चंडीगढ़: कोविड-19 के कारण पैदा हुई परिस्थितियों को लेकर आज चंडीगढ़ में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में प्रदेश में वर्कर्स को वापस लाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया गया.
मजदूरों को मिलेंगे 1500 रुपये
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार मजदूरों को होने वाली समस्याओं को लेकर गंभीर है और उनके निदान का हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन लेबर वेल्फेयर बोर्ड में आज निर्णय लिया गया कि बोर्ड के साथ जो भी कंस्ट्रक्शन साइट और बोर्ड के मेंबर रजिस्टर्ड हैं अगर वो वापस अपने वर्कर्स को लाना चाहते हैं तो वर्कर्स को किराए के रूप में 1500 रु. दिए जाएंगे और इन साइट्स को खोला जाएगा.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली यह राशि प्रदेश में पहुंचते ही तुरंत श्रमिक को उपलब्ध करवाई जाएगी और सरकार यह सुविधा आगामी दो माह तक प्रदान करेगी. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सरकार श्रमिकों को दूसरे प्रदेश से हरियाणा में लाने के लिए सरकारी बसों की सुविधा भी उपलब्ध करवा सकती है. वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते अब तक तीन लाख दस हजार श्रमिकों को 154 करोड़ रूपये की राशि प्रदान की गई है जिसके तहत प्रत्येक श्रमिक को एक हजार रुपये प्रति सप्ताह की राशि दी गई.
दूसरे जिलों में जाने वाले श्रमिकों को बस पास देने की योजना
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि श्रमिक कल्याण बोर्ड श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने को प्रतिबद्ध है. सरकार एक जिले से दूसरे जिलों में भवन व अन्य निर्माण कार्यों के लिए जाने वाले श्रमिकों को बस पास की सुविधा देने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
उन्होंने बताया कि छात्रों की तर्ज पर श्रमिकों को बस पास सुविधा देने को लेकर राज्य परिवहन विभाग के साथ श्रमिक कल्याण बोर्ड की बात चल रही है. उन्होंने कहा कि बस पास योजना के तहत एक माह तक ऐसे श्रमिकों की पास की सुविधा दी जाएगी जो दूसरे जिलों में काम कर रहे हैं. कृषि कार्यों के लिए भी यदि किसान प्रवासी श्रमिकों को यहां लाना चाहती है तो वे संबंधित जिला उपायुक्तों से इस बारे संपर्क करें, उन्हें भी सरकार सुविधाएं देगी.
पीएम के साथ बैठक में बिहार के सीएम ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि, 17 जून को पीएम मोदी ने देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी. इस चर्चा में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों और राज्य के अधिकारियों से कोरोना महामारी को लेकर की गई व्यवस्थाओं पर चर्चा की थी. वहीं इस बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पलायन कर घर लौटे श्रमिकों का मुद्दा उठाया था. नीतीश कुमार ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा में काम करने वाले मजदूर जो लॉकडाउन के कारण बिहार लौटे हैं, उनमें से कई मजदूर वापस जाना चाहते हैं.
इस पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मजदूरों को बसें भेजकर वापस लाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि बैठक के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार से काफी लोग हरियाणा-पंजाब में वापस खेती और उद्योगों की तरफ वापस लौटना चाह रहे हैं. जिस पर हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि अगर कोई इंडस्ट्री मालिक या किसान अपनी जरूरत के हिसाब से लेबर की सूचना सरकार को मुहैया करवाती है, तो सरकार रोडवेज की बसों से बिहार से मजदूरों को वापस लाएगी.
दुष्यंत ने जल्द वेब पोर्टल लॉन्च करने की कही थी बात
17 जून को पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि जल्द ही एक पोर्टल भी शुरू किया जाएगा. जिसमें उद्योग लेबर वापस बुलाने की अपील कर सकेंगे. इसके अलावा उद्योगों और निर्माण क्षेत्र भी इसी तरीके से अपनी जरूरत बता सकता है. इन पोर्टल्स को सभी जिला उपायुक्तों की देख रेख में संचालित किया जाएगा.
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