गुरुग्राम: शारदीय नवरात्रि 2022 (Sharadiya Navratri 2022) के पहले दिन माता शीतला के दरबार में बड़ी संख्या में भक्तों ने मां के दर्शन किए. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है. हिमालय की पुत्री होने के कारण माता को शैलपुत्री का नाम दिया गया है. नवरात्रि में मां का व्रत करने और दर्शन करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. स्वास्थ्य समृद्धि के साथ सम्मान में भी वृद्धि होती. गुरुग्राम में शीतला माता के मंदिर (Maa Sheetla temple in Gurugram) में भक्तों का तांता लगा दिखा. भक्त माता के दर्शन आसानी से कर सकें इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
माता शीतला श्राइन बोर्ड की तरफ से भक्तों के लिए ठहरने, प्रसाद, पानी और बैठने की व्यवस्था भी की गई है. मंदिर के अंदर भक्त आसानी से दर्शन कर सकें इसलिए एक लंबे ग्रिल मार्ग को बनाया गया है. इसके साथ ही पुलिस के जवानों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है, जिससे सुरक्षा पुख्ता रहे. माता के दरबार में गुरुग्राम ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग इलाकों से लोग दर्शन के लिए आते हैं. शीतला माता मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
वहीं पानीपत के प्राचीन देवी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ने मां के दर्शन किए. मां शैलपुत्री के दर्शन (Maa Shailputri Worship on first day of Navratri) के लिए मंदिरों में भक्तों का तातां लगा दिखा. नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाएगी. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. कलश स्थापना के बाद मां का आवाहन किया जाता है. उनकी आराधना की जाती है. भक्तों को नवरात्रि का बड़े ही बेसब्री से इंतजार रहता है. मंदिरों में भी मां के जयकारे से पूरा परिसर गुंजायमान हो जाता है. नौ दिन नौ अलग-अलग रूपों के दर्शन मां के मिलते हैं.