चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी संस्थाओं से ‘मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड’ में यथा-क्षमता योगदान करने की अपील भी की. वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान समाजसेवी संस्थाओं को जानकारी दी गई कि लोगों की सहायता के लिए तीन पोर्टल बनाए गए हैं जिनका उपयोग राज्य भर में सामाजिक संगठनों और जिला प्रशासन द्वारा किया जा सकता है.
इनमें पहला पोर्टल, trackpds.edisha.gov.in है. इसका उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि जिला प्रशासन या सामाजिक संगठनों द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से प्रदान किया जा रहा राशन संबंधित व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं. आधार कार्ड या मोबाइल के माध्यम से यह भी पता चल सकेगा कि किसी व्यक्ति ने राशन कब और कितना लिया था.
दूसरा पोर्टल, poorpreg.haryana.gov.in है जो जिससे यह पता चल सकेगा कि कोई व्यक्ति वित्तीय सहायता के लिए पात्र है या नहीं, क्या वह पहले किसी दूसरी योजना से वित्तीय सहायता ले चुका है या नहीं. तीसरा पोर्टल, covidunit.edisha.gov.in है जहां लोकल-कमेटी परिवार का विवरण दर्ज करेगी, जिसमें राशन के लिए सहायता लेने वाले लोगों की जानकारी शामिल होगी.
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मुख्यमंत्री ने संस्थाओं के लोगों से आह्वान किया कि वे इस महामारी के समय गरीब जरूरतमंद लोगों को राशन या खाना के पैकेट वितरित करते समय लोकल-कमेटी को शामिल करें ताकि गली-मौहल्ले के आखरी घर तक आवश्यक सामान पहुंच सके. मुख्यमंत्री ने बताया कि लोगों को उनके घर-द्वार पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मोबाइल-डिस्पेंसरी शुरू की गई हैं.
उन्होंने बताया कि राज्य में जो सेफ-कैंप बनाए गए हैं उनमें हजारों की संख्या में लोग रूके हुए हैं. उन्होंने संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा कि मजदूरों के लिए बनाए गए सेफ-कैंपों में रहने वाले मजदूरों को मानसिक संबल दें और उनमें से जो मजदूर अपने घर जाने की तीव्र इच्छा रखते हैं उनको समझाएं कि अभी घर जाना कोरोना वायरस के फैलाव की संभावना के मद्देनजर उनके लिए तथा उनके परिवार के लिए सुरक्षित नहीं है. अगर वे चाहते हैं तो आस-पास के क्षेत्र में फसलों की कटाई या कढ़ाई में काम कर सकते हैं, बशर्ते वे सोशल-डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि प्रशासन व संस्थाओं को सेफ-कैंपों को छोडकर बाकी जरूरतमंद बस्तियों में पका हुआ भोजन भेजने की बजाये सूखा-राशन के पैकेट वितरित करने पर बल देना चाहिए क्योंकि पका हुआ भोजन अगर अतिरिक्त वितरित किया गया तो वह खराब भी हो सकता है जबकि सूखा-राशन खराब नहीं होगा.
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