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'गेंहू की ऑनलाइन खरीद नहीं करेंगे आढ़ती, सरकार वापस ले फैसला' - CMO

सरकार का फैसला व्यवाहारिक नहीं है. सीजन के वक्त अगर ऑनलाइन सर्वर में कोई दिक्क्त आई तो इससे किसानों और आढ़तियों को दिक्कत उठानी पडे़गी.

शिवकुमार संधाला, जिला प्रधान आढ़ती एसोसिएशन
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Published : Apr 8, 2019, 2:47 PM IST

कुरुक्षेत्र: अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में सरकार ने आढ़तियों को गेंहू की ऑनलाइन खरीद के आदेश जारी कर दिए है. हालांकि इस फैसले का आढ़ती विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से ये फैसला वापस लेने की मांग की है.

संदीप टोपरा, आढ़ती (वीडियो)


वहीं आढ़ती संदीप टोपरा ने कहा कि सरकार का फैसला व्यवाहारिक नहीं है. सीजन के वक्त अगर ऑनलाइन सर्वर में कोई दिक्क्त आई तो इससे किसानों और आढ़तियों को दिक्कत उठानी पडे़गी.

कुरुक्षेत्र: अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में सरकार ने आढ़तियों को गेंहू की ऑनलाइन खरीद के आदेश जारी कर दिए है. हालांकि इस फैसले का आढ़ती विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से ये फैसला वापस लेने की मांग की है.

संदीप टोपरा, आढ़ती (वीडियो)


वहीं आढ़ती संदीप टोपरा ने कहा कि सरकार का फैसला व्यवाहारिक नहीं है. सीजन के वक्त अगर ऑनलाइन सर्वर में कोई दिक्क्त आई तो इससे किसानों और आढ़तियों को दिक्कत उठानी पडे़गी.

Intro:इस बार आढ़तियों को गेहूं खरीद ऑनलाइन करनी होगी, तभी उनके खाते में पैसे आएँगे। यह आदेश अप्रैल के पहले हफ्ते से लागू कर दिए गए है। सरकार के इस फैसले का आढ़तियों ने विरोध करना भी शुरू कर दिया है। रादौर में भी आढ़ती सरकार के इस फैसले का विरोध करते नजर आये और सरकार को इस फैसले को वापिस लेने की मांग की, वही आढ़तियों ने इस फैसले के खिलाफ 9 अप्रैल को कुरुक्षेत्र में एक प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित कर कोई बड़ा फैसला लेने का भी मन बनाया है। Body:आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला ने रादौर में पत्रकारों से बातचीत में सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा की मुख्यमंत्री ने स्वयं आढ़तियों के साथ बैठक कर ये आश्वाशन दिया था की ऑनलाइन खरीद नहीं की जाएगी, लेकिन अब सरकार वायदा खिलाफी पर उतर आई है। उन्होंने कहा की आढ़ती ऑनलाइन खरीद के खिलाफ नहीं है, लेकिन फैसले को लागू करने से पहले आढ़तियों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए थी। अनाजमंडी में काफी ऐसे आढ़ती भी है जिनकी उम्र 70 साल से भी अधिक है ऐसे में उनके लिए कार्य करना कठिन हो जाएगा। वही एक आढ़ती संदीप टोपरा ने कहा की ये फैसला बिलकुल भी व्यवारिक नहीं है। सीजन के वक्त अगर ऑनलाइन सर्वर में कोई दिक्क्त आ जाती है, तो इससे किसानो और आढ़ती दोनों को परेशानी उठानी पड़ेगी।
Conclusion:ऑनलाइन खरीद का आढ़तियों द्वारा किया जा रहा विरोध और 9 अप्रैल यानी कल होने वाली आढ़तियों की प्रदेश स्तरीय बैठक में यदि आढ़तियों ने खरीद न कर हड़ताल की घोषणा कर दी तो किसानो के साथ साथ सरकार के लिए भी मुसीबत खड़ी हो सकती है। वक्त चुनाव का है और अगर किसानो को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्क्त आती है, तो इसका खामियाजा सरकार को किसानो की नराजगी के रूप में भी झेलना पड़ सकता है।

बाईट - शिव कुमार संधाला, जिला प्रधान आढ़ती एसोसिएशन (फाइल नंबर 2 )
बाईट - संदीप टोपरा, आढ़ती (फाइल नंबर 3 )
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