चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच का दायरा हो सकता है मुझसे बड़ा हो, जहां तक उनकी सोच जाती है, हो सकता है मेरी सोच वहां तक ना जाती हो, लेकिन मेरी जितनी सोच है उसके हिसाब से लॉकडाउन में छूट मिलने से मुझे डर लगना स्वाभाविक है. ये बात प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कही है. विज से सवाल किया गया था कि लॉकडाउन में ढील को लेकर आपको डर लग रहा है, क्या मुख्यमंत्री को डर नहीं लगता ?
प्रदेश सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील देने वाले फैसले को लेकर गृह मंत्री अनिल विज इन दिनों नाखुश दिख रहे हैं. इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री एक बार फिर आमने-सामने खड़े हैं. अनिल विज व मनोहर लाल में इससे पहले भी कई फैसलों को लेकर खींचतान देखी जा चुकी है. लॉकडाउन के दौरान यह दूसरा किस्सा है जिसमें दोनों के बयान मेल खाते नहीं दिख रहे.
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अभी हाल ही में विज ने डोर टू डोर स्क्रीनिंग की बात की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने डोर टू डोर स्क्रीनिंग को संभव ना होना बताया, तो अब एक बार फिर लॉगडाउन में ढ़ील को लेकर एक बार फिर दोनों आमने सामने दिख रहे हैं. विज का मानना है कि सरकार ने बाजारों को खोलने की छूट दी है, यह अच्छी बात है, लेकिन बतौर स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री होने के नाते मुझे डर लग रहा है.
विज ने अपने डर का कारण स्पष्ट करते हुए बताया कि अगर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क ना पहनना, हाथ ना मिलाने और गले ना मिलने की बातों को नहीं माना तो यह बहुत घातक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस हर दुकान पर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं करवा सकती. इसका दायित्व पूरी तरह से जनता पर है. अगर लोगों ने इसकी पालना नहीं की तो इसके परिणाम बहुत घातक होंगे.
विज ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के दिन प्रतिदिन स्वरूप बदल रहे हैं. अब यह नहीं पता चल सकता कि कौन कोरोना का पेशेंट है. अब तो हो सकता है आपके पास बैठा व्यक्ति कोरोना से ग्रस्त हो और वह जाता-जाता आपको भी बीमारी दे जाए. इससे बचने के लिए विज ने फिर सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला दिया. गृहमंत्री इस ढील से चिंतित हैं, वह चेतावनी दे रहे हैं कि इस समय विशेष बातों का ध्यान नहीं रखा तो यह भयानक बीमारी और ज्यादा फैल सकती है.
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