चंडीगढ़: हरियाणा में पंचायत चुनाव (haryana panchayat election) अभी आगे भी टल सकते हैं. हालांकि हरियाणा सरकार पंचायत चुनाव कराने को तैयार है. चुनाव टलने की मुख्य वजह पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ प्रावधान हैं, जिनके खिलाफ हाईकोर्ट में करीब 13 याचिकाएं दायर कर चुनौती दी गई है. हरियाणा में पंचायत चुनाव को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (punjab and haryana high court) में अब अगली सुनवाई 30 नवंबर 2021 को होगी.
याचिकाकर्ता ने राज्य के पंचायत विभाग द्वारा 15 अप्रैल को अधिसूचित हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2020 को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए रद्द किए जाने की हाईकोर्ट से मांग की हुई है. हाईकोर्ट को बताया जा चुका है कि इस संशोधन के तहत की गई नोटिफिकेशन के तहत पंचायती राज में 8 प्रतिशत सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं और यह तय किया गया है कि न्यूनतम सीटें 2 से कम नहीं होनी चाहिए.
याचिकाकर्ता के अनुसार यह दोनों ही एक दूसरे के विपरीत हैं क्योंकि हरियाणा में 8 प्रतिशत के अनुसार सिर्फ छह जिले हैं, जहां 2 सीटें आरक्षण के लिए निकलती हैं. अन्यथा 18 जिले में सिर्फ 1 सीट आरक्षित की जानी है. जबकि सरकार ने 15 अप्रैल की नोटिफिकेशन के जरिए सभी जिलों में बीसी-ए वर्ग के लिए 2 सीटें आरक्षित की हैं, जो कानूनन गलत है.
इससे पहले हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर कर कहा था कि वह चुनाव कराने को तैयार है, लिहाजा हाई कोर्ट इसके लिए इजाजत दे. हाई कोर्ट ने सरकार की इस अर्जी पर याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था. आपको बता दें कि हरियाणा में 23 फरवरी को ही पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है.
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