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किसानों को बर्बाद कर देगा नया भूमि अधिग्रहण बिल, इसके खिलाफ आज राज्यपाल को ज्ञापन देंगे हुड्डा

भूमि अधिग्रहण बिल (Land Acquisition Bill) और किसानों पर लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के नेतृत्व में आज दोपहर कांग्रेस विधायक राज्यपाल (Governor of Haryana) से मुलाकात करेंगे. इसके बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं.

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किसानों को बर्बाद कर देगा नया भूमि अधिग्रहण बिल, इसके खिलाफ आज राज्यपाल को ज्ञापन देंगे पूर्व सीएम हुड्डा
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Published : Aug 31, 2021, 11:09 AM IST

Updated : Aug 31, 2021, 11:23 AM IST

चंडीगढ़: भूमि अधिग्रहण बिल (Land Acquisition Bill) और किसानों पर लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के नेतृत्व में आज दोपहर कांग्रेस विधायक राज्यपाल (Governor of Haryana) से मुलाकात करेंगे. महामहिम राज्यपाल को प्रदेश सरकार के नए भूमि अधिग्रहण बिल (Land Acquisition Bill) के खिलाफ एवं करनाल में हुई लाठीचार्ज को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. इसके बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस (Bhupinder Singh Hooda Press Conference) भी कर सकते हैं.

पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी जनसरोकार की नहीं बल्कि सर्वे और सर्विलांस की सरकार है. गठबंधन सिर्फ इवेंटबाजी और विज्ञापन के जरिए सरकार चलाना चाहता है, जो संभव नहीं है. मौजूदा सरकार की कुनीतियों से हर वर्ग प्रताड़ित है. यह सरकार किसानों के अधिकारों पर लगातार कुठाराघात करने में लगी है. इसी के तहत मॉनसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल लाया गया.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचेगा किसानों पर लाठीचार्ज का मामला, कांग्रेस करेगी शिकायत

इसके तहत कांग्रेस सरकार (Congress Government) के दौरान बनाए गए कानून से किसानहित के प्रावधानों को खत्म कर दिया गया. नए कानून का मकसद बिना सहमति किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हवाले करना है. सरकार ने अब 70 प्रतिशत किसानों की सहमति, सेक्शन-4, सेक्शन-6 के नोटिस करने और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लॉट देने जैसे तमाम नियमों को समाप्त कर दिया है. अब कोई भी कलेक्टर बिना किसानों की सहमति रातों-रात उनकी जमीन का अधिग्रहण कर सकता है.

हुड्डा ने कहा कि पेपर लीक होना इस सरकार की परंपरा बन गई है. एचपीएससी और एचएसएससी सरकारी नौकरियों की दुकान बन गई है. पेपर लीक मामले में कुछ लोग पुलवामा से पकड़े गए हैं, यानी यह अब अंतर-राज्यीय मामला बन गया है. इसलिए इसकी सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच जरूरी है. इस संदर्भ में विपक्ष की नहीं तो सरकार को कम से कम अपने गृह मंत्री की बात मान लेनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- किसानों पर लाठीचार्ज से भड़के भूपेंद्र हुड्डा, बोले- सरकार ने बहाया अन्नदाता का खून

चंडीगढ़: भूमि अधिग्रहण बिल (Land Acquisition Bill) और किसानों पर लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के नेतृत्व में आज दोपहर कांग्रेस विधायक राज्यपाल (Governor of Haryana) से मुलाकात करेंगे. महामहिम राज्यपाल को प्रदेश सरकार के नए भूमि अधिग्रहण बिल (Land Acquisition Bill) के खिलाफ एवं करनाल में हुई लाठीचार्ज को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. इसके बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस (Bhupinder Singh Hooda Press Conference) भी कर सकते हैं.

पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी जनसरोकार की नहीं बल्कि सर्वे और सर्विलांस की सरकार है. गठबंधन सिर्फ इवेंटबाजी और विज्ञापन के जरिए सरकार चलाना चाहता है, जो संभव नहीं है. मौजूदा सरकार की कुनीतियों से हर वर्ग प्रताड़ित है. यह सरकार किसानों के अधिकारों पर लगातार कुठाराघात करने में लगी है. इसी के तहत मॉनसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल लाया गया.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचेगा किसानों पर लाठीचार्ज का मामला, कांग्रेस करेगी शिकायत

इसके तहत कांग्रेस सरकार (Congress Government) के दौरान बनाए गए कानून से किसानहित के प्रावधानों को खत्म कर दिया गया. नए कानून का मकसद बिना सहमति किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हवाले करना है. सरकार ने अब 70 प्रतिशत किसानों की सहमति, सेक्शन-4, सेक्शन-6 के नोटिस करने और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लॉट देने जैसे तमाम नियमों को समाप्त कर दिया है. अब कोई भी कलेक्टर बिना किसानों की सहमति रातों-रात उनकी जमीन का अधिग्रहण कर सकता है.

हुड्डा ने कहा कि पेपर लीक होना इस सरकार की परंपरा बन गई है. एचपीएससी और एचएसएससी सरकारी नौकरियों की दुकान बन गई है. पेपर लीक मामले में कुछ लोग पुलवामा से पकड़े गए हैं, यानी यह अब अंतर-राज्यीय मामला बन गया है. इसलिए इसकी सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच जरूरी है. इस संदर्भ में विपक्ष की नहीं तो सरकार को कम से कम अपने गृह मंत्री की बात मान लेनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- किसानों पर लाठीचार्ज से भड़के भूपेंद्र हुड्डा, बोले- सरकार ने बहाया अन्नदाता का खून

Last Updated : Aug 31, 2021, 11:23 AM IST
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