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अंबाला: मई की धूप में पैदल ही यूपी-बिहार के लिए पलायन करने को मजबूर प्रवासी श्रमिक

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का दुख खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. रविवार को भी भारी संख्या में प्रवासी मजदूर तपती धूप में अपने बीवी-बच्चों के साथ यूपी और बिहार का सफर पैदल तय करते दिखे.

grant workers walk on road for reach home in ambala
पानी में भीगे चने खाकर पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिक
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Published : May 17, 2020, 5:31 PM IST

अंबाला: लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पलायन ना हो. उसको देखते हुए सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं. लेकिन अभी भी प्रवासी श्रमिक सड़कों पर हैं और तपती धूप में अपना सफर पूरा करने की कोशिश में हैं.

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों दुख खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को भी भारी संख्या में प्रवासी मजदूर तपती धूप में अपने बीवी-बच्चों के साथ यूपी और बिहार का सफर पैदल ही तय करते दिखे. मजदूरों ने बताया कि पानी में भीगे चने खाकर पैदल सफर तय कर रहे हैं. हालांकि अन्य मजदूर ने बताया कि उन्हें रास्ते में खाना दिया गया है.

मई की धूप में पैदल ही यूपी-बिहार के लिए पलायन करने को मजबूर प्रवासी श्रमिक

पुलिस द्वारा हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर की गई सख्ती के बावजूद प्रवासी मजदूर खेत खलिहान से होते हुए पैदल ही अपना सफर अपने गृह क्षेत्र के लिए करते दिखाई दिए. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वो तकरीबन 1 हफ्ते से जम्मू और लुधियाना से अपना सफर पैदल ही तय कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने अपने-अपने राज्यों के अंदर बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी करवाया. लेकिन उसका जवाब ना आने पर वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े.

उन्होंने बताया कि जगह-जगह पर पुलिस उन्हें वापस खदेड़ने का कार्य कर रही है लेकिन वो खेतों, नदियों और नालों से होते हुए लगातार भूखे पेट सफर तय कर रहे हैं. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि सरकार ने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया. हमें हमारे हाल पर ही छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि भले ही ट्रेनें और बसें यूपी और बिहार के लिए चलाई जा रही हो लेकिन उन तक ये सुविधा अभी नहीं पहुंच पा रही हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में काश्तकारों को मिलेगा फसली ऋण, सरकार लाएगी कानून: सीएम

अंबाला: लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पलायन ना हो. उसको देखते हुए सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं. लेकिन अभी भी प्रवासी श्रमिक सड़कों पर हैं और तपती धूप में अपना सफर पूरा करने की कोशिश में हैं.

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों दुख खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को भी भारी संख्या में प्रवासी मजदूर तपती धूप में अपने बीवी-बच्चों के साथ यूपी और बिहार का सफर पैदल ही तय करते दिखे. मजदूरों ने बताया कि पानी में भीगे चने खाकर पैदल सफर तय कर रहे हैं. हालांकि अन्य मजदूर ने बताया कि उन्हें रास्ते में खाना दिया गया है.

मई की धूप में पैदल ही यूपी-बिहार के लिए पलायन करने को मजबूर प्रवासी श्रमिक

पुलिस द्वारा हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर की गई सख्ती के बावजूद प्रवासी मजदूर खेत खलिहान से होते हुए पैदल ही अपना सफर अपने गृह क्षेत्र के लिए करते दिखाई दिए. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वो तकरीबन 1 हफ्ते से जम्मू और लुधियाना से अपना सफर पैदल ही तय कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने अपने-अपने राज्यों के अंदर बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी करवाया. लेकिन उसका जवाब ना आने पर वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े.

उन्होंने बताया कि जगह-जगह पर पुलिस उन्हें वापस खदेड़ने का कार्य कर रही है लेकिन वो खेतों, नदियों और नालों से होते हुए लगातार भूखे पेट सफर तय कर रहे हैं. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि सरकार ने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया. हमें हमारे हाल पर ही छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि भले ही ट्रेनें और बसें यूपी और बिहार के लिए चलाई जा रही हो लेकिन उन तक ये सुविधा अभी नहीं पहुंच पा रही हैं.

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