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चंडीगढ़ प्रशासन ने दशहरा, दीपावली और गुरु पर्व के लिए दी ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति, तय किया ये समय

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Published : Sep 30, 2022, 10:42 PM IST

चंडीगढ़ प्रशासन ने आने वाले त्योहारों के लिए ग्रीन पटाखे जलाने (Permission to Burn Green Crackers in Chandigarh) की अनुमति दे दी है. इसके अलावा प्रशासन ने पटाखे जलाने का समय भी तय किया है. इसी तय समय सीमा के अंदर ही लोग ग्रीन पटाखे चला पायेंगे.

चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति
चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति

चंडीगढ़: प्रशासन ने दशहरा, दीपावली और गुरु पर्व पर लोगों को ग्रीन पटाखे जलाने की छूट के संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं. इसको लेकर चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला किया गया. हालांकि सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ के लोग ग्रीन क्रैकर्स एक निर्धारित समय अवधि के दौरान ही जला पाएंगे.

ग्रीन क्रैकर्स जलाने का समय- चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इसके लिए समय निर्धारित किया गया है, जिसके तहत दीपावली के मौके पर रात 8 बजे से 10 बजे तक और दशहरे के मौके पर पुतलों के दहन के समय रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे. इसके साथ ही गुरु पर्व के मौके पर सुबह 4 से 5 और शाम 9 से 10 बजे तक ग्रीन क्रैकर्स लोग जला पाएंगे.

चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति
चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति.

2018 में लगा था बैन- बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में 2018 में एक आदेश पारित किया था. जिसके तहत दीपावली और अन्य पर्वों के साथ गुरु पर्व पर पटाखे जलाने का समय रात 8 से 10 बजे तय किया गया था. इसके साथ ही एनजीटी ने भी इस संबंध में आदेश जारी किया था. जिसके तहत महानगरों और शहरों में हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए समय तय करने के निर्देश दिए गए थे. पटाखे जलाने के लिए एक समय अवधि तय करने के लिए कहा था.

चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति
चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति.

क्या हैं ग्रीन क्रैकर्स, यह कितना सुरक्षित है- पटाखों पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रतिबंध के बाद 2018 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान (CSIR-NEERI) ने शोध शुरू किया. उन्होंने श्वास, सफल और स्टार सीरीज (SWAS, SAFAL, STAR) के तहत ऐसे पटाखे विकसित किए, जिनकी आवाज और रोशनी सामान्य क्रैकर्स की तरह हैं मगर उससे जानलेवा गैस बहुत कम निकलती है. इससे सामान्य से 30 से 40 फीसद तक प्रदूषण कम होता है. इन पटाखों में हानिकारक एल्युमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रोजन व कार्बन का प्रयोग बहुत कम होता है. इसे फोड़ने पर 125 डीबी या 145 डीबी से अधिक का साउंड भी नहीं होता है. कुल मिलाकर ये पटाखे पर्यावरण को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये सारे पटाखे पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO ) से मंजूरी के बाद बाजार में उतारे गए हैं.

ये भी पढ़ें- दिवाली में चलेंगे सिर्फ ग्रीन पटाखे, जानिए यह कहां मिलेगा?

चंडीगढ़: प्रशासन ने दशहरा, दीपावली और गुरु पर्व पर लोगों को ग्रीन पटाखे जलाने की छूट के संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं. इसको लेकर चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला किया गया. हालांकि सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ के लोग ग्रीन क्रैकर्स एक निर्धारित समय अवधि के दौरान ही जला पाएंगे.

ग्रीन क्रैकर्स जलाने का समय- चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इसके लिए समय निर्धारित किया गया है, जिसके तहत दीपावली के मौके पर रात 8 बजे से 10 बजे तक और दशहरे के मौके पर पुतलों के दहन के समय रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे. इसके साथ ही गुरु पर्व के मौके पर सुबह 4 से 5 और शाम 9 से 10 बजे तक ग्रीन क्रैकर्स लोग जला पाएंगे.

चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति
चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति.

2018 में लगा था बैन- बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में 2018 में एक आदेश पारित किया था. जिसके तहत दीपावली और अन्य पर्वों के साथ गुरु पर्व पर पटाखे जलाने का समय रात 8 से 10 बजे तय किया गया था. इसके साथ ही एनजीटी ने भी इस संबंध में आदेश जारी किया था. जिसके तहत महानगरों और शहरों में हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए समय तय करने के निर्देश दिए गए थे. पटाखे जलाने के लिए एक समय अवधि तय करने के लिए कहा था.

चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति
चंडीगढ़ में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति.

क्या हैं ग्रीन क्रैकर्स, यह कितना सुरक्षित है- पटाखों पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रतिबंध के बाद 2018 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान (CSIR-NEERI) ने शोध शुरू किया. उन्होंने श्वास, सफल और स्टार सीरीज (SWAS, SAFAL, STAR) के तहत ऐसे पटाखे विकसित किए, जिनकी आवाज और रोशनी सामान्य क्रैकर्स की तरह हैं मगर उससे जानलेवा गैस बहुत कम निकलती है. इससे सामान्य से 30 से 40 फीसद तक प्रदूषण कम होता है. इन पटाखों में हानिकारक एल्युमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रोजन व कार्बन का प्रयोग बहुत कम होता है. इसे फोड़ने पर 125 डीबी या 145 डीबी से अधिक का साउंड भी नहीं होता है. कुल मिलाकर ये पटाखे पर्यावरण को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये सारे पटाखे पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO ) से मंजूरी के बाद बाजार में उतारे गए हैं.

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