ETV Bharat / bharat

मिलिए बटरफ्लाई मैन से, तितलियों को बचाने का ऐसा जुनून कि बनवा दिया 'बटरफ्लाई पार्क'

सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ (City Beautiful Chandigarh) देश का ऐसा शहर है, जिसे हरियाली के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. इस सुंदरता में तितलियां अब चार चांद (Butterflies importance in nature) लगा रही हैं. दरअसल कुलभूषण नाम के शख्स 15 सालों से तितलियों को बचाने का काम कर रहे हैं.

बटरफ्लाई मैन
बटरफ्लाई मैन
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 5:57 PM IST

चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ (City Beautiful Chandigarh) देश का ऐसा शहर है, जिसे हरियाली के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. चंडीगढ़ में इस वक्त 45 फीसदी से ज्यादा इलाके में हरियाली (Chandigarh 45% greenery) है. अब इस सुंदरता में तितलियां चार चांद लगा रही हैं. दरअसल कुलभूषण नाम के शख्स 15 सालों से तितलियों को बचाने का काम कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि उनकी मेहनत रंग ला रही है.

चंडीगढ़ में तितलियों की किस्मों (Variety Of Butterflies) में बढ़ोतरी देखी गई है. चंडीगढ़ के रहने वाले कुलभूषण कंवर ने साल 2007 में तितलियों को बचाने का बीड़ा उठाया. आज वह चंडीगढ़ में बटरफ्लाई मैन के नाम से जाने जाते हैं. चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से उनकी देख-रेख में खासतौर पर एक बटरफ्लाई पार्क (Butterfly Park Chandigarh) का निर्माण भी किया गया, जिसमें वह तितलियों की किस्मों को बढ़ाने में लगे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए कुलभूषण कंवर ने बताया तितलियों को बचाने का सफर एक घटना से शुरू हुआ था.

तितलियों को बचाने का ऐसा जुनून कि चंडीगढ़ में बनवा दिया बटरफ्लाई पार्क

कुलभूषण ने बताया कि वो पंजाब स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते थे. साल 2007 में नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने एक दिन घर में स्प्रे करवाया. स्प्रे की वजह से तितली के कुछ लारवा मर गए. बाद में उन्हें पता चला कि वो लाइव बटरफ्लाई नामक तितली के लारवा थे, जो बेहद खूबसूरत तितली होती है. इसके बाद उन्हें गहरा दुख पहुंचा और तभी से उन्होंने तितलियों को बचाने के लिए काम शुरू कर दिया.

शुरुआत में कुलभूषण को तितलियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए उन्होंने धीरे-धीरे इनके बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. ताकि, तितलियों को बचाया जा सके, क्योंकि तितलियों की संख्या तेजी से कम हो रही थी. जानकारी जुटाते हुए उन्हें ये भी पता चला कि हमारे पर्यावरण में तितलियों का इतना बड़ा योगदान है कि अगर तितलियां खत्म हो जाएंगी तो इंसान भी धरती पर नहीं बच पाएंगे, क्योंकि तितलियों की वजह से ही पर्यावरण बचा हुआ है.

यहां तितलियों के बारे में जानें
यहां तितलियों के बारे में जानें

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में तेजी से खत्म हो रही इन ऐतिहासिक पेड़ों की विरासत

दुनिया में जितने भी फल, फूल या फसलें होती हैं, वो तितलियों, मधुमक्खियों और इस तरह के अन्य कीटों की मदद से ही होती हैं, क्योंकि फसलों को उगाने के लिए परागण की प्रक्रिया को तितलियां ही पूरा करती हैं. इसके बाद कुलभूषण को ये एहसास हुआ कि तितलियों को बचाया जाना कितना जरूरी है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो हो सकता है पृथ्वी पर मानव ही खत्म हो जाए, क्योंकि अगर धरती पर फल, फूल और फसलें ही उगना बंद हो जाएंगी, तो मानव का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.

पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है
पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है

कुलभूषण ने कहा कि पिछले 10 सालों में तितलियों की संख्या काफी कम हुई है. जिसकी सबसे बड़ी वजह है पेस्टिसाइड का ज्यादा इस्तेमाल और प्रदूषण का बढ़ना. लोग प्रदूषण के दुष्प्रभाव को जानते हुए भी इसे कम करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. शहरों में ज्यादा से ज्यादा व्हीकल खरीदी जा रही हैं. जिससे सड़कों पर प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन लोग सब जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं. इस वजह से ना सिर्फ तितलियां बल्कि हर जीव जंतु और इंसानों को भी नुकसान पहुंच रहा है.

पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है
पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है

ये भी पढ़ें- हरियाणा: पेड़ों के बचाव के लिए आगे आई करनाल की ये संस्था, ट्री गार्ड से मुक्त कराए कई पेड़

साल 2012 में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से शहर में बटरफ्लाई पार्क बनाया गया. इस बटरफ्लाई पार्क में तितलियों की विभिन्न प्रजातियों का संरक्षण किया गया है. तिलतलियों के हिसाब से यहां पौधे लगाए गए हैं. जैसे अलग-अलग प्रजाति की तितलियां अलग-अलग पौधों पर बैठती हैं. इसके अलावा यहां पर ग्रीन हाउस बनाया गया है. जहां पर तितलियों को पनपने में मदद मिलती है. यहां पर बटरफ्लाई बेड बनाया गया है. जिसमें नदियों की मिट्टी, सेंधा नमक, जिंक आदि मिलाया जाता है. जहां से तितलियां मिनरल्स को प्राप्त करती हैं. सिर्फ मेल तितलियां ही मिनरल्स को प्राप्त करती हैं. तभी तभी वो फीमेल तितलियों के साथ अपना परिवार बढ़ाते हैं. कुलभूषण ने कहा कि हमारी मेहनत रंग ला रही है. बटरफ्लाई पार्क शुरू होने के बाद आज चंडीगढ़ में तितलियों की 100 से ज्यादा नई प्रजातियां मिल चुकी हैं.

चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ (City Beautiful Chandigarh) देश का ऐसा शहर है, जिसे हरियाली के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. चंडीगढ़ में इस वक्त 45 फीसदी से ज्यादा इलाके में हरियाली (Chandigarh 45% greenery) है. अब इस सुंदरता में तितलियां चार चांद लगा रही हैं. दरअसल कुलभूषण नाम के शख्स 15 सालों से तितलियों को बचाने का काम कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि उनकी मेहनत रंग ला रही है.

चंडीगढ़ में तितलियों की किस्मों (Variety Of Butterflies) में बढ़ोतरी देखी गई है. चंडीगढ़ के रहने वाले कुलभूषण कंवर ने साल 2007 में तितलियों को बचाने का बीड़ा उठाया. आज वह चंडीगढ़ में बटरफ्लाई मैन के नाम से जाने जाते हैं. चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से उनकी देख-रेख में खासतौर पर एक बटरफ्लाई पार्क (Butterfly Park Chandigarh) का निर्माण भी किया गया, जिसमें वह तितलियों की किस्मों को बढ़ाने में लगे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए कुलभूषण कंवर ने बताया तितलियों को बचाने का सफर एक घटना से शुरू हुआ था.

तितलियों को बचाने का ऐसा जुनून कि चंडीगढ़ में बनवा दिया बटरफ्लाई पार्क

कुलभूषण ने बताया कि वो पंजाब स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते थे. साल 2007 में नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने एक दिन घर में स्प्रे करवाया. स्प्रे की वजह से तितली के कुछ लारवा मर गए. बाद में उन्हें पता चला कि वो लाइव बटरफ्लाई नामक तितली के लारवा थे, जो बेहद खूबसूरत तितली होती है. इसके बाद उन्हें गहरा दुख पहुंचा और तभी से उन्होंने तितलियों को बचाने के लिए काम शुरू कर दिया.

शुरुआत में कुलभूषण को तितलियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए उन्होंने धीरे-धीरे इनके बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. ताकि, तितलियों को बचाया जा सके, क्योंकि तितलियों की संख्या तेजी से कम हो रही थी. जानकारी जुटाते हुए उन्हें ये भी पता चला कि हमारे पर्यावरण में तितलियों का इतना बड़ा योगदान है कि अगर तितलियां खत्म हो जाएंगी तो इंसान भी धरती पर नहीं बच पाएंगे, क्योंकि तितलियों की वजह से ही पर्यावरण बचा हुआ है.

यहां तितलियों के बारे में जानें
यहां तितलियों के बारे में जानें

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में तेजी से खत्म हो रही इन ऐतिहासिक पेड़ों की विरासत

दुनिया में जितने भी फल, फूल या फसलें होती हैं, वो तितलियों, मधुमक्खियों और इस तरह के अन्य कीटों की मदद से ही होती हैं, क्योंकि फसलों को उगाने के लिए परागण की प्रक्रिया को तितलियां ही पूरा करती हैं. इसके बाद कुलभूषण को ये एहसास हुआ कि तितलियों को बचाया जाना कितना जरूरी है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो हो सकता है पृथ्वी पर मानव ही खत्म हो जाए, क्योंकि अगर धरती पर फल, फूल और फसलें ही उगना बंद हो जाएंगी, तो मानव का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.

पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है
पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है

कुलभूषण ने कहा कि पिछले 10 सालों में तितलियों की संख्या काफी कम हुई है. जिसकी सबसे बड़ी वजह है पेस्टिसाइड का ज्यादा इस्तेमाल और प्रदूषण का बढ़ना. लोग प्रदूषण के दुष्प्रभाव को जानते हुए भी इसे कम करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. शहरों में ज्यादा से ज्यादा व्हीकल खरीदी जा रही हैं. जिससे सड़कों पर प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन लोग सब जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं. इस वजह से ना सिर्फ तितलियां बल्कि हर जीव जंतु और इंसानों को भी नुकसान पहुंच रहा है.

पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है
पर्यावरण में तितलियों का बड़ा योगादान है

ये भी पढ़ें- हरियाणा: पेड़ों के बचाव के लिए आगे आई करनाल की ये संस्था, ट्री गार्ड से मुक्त कराए कई पेड़

साल 2012 में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से शहर में बटरफ्लाई पार्क बनाया गया. इस बटरफ्लाई पार्क में तितलियों की विभिन्न प्रजातियों का संरक्षण किया गया है. तिलतलियों के हिसाब से यहां पौधे लगाए गए हैं. जैसे अलग-अलग प्रजाति की तितलियां अलग-अलग पौधों पर बैठती हैं. इसके अलावा यहां पर ग्रीन हाउस बनाया गया है. जहां पर तितलियों को पनपने में मदद मिलती है. यहां पर बटरफ्लाई बेड बनाया गया है. जिसमें नदियों की मिट्टी, सेंधा नमक, जिंक आदि मिलाया जाता है. जहां से तितलियां मिनरल्स को प्राप्त करती हैं. सिर्फ मेल तितलियां ही मिनरल्स को प्राप्त करती हैं. तभी तभी वो फीमेल तितलियों के साथ अपना परिवार बढ़ाते हैं. कुलभूषण ने कहा कि हमारी मेहनत रंग ला रही है. बटरफ्लाई पार्क शुरू होने के बाद आज चंडीगढ़ में तितलियों की 100 से ज्यादा नई प्रजातियां मिल चुकी हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.