अंबाला: शहर में नगर निगम चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर चुनाव प्रचार करने के साथ-साथ सभी वार्डों के पार्षद और मेयर पद के उम्मीदवारों की घोषणा भी कर रहे हैं. बता दें कि, 27 दिसंबर को सोनीपत, अंबाला, पंचकूला में निगम चुनाव और रेवाड़ी में नगर परिषद के लिए मतदान हुआ.
वहीं रोहतक के सांपला, हिसार के उकलाना और रेवाड़ी के धारूहेड़ा में भी उपचुनाव हुए. इस रिपोर्ट में इस बार हम आपको बता रहे हैं अंबाला में निगम चुनाव के इतिहास, चुनाव को लेकर इस बार बन रहे समीकरण और राजनीतिक दलों की मौजूदा स्थिति के बारे में.
अंबाला नगर निगम का इतिहास
अंबाला नगर निगम का गठन वर्ष 2010 में हुआ था. जिसके अंतर्गत 20 वार्ड थे. जिसमें से 11 अंबाला शहर और 9 अंबाला छावनी में थे. इसके बाद वर्ष 2013 में पहली बार अंबाला नगर निगम के चुनाव हुए. जिसमें सिवाये भारतीय जनता पार्टी के किसी भी पार्टी ने अपने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा था. 2013 में हुए निगम चुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने बाजी मारी थी.
शहर के अंतर्गत आने वाले 11 वार्डों में से बीजेपी ने सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं अंबाला छावनी के 7 वार्डों में से 2 सीटों पर ही बीजेपी जीत हासिल कर पाई थी. नतीजतन कांग्रेस ने अंबाला में पहली बार हुए निगम चुनाव में बम्पर जीत हासिल की. रिजर्व सीट के चलते कांग्रेस ने मेयर पद के लिए अम्बाला शहर से वार्ड नंबर 3 से जीते हुए प्रत्याशी रमेश मल को मेयर पद दिया था.
दो साल तक नहीं हुए चुनाव
इसके बाद अंबाला छावनी और अंबाला शहर के पार्षदों अपने शहर में निगम बनाने को लेकर जद्दोजहत शुरू हो गई. नतीजतन 2018 में निगम कार्यकाल का टेन्योर पूरा करने के बाद 2 वर्षों तक अंबाला में निगम चुनाव नहीं हुए.
नतीजतन हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अंबाला शहर को नगर निगम और अंबाला छवानी (सदर) परिषद बना दिया गया, और 2 वर्षों के बाद अब 2020 में अंबाला शहर नगर निगम के चुनाव होने जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत अंबाला शहर के 12 गांवों को वार्डों में शामिल किया गया है.
अंबाला शहर नगर निगम में कुल मतदाता
- कुल मतदाता- 3,03,850
- जनरल- 1,87,200
- एससी- 71,940
- ओबीसी- 44,710
इस बार अंबाला शहर नगर निगम की मेयर की सीट के लिए प्रत्यक्ष रूप से चुनाव होंगे. वहीं मेयर की सीट महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है.
कई पार्टियां सिंबल पर लड़ रही चुनाव
इस बार सभी पार्टियां चाहे, बीजेपी, कांग्रेस, हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट या फिर हरियाणा जनचेतना पार्टी हो सभी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं. इस बार सिर्फ एक निर्दलीय उम्मीदवार मेयर पद के चुनाव के लिये अम्बाला विकास मंच की ओर से मैदान में उतरा है.
अंबाला निगम चुनाव के बड़े उम्मीदवार
- वंदना शर्मा- बीजेपी
- मीना अग्रवाल- कांग्रेस
- अमीषा चावला- हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट
- शक्ति रानी शर्मा- हरियाणा जन चेतना पार्टी
अंबाला निगम चुनाव में पार्टियों की स्थिति-
बीजेपी और जेजेपी गठबंधन
भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी बरोदा उप चुनाव की तरह ही अम्बाला निगम चुनाव भी संयुक्त रूप से लड़ रहा हैं. जिसके अंतर्गत 20 वार्डों में से बीजेपी ने 15 वार्डों में अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं वहीं जेजेपी ने 5 वार्डों में अपने उम्मीदवार घोषित किये हैं. इसके अलावा मेयर प्रत्याशी की सीट पर भी बीजेपी ने अपना उम्मीदवार वंदना शर्मा को घोषित किया है. बता दें कि, वंदना शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ संजय शर्मा की पत्नी हैं.
कांग्रेस पहली बार सिंबल पर लड़ रही चुनाव
निगम चुनावों में कांग्रेस पहली बार अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने जा रही है. जिसके चलते कांग्रेस ने अपने सभी 20 पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. वहीं मेयर पद के लिए कांग्रेस ने मीना अगरवाल पर दांव खेला है. मीना अग्रवाल के पति पवन अग्रवाल कांग्रेस के पार्षद रह चुके हैं.
हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट
कांग्रेस से बागी हुए नेता चौधरी निर्मल सिंह ने अपनी एक नई पार्टी का ऐलान किया था जिसका नाम हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट है. हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट निगम चुनाव अपने सिंबल पर लड़ेगी और इनका सिंबल कप प्लेट है. हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सभी 20 वार्डों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं. मेयर पद के लिए पार्टी ने अमीषा चावला पर दाव खेला है. अमीषा चावला पहले कांग्रेस में थी और अब सोशल एक्टिविस्ट हैं.
हरियाणा जन चेतना पार्टी
हरियाणा जन चेतना पार्टी भी कांग्रेस से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पार्टी है. हरियाणा जन चेतना पार्टी अपने सिंबल सिलेंडर पर चुनाव लड़ेगी. हरियाणा जन चेतना पार्टी ने 20 वार्डों के सभी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. इसके अलावा मेयर पद के लिए शक्ति रानी शर्मा जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं उन्हें मैदान में उतारा है. बता दें कि, शक्ति रानी शर्मा ने इससे पहले 2014 में कालका से चुनाव लड़ चुकी हैं.
अंबाला विकास मंच
इस बार अंबाला निगम चुनावों में एक नई पार्टी भी चुनाव लड़ेगी जिसका नाम अंबाला विकास मंच रखा गया है. हालांकि ये पार्टी इलेक्शन कमीशन द्वारा दिए गए चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी. मेयर पद के लिए अंबाला विकास मंच पार्टी के संयोजक इंजीनियर बलबीर सिंह की पत्नी गुरमीत कौर को मैदान में उतारा है. गुरमीत कौर एक हाउसवाइफ हैं.
मौजूदा स्थिति को देखते हुए आंकलन लिया जाए तो इस बार मेयर पद की दावेदारी के लिए के 6 प्रत्याशी अलग-अलग पार्टियों से मैदान में उतरे हैं. वहीं मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस बार मेयर पद के लिए तीन पार्टियों के बीच में कांटे की टक्कर है. जिसमें भारतीय जनता पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार वंदना शर्मा, कांग्रेस की मेयर पद की उम्मीदवार मीना अग्रवाल और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट की मेयर पद की उम्मीदवार अमीषा चावला शामिल हैं.
चुनाव खर्च की बढ़ाई गई सीमा
चुनाव को लेकर इस बार चुनाव की खर्च सीमा भी बढ़ा दी गई है. पहले जहां मेयर चुनाव के लिए खर्च की सीमा 20 लाख थी. अब उसे बढ़ाकर 22 लाख किया गया है. वहीं मेंबर्स के लिए पांच लाख से बढ़ाकर 5 लाख 50 हजार खर्च सीमा तय की गई है.
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