संस्थाओं को बिक्री किए जा चुके हैं.
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एक बार कार्य शुरू किया तो लक्ष्य भी पूरा हो गया, लेकिन यह महिला अनुदेशक लक्ष्य पूरा कर रुकी नहीं बल्कि इन्हें इस कार्य में इतने संतोष का अनुभव हुआ कि यह ड्यूटी से बढ़कर जिम्मेदारी से सेवा की भावना से सुबह से लेकर शाम तक इस कार्य में लगी हुई हैं. कोरोना से चल रही इस जंग में महिला अनुदेशक की ये पहल सराहनीय है.