अंबाला: देश में एक बार फिर प्याज के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं. बाजार में प्याज 50 रुपए के पार मिल रहा है. लगातार बढ़ रही कीमतों की वजह से लोगों की थाली से प्याज नदारद होने लगा है. हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है और ऐसे में प्याज को लेकर सियासत भी गरमा गई है.
'सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा'
दरअसल तेज बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की सप्लाई तितर-बितर हो गई है और प्याज देश के दूसरे हिस्सों तक नहीं पहुंच पा रहा है. जब शहर-शहर प्याज के बढ़ते भाव का जायजा लेने के लिए हमारी टीम सब्जी मार्केट पहुंची और लोगों का मूड जाना.
लोगों का कहना था कि ये प्याज खून के आंसू रूला रहे हैं. इससे रसोई का बजट भी बिगड़ गया है. जिसकी वजह से सब्जियों में जीरे का तड़का लगाना पड़ रहा है. वहीं कुछ ग्राहकों ने ये भी कहा कि यह सब मौजूदा सरकार की देन है, जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.
'नवरात्रों में घटेंगे प्याज की दाम'
वहीं प्याज के थोक एवं रिटेल व्यापारियों का कहना है कि एक हफ्ते से प्याज ने तेजी पकड़ी थी. जहां से प्याज आता है, वहां अधिक बारिश से इसकी आवक कम हो गई थी. लेकिन अब प्याज मंडी में आने लगा है. प्याज की आवक और सरकार द्वारा विदेशों से भी प्याज खरीदने से अब दस रुपए किलो रेट कम हुआ है, आगे नवरात्रों में और सस्ता हो जाएगा.
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'प्याज खरीदना मजबूरी'
होलसेल सब्जी मंडी में सब्जी और प्याज लेने आये एक ढाबा मालिक संदीप बत्रा का कहना है कि वे अपने ढाबे में तड़का लगाने के लिए प्याज खरीदने आये थे, लेकिन दाम सुन कर हैरान रह गए हैं.
उनका कहना है कि ग्राहक बिना तड़के के सब्जी और दाल नहीं लेता है. वहीं सलाद में प्याज जरुरी है. अब अगर वो खाने के रेट बढ़ाते हैं तो काम पर असर पड़ता है. लेकिन मजबूरी है, जितना महंगा भी प्याज हो उन्हें तो खरीदना ही है.