ETV Bharat / city

सवालों के घेरे में 134ए के दाखिले, सामाजिक संगठन कोर्ट जाने की तैयारी में

134ए प्रदेश भर में हजारों अभिभावकों के लिए वरदान के तौर पर लागू किया गया था पर हर साल की तरह है सरकार की ढिलाई और अधिकारियों की लापरवाही के चलते प्रदेश में हजारों अभिभावक अपने बच्चों का नियम 134ए के तहत दाखिला करवाने से वंचित हैं.

bwn
author img

By

Published : Jun 26, 2019, 11:27 PM IST

भिवानी: नियम 134ए को लेकर काम करने वाले सामाजिक संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहयोग ने अब हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है. संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट बृजपाल परमार ने बताया कि इस बार 134ए के तहत प्रदेश भर में 1 लाख 36 हजार बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे.

उन्होंने बताया कि इनमें से 1 लाख 25 हजार बच्चों ने परीक्षा दी और 78 हजार बच्चों ने परीक्षा पास की. एक माह बाद भी परीक्षा पास करने वाले 78 हजार में से महज 26 हजार बच्चों का ही निजी स्कूल में दाखिला हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व अधिकारी निजी स्कूल संचालकों के आगे नतमस्तक हैं. जल्द ही यह दाखिले नहीं हुए तो उनका संगठन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

जब इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता से बात की तो उन्होंने लीपापोती करते हुए बताया कि 134ए की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जिसके तहत पहले राउंड में 466 और दूसरे राउंड में 1658 बच्चों का दाखिला हुआ है. उन्होंने परीक्षा पास करने वाले बच्चों के दाखिले ना होने पर कहा कि निजी स्कूलों द्वारा अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन करने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी.

अंत में देंखे तो हालत बहुत खराब है क्योंकि नियम 134ए के तहत जितने बच्चों को दाखिला मिलता है. उससे कहीं ज्यादा बच्चे परीक्षा पास करने के बाद भी दाखिले की उम्मीद में दर-दर की ठोकर खाकर भी दाखिले से वंचित रह जाते हैं और पढ़ाई बाधित हो जाती है.

भिवानी: नियम 134ए को लेकर काम करने वाले सामाजिक संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहयोग ने अब हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है. संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट बृजपाल परमार ने बताया कि इस बार 134ए के तहत प्रदेश भर में 1 लाख 36 हजार बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे.

उन्होंने बताया कि इनमें से 1 लाख 25 हजार बच्चों ने परीक्षा दी और 78 हजार बच्चों ने परीक्षा पास की. एक माह बाद भी परीक्षा पास करने वाले 78 हजार में से महज 26 हजार बच्चों का ही निजी स्कूल में दाखिला हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व अधिकारी निजी स्कूल संचालकों के आगे नतमस्तक हैं. जल्द ही यह दाखिले नहीं हुए तो उनका संगठन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

जब इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता से बात की तो उन्होंने लीपापोती करते हुए बताया कि 134ए की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जिसके तहत पहले राउंड में 466 और दूसरे राउंड में 1658 बच्चों का दाखिला हुआ है. उन्होंने परीक्षा पास करने वाले बच्चों के दाखिले ना होने पर कहा कि निजी स्कूलों द्वारा अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन करने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी.

अंत में देंखे तो हालत बहुत खराब है क्योंकि नियम 134ए के तहत जितने बच्चों को दाखिला मिलता है. उससे कहीं ज्यादा बच्चे परीक्षा पास करने के बाद भी दाखिले की उम्मीद में दर-दर की ठोकर खाकर भी दाखिले से वंचित रह जाते हैं और पढ़ाई बाधित हो जाती है.

Intro:नियम 134 ए प्रदेश भर में हजारों अभिभावकों के लिए वरदान के तौर पर लागू किया गया था । पर हर साल की तरह है सरकार की ढिलाई और अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक बार फिर प्रदेश में हजारों अभिभावक अपने बच्चों का नियम 134 ए के तहत दाखिला करवाने से वंचित हैं । नियम 134 ए को लेकर काम करने वाले शिक्षा , स्वास्थ्य एवं सहयोग संगठन ने अब हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है ।


Body:नियम 134 ए को लेकर काम करने वाले सामाजिक संगठन शिक्षा , स्वास्थ्य एवं सहयोग संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट बृजपाल परमार ने बताया कि इस बार 134a के तहत प्रदेश भर में 1 लाख 36 हजार बच्चों ने आवेदन ऑनलाइन किए थे । उन्होंने बताया कि इनमें से 1 लाख 25 हजार बच्चे ने परीक्षा दी और 78 हजार बच्चों ने परीक्षा पास की । एडवोकेट बृजपाल परमार का कहना है कि एक माह बाद भी परीक्षा पास करने वाले 78 हजार में से महज 26 हजार बच्चों का ही निजी स्कूल में दाखिला हुआ है ।
बाइट - बृजपाल परमार ( एडवोकेट )

सामाजिक कार्यकर्ता एवं एडवोकेट बृजपाल परमार का आरोप है कि सरकार की नियत में खोट है । क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का निजी स्कूल में दाखिला हो और इसीलिए सरकार 134a को प्रॉपर तरीके से लागू नहीं कर रही । उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व अधिकारी निजी स्कूल संचालकों के आगे नतमस्तक हैं । उन्होंने कहा कि जल्द ही यह दाखिले नहीं हुए तो उनका संगठन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया ।

बाइट - बृजपाल परमार ( एडवोकेट )

जब इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता से बात की तो उन्होंने लीपापोती करते हुए बताया कि 134 a प्रक्रिया पूरी हो चुकी है । जिसके तहत पहले राउंड में 466 और दूसरे राउंड में 1658 बच्चों का दाखिला हुआ है । उन्होंने परीक्षा पास करने वाले बच्चों के दाखिले ना होने पर कहा कि निजी स्कूलों द्वारा अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन करने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी ।
बाइट - नरेश मेहता ( बीईओ )


Conclusion:अंत में देखे तो हालत बहुत खराब है क्योंकि नियम 134 ए के तहत जितने बच्चों का दाखिला मिलता है । उससे कहीं ज्यादा बच्चे परीक्षा पास करने के बाद भी दाखिले की उम्मीद में दर-दर की ठोकर खाकर भी दाखिले से वंचित रह जाते हैं और पढ़ाई बाधित हो जाती है ।

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.