चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ सरकार की चिंता भी बढ़ने लगी है. इसी को लेकर एक याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि नागरिकों को महामारी से बचाने के लिए अधिक डॉक्टरों की आवश्यकता है. हाई कोर्ट ने हरियाणा राज्य को निर्देश दिया कि वह एमबीबीएस डॉक्टर को एक सामान्य श्रेणी में खाली पड़े चिकित्सा अधिकारी के 12 पदों में से एक पद पर योग्य माना जाए.
जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने कहा कि देश को कोरोना महामारी से बचाने के लिए डॉक्टर की जरूरत है और इसीलिए ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर के रिक्त पदों को भरा जाए ताकि देश के नागरिकों को कोरोना महामारी से बचाया जा सके.
यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष तब आया, जब डॉक्टर आशीष अग्रवाल ने एक याचिका दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें 642 मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति के समय उन्हें योग्य नहीं समझा गया.
ये भी पढ़ें- कोरोना से लड़ाई में हरियाणा की मदद करेंगे सेना के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ
हाई कोर्ट के समक्ष याचिका में कहा गया कि क्या याचिकाकर्ता चयन प्रक्रिया में शामिल हुई और क्या सिर्फ इस आधार पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है कि दिल्ली नगर परिषद द्वारा पंजीकरण प्रमाण पत्र तब दिया गया, जिस दिन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि थी.
जस्टिस सेठी ने कहा कि दिल्ली नगर परिषद द्वारा रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देरी से दिया गया. ऐसे में क्या याचिकाकर्ता सीट के लायक नहीं रही, जबकि इन्हीं पोस्ट में कई ऐसे डॉक्टर्स को भर्ती किया गया है. जिनका मेरिट याचिकाकर्ता से कम था.