चंडीगढ़: शहर को गार्बेज फ्री सिटी रैंकिंग में 3 स्टार हासिल हुए हैं. बीजेपी और नगर निगम 3 स्टार रैंकिंग आने पर भी खुशी जाहिर कर रहे हैं. लेकिन चंडीगढ़ कांग्रेस ने नगर निगम और बीजेपी नेताओं को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस नेता और पार्षद देवेंद्र बबला ने इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं पर जमकर निशाना साधा.
'शहर 1 स्टार के भी नायक नहीं'
ईटीवी से बात करते हुए देवेंद्र बबला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ की हालत बहुत बुरी कर दी है. चंडीगढ़ की इस समय जो हालत है, उसे देख कर तो ये लगता है कि चंडीगढ़ 1 स्टार रैंकिंग के लायक भी नहीं बचा है.
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ को जो 3 स्टार रैंकिंग मिली है, वो भी बीजेपी के फर्जीवाड़े के कारण ही मिली है. क्योंकि बीजेपी ने अपने नेताओं से मोबाइल के जरिए ज्यादा से ज्यादा फीडबैक भरने के लिए कहा था और ये सारी फीडबैक फर्जी तरीके से भरी गई हैं. जिस वजह से चंडीगढ़ को 3 स्टार रैंकिंग भी मिल पाई है. उन्होंने कहा कि अगर मोबाइल ऐप में सही तरीके से फीडबैक भरी जाती तो शायद चंडीगढ़ को एक स्टार भी नहीं मिलता.
'रैंकिंग नहीं, सफाई चाहिए'
उन्होंने कहा कि लोगों को 3 स्टार या फाइव स्टार रैंकिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें तो अपने शहर में सफाई चाहिए और चंडीगढ़ में सफाई बिल्कुल नहीं है. सड़कों पर सूखे पत्ते और कचरा फैला रहता है. जगह-जगह से बदबू आती है. ऐसे में रैंकिंग हासिल करने का क्या फायदा. उन्होंने कहा कि अगर सीनियर डिप्टी मेयर चंडीगढ़ में सफाई की बात करते हैं तो वो अपने खुद के वार्ड को ही देख लें कि वो कितना साफ है.
'सेग्रीगेशन में करोड़ों बर्बाद'
बबला ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने कचरे के सेग्रीगेशन के नाम पर करोड़ों रुपये बर्बाद कर दिए. नगर निगम ने पूरे चंडीगढ़ में लोगों को हरे और नीले रंग के कचरे के डिब्बे बांटे थे. लेकिन वो इतने छोटे थे कि उसमें एक घर का कचरा भी नहीं आ सकता था. इसलिए ये योजना पूरी तरह से फेल हो गई.
उन्होंने कहा कि मैं प्रशासन से ये मांग करना चाहता हूं कि नगर निगम को तुरंत भंग कर दिया जाए. क्योंकि नगर निगम में सिर्फ पैसे की बर्बादी की जा रही है. शहर की भलाई के लिए कोई काम नहीं किया जा रहा. अगर प्रशासन खुद उस पैसे को शहर पर खर्च करे तो चंडीगढ़ फिर से सिटी ब्यूटीफुल बन जाएगा.
डंपिंग ग्राउंड को हटाने के मामले में देवेंद्र बबला ने कहा कि नगर निगम ने बड़े जोर-शोर से वहां पर मशीनें लगवाकर काम शुरू करवाया था और कहा था कि अगले डेढ़ साल में डंपिंग ग्राउंड को हटा दिया जाएगा. लेकिन कुछ दिन चलने के बाद वो मशीनें अब तक बंद पड़ी हैं. नगर निगम डेढ़ साल तो क्या 10 सालों में भी डंपिंग ग्राउंड को हटा नहीं सकता.
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