नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने पिछली सरकार की तुलना में दरों में कमी लाकर उपभोक्ताओं के साथ न्याय किया है. उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी ने राज्यों और केंद्र सरकार दोनों के लिए कर उछाल में वृद्धि की है. जीएसटी लागू होने से पहले भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली खंडित थी, जहां हर राज्य प्रभावी रूप से उद्योग के साथ-साथ उपभोक्ता के लिए एक अलग बाजार था.
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When taxes are paid, a Nation is made: Positive trend in average monthly #GST revenue.#6YearsofGST #GSTforGrowth #LeveragingTechnology #EaseofDoingBusiness #TaxReforms pic.twitter.com/XTIpZXvb15
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राहुल गांधी पर निशाना: जीएसटी को 'गब्बर सिंह' टैक्स बताने और जीएसटी से बोझ बढ़ने की बात कहने पर राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि जीएसटी वास्तव में आम नागरिक के लिए राहत लेकर आया है. उन्होंने कहा कि हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, परफ्यूम और डिटर्जेंट पर जीएसटी से पहले औसत कर का बोझ लगभग 28 प्रतिशत था, जिसे जीएसटी के तहत घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि लोगों के लाभ के लिए कई सामान्य उपयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है.
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जून में जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. छह साल पहले एक जुलाई, 2017 को जीएसटी कर व्यवस्था लागू होने के बाद से सकल कर संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह क्रमशः 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.51 लाख करोड़ रुपये और 1.69 लाख करोड़ रुपये है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर अधिकारियों को उनके 'समर्पण, प्रतिबद्धता और धैर्य' के लिए बधाई दी, जिनके चलते 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मासिक जीएसटी राजस्व अब एक 'सामान्य' बात है.
सीतारमण ने कहा, 'चाहे आम उपभोक्ता की बात हो, चाहे राज्य सरकार की बात हो, कर उछाल का मामला हो, या डिजिटल और सरल कर व्यवस्था हो, जीएसटी एक उदाहरण के रूप में खड़ा है.' जीएसटी दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि व्यापक अर्थव्यवस्था और करदाताओं, दोनों के लिए जीएसटी के फायदे जगजाहिर हैं.
उन्होंने कहा, 'राजस्व विभाग की बेहतर कार्यकुशलता को हमने आज एक बार फिर देखा, जब जून के लिए राजस्व संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. यह बेहतर कर अनुपालन और बाजार एकीकरण को दर्शाता है.' बयान में कहा गया कि जून 2023 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये है. इसमें केंद्रीय जीएसटी 31,013 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 38,292 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 80,292 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 39,035 करोड़ रुपये सहित) है. इसके अलावा उपकर 11,900 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 1,028 करोड़ रुपये सहित) है.
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राजस्व संग्रह जून 2023 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है. समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 18 प्रतिशत अधिक रहा. इससे पहले अप्रैल में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. मई में यह 1.57 लाख करोड़ रुपये था
(एजेंसी)