चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा में लगातार तीन दिन हुई बारिश के कारण कई हिस्सों में आई बाढ़ से बचाव के लिए बुधवार को भी युद्ध स्तर पर राहत कार्य जारी हैं. पंजाब में पटियाला, रूपनगर, मोगा, लुधियाना, मोहाली, एसबीएस नगर और फतेहगढ़ साहिब जिलों से अब तक लगभग 10,000 लोगों को निकाला जा चुका है. तीन दिन की लगातार बारिश के बाद बुधवार को दूसरे दिन भी अधिकत्तर स्थानों पर मौसम साफ रहा.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दोनों राज्यों में बारिश के कारण हुए हादसों में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है, जिनमें हरियाणा में सात मौतें भी शामिल हैं. भारी बारिश अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गई है, करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है और खेत जलमग्न हो गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि दोनों राज्यों के प्रभावित इलाकों में राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है.
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी बुधवार को अंबाला जिले में हालात का जायजा लिया. उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की जहां लोगों ने संपत्ति और फसलों को हुए नुकसान के बारे में उन्हें अवगत कराया. चौटाला ने आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाएगी. उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी की और स्थिति से निपटने के लिए उचित निर्देश भी दिए.
दोनों राज्यों में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पटियाला, रूपनगर, जालंधर, एसबीएस नगर, मोहाली जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. यमुना में आई बाढ़ से मंगलवार को करनाल जिले में कृषि भूमि का काफी बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया. अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं तथा दोनों राज्यों के विभिन्न जिलों में राहत केंद्र बनाए गए हैं. सेना की मदद से राज्य आपदा प्रबंधन दल, एनडीआरएफ और विभिन्न सरकारी विभाग राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं. खट्टर ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी प्रशासनिक सचिवों को उन्हें सौंपे गए क्षेत्रों में जाने और राहत कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया.
पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने भी बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा करने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य व्यवस्थित करने के लिए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की. राहत कार्यों की निगरानी के लिए त्वरित कार्यवाही बल का भी गठन किया गया और नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी चिकित्सा शिविर भी स्थापित किए गए हैं.
पंजाब के सीएम भगवंत मान ले रहे हैं पल-पल की रिपोर्ट
वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर लिखा पंजाब की जल स्थिति की वर्तमान रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन को अपडेट किया जा रहा है. हमारी प्राथमिकता सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में हर तरह की सहायता प्रदान करना है. सभी बांध सुरक्षित हैं और खतरे के निशान से काफी नीचे हैं. आशा है स्थिति ठीक रहेगी पंजाब में आज शाम तक काफी सुधार हो जाएगा. किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार लोगों के साथ खड़ी रहेगी.
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#WATCH | Faridkot, Punjab A man, his pregnant wife and their 3-year-old son died after the roof of their house collapsed, in Kotkapura pic.twitter.com/REbW7Sxf9y
— ANI (@ANI) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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संगरूर : खतरे के निशान से ऊपर बह रही घग्गर में तीन बड़ी दरारों के कारण बुधवार को पंजाब के संगरूर जिलों के खेतों में बाढ़ आ गई. संगरूर के मुनक इलाके में घग्गर नदी का बांध दो जगहों पर टूट गया. बीती रात नदी खतरे के निशान से 2 फीट ऊपर थी. नदी का तटबंध टूटने के कुछ ही घंटों के भीतर हजारों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गई. बाढ़ का पानी अब तक रिहायशी इलाकों में नहीं घुसा है. भारी बारिश के कारण नदी में पानी का स्तर बढ़ने के कारण कई स्थानों पर तटबंध में दरारें आ गई हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें तटबंधों को टूटने से रोकने में विफल रहीं. एक सरकारी बयान में मंगलवार को कहा गया कि राज्य भर में राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एनडीआरएफ की 14 टीमें और एसडीआरएफ की दो टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में काम कर रही हैं. इनमें एनडीआरएफ की तीन टीमें मोहाली में, पांच रोपड़ में, दो पटियाला में, एक-एक टीम जालंधर, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर और एसबीएस नगर में तैनात की गई हैं. साथ ही तीन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है.
फरीदकोट के हालात : जिले के कोटकपुरा कस्बे में बुधवार सुबह एक मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई. मलबे में दबकर एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई. मृतकों में एक सात माह की गर्भवती महिला भी शामिल है.
लुधियाना में हालात-बुड्ढा नदी का बांध टूटा: लुधियाना में बुड्ढा नदी का बांध टूट गया है. इससे आसपास के इलाकों में पानी घुस गया है. ताजपुरा रोड पर कई डेयरियां पानी में डूब गई हैं. जानवरों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन भी जुट गया है. वहीं माछीवाड़ा के मानेवाल गांव में 16 वर्षीय नौवीं कक्षा का छात्र नदी के तेज बहाव में बह गया. छात्र की पहचान गांव चाकी निवासी सुखप्रीत सिंह के रूप में हुई है. पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर उसकी तलाश कर रही हैं लेकिन फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं लगा है.
जालंधर में बचाव कार्य जारी :जालंधर के शाहकोट सब-डिवीजन के तहत मंडला में सतलुज नदी के प्रवाह को रोकने के लिए बनाया गया बांध ध्वस्त हो गया. यहां रात भर बचाव कार्य जारी रहा. वहीं धूसी बांध को और टूटने से बचाने के लिए लोगों के साथ-साथ सांसद सुशील रिंकू और राज्यसभा सदस्य बलवीर सिंह सीचेवाल रात भर लगे रहे. हालांकि सतलुज नदी का जलस्तर कम हो गया है. अगर पहाड़ों में बारिश नहीं रुकी और पानी का बहाव जारी रहा तो 13 जुलाई को भाखड़ा बांध से 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की योजना है. फिलहाल नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है और स्थिति नियंत्रण में बताई गई है.
इसके साथ ही जालंधर शहर के अंदर कालिया कॉलोनी में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है. यहां रात भर नहर की दीवारों को मजबूत करने का काम चलता रहा. अगर यहां पानी आया तो कालिया कॉलोनी के साथ-साथ गुरु अमरदास कॉलोनी और वेरका मिल्क प्लांट का एरिया भी प्रभावित होगा.
लोगों तक पहुंचाया खाना: जिला प्रशासन ने आधी रात को पानी में फंसे लोगों तक खाना-पीना पहुंचाने का अभियान शुरू किया. यह पूरा अभियान सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल, सांसद सुशील कुमार रिंकू, स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह और डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल की देखरेख में चलाया गया. राहतकर्मी नावों से लोगों तक पहुंचे और उन्हें खाने के पैकेट, पानी की बोतलें और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया.
नवांशहर : सरकार ने नवांशहर जिले में चल रहे राहत कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की है. आवश्यकता पड़ने पर इस राशि को आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जा सकता है. इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर नवजोतपाल सिंह रंधावा ने बताया कि इस पैसे का इस्तेमाल बारिश प्रभावित इलाकों में राहत कार्य और बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए किया जाएगा. नवांशहर के गांव लालेवाला में पानी अधिक होने से एक बांध भी टूट गया है. इस स्थान से पानी की निकासी के लिए खनन विभाग ने सतलुज नदी की ओर जाने वाले पाइपों को खोल दिया है, जो कुछ रुकावटों के कारण बंद थे. इससे जल्द ही यहां से एकत्र पानी नदी के माध्यम से बाहर चला जाएगा.
कपूरथला : यहां एनडीआरएफ के 18 जवान बचाव अभियान चला रहे हैं. एसएसपी राजपाल सिंह संधू ने बताया कि पुलिस ने 18-18 जवानों की दो टीमें तैनात की हैं, जो लोगों को बाढ़ के पानी से बाहर निकाल रही हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आठ राहत केंद्र बनाए गए हैं, जहां राशन, पीने का पानी, दवा और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टरों की टीमें तैनात हैं. कपूरथला जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों को खाली कराने के लिए एनडीआरएफ, नागरिक और पुलिस प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र तकिया गांव से पानी में घिरी एक गर्भवती महिला और एक बच्चे को एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला है.
पटियाला: पटियाला के ग्रामीण इलाके में घरों में 5 फीट तक पानी घुस गया है. इस वजह से लोगों की मदद के लिए जिला प्रशासन की ओर से गठित टीम नहीं पहुंच सकी. यहां लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. पटियाला में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. घग्गर नदी में पानी का बहाव लगातार बढ़ने की वजह से पटियाला शहर पूरी तरह से पानी में डूब गया है. निचले इलाकों में 5-5 फीट तक पानी भर गया है.
रोपड़ : भाखड़ा बांध की क्षमता फिलहाल 20 फुट ही बची है. अगर जलस्तर बढ़ता रहा तो पंजाब के लिए यह और भी भयावह हो जाएगा. इसके बाद माझे और दोआबा में बाढ़ की स्थिति बनी रहेगी. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि भाखड़ा बांध इस समय 1621 फीट पर है. पिछले दो दिनों में जलस्तर करीब 20 फीट बढ़ गया है. गेट का लेवल 1645 फीट है. इसमें अब 20 फीट अधिक पानी जमा करने की क्षमता है.
पंजाब के 13 जिले बाढ़ की चपेट में: पंजाब में बाढ़ से तबाही का सिलसिला अब भी जारी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. बाढ़ से पंजाब के 13 जिले प्रभावित हैं जिनमें 479 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. यह गांव नदी तट और सीमावर्ती जिलों में है. राहत और बचाव के लिए सेना और एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है. मदद के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) मदद के लिए आगे आई है. शिरोमणि कमेटी ने अपने संबंधित गुरुद्वारों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में लंगर और जरूरी सामान पहुंचाने की घोषणा की है. वहीं श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए सभी से आगे आकर मदद करने की अपील की है.