श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं से यात्रा रोकने की अपील की है. श्रद्धालुओं को सुझाव दिया गया है कि वे आतंकी घटना की आशंका के कारण जम्मू-कश्मीर से वापस लौट जाएं.
स्कूलों और कॉलेजों की बंद होने की सूचना पर कश्मीर के उपायुक्त बशीर अहमद खान ने बताया कि ये अफवाहें हैं. उन्होंने वास्तविक सूचनाओं के लिए लोगों को संबंधित जिलाधिकारियों से संपर्क करने की अपील भी की.
इससे पहले शुक्रवार को सेना के अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सेना को भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा मिला है. इसमें अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल है.
सरकार द्वारा अमरनाथ यात्रियों के लिए जारी की गई एडवाइजरी पर रिटायर्ड कर्नल ओमवीर सिंह ने कहा कि आतंकियों का एक उद्देश्य होता है वो चाहते हैं कि अधिक से अधिक नुकसान किया जाए, जिससे उनको पब्लिसिटी मिल सके.
कर्नल ओमवीर सिंह ने कहा कि अमरनाथ यात्रा आतंकियों के लिए एक आसान निशाना है, जहां पर उन्हें ज्यादातर यात्री होते हैं. आतंकी चाहते हैं कि अमरनाथ यात्रा को किसी भी तरह से बाधित किया जाए. वहीं अमरनाथ यात्रा को पूरा करवाना सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है.
उन्होंने भारत सरकार के फैसले की सरहाना करते हुए कहा कि अमरनाथ यात्रा लगभग अंतिम चरण में है, ऐसे में सरकार ने यात्रा को रोकने के जो फैसले किया है वो बिल्कुल उचित है.
वहीं, इस फैसले पर रिटायर्ड कर्नल शैलेंद्र सिंह ने कहा है कि खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी की गई एडवाइजरी को संजीदगी से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की चेतावनी खुफिया एजेंसियों ने पुलावामा हमले से पहले भी जारी की थी.
उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने इस तरह की एडवाइजरी जारी की है तो उनके पास जरूर कोई ठोस इनपुट होगा.
एडवाइजरी जारी होने के बाद कश्मीर में लोगों में चिंता का माहौल है. लोग को रोजमर्रा की चीजों के साथ साथ पेट्रोल को भी इकट्ठा कर रहे हैं. इस कारण पेट्रोल पंपों पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है.
गौरतलब है कि मौसम खराब होने के कारण जम्मू मार्ग पर अमरनाथ यात्रा चार अगस्त तक पहले से ही रूकी हुई है. इसके बाद यात्रियों से आज वापस लौटने की सलाह दी गई है. सेना को पाकिस्तान के आयुध कारखाने में बने सैन्य सामान भी बरामद हुए हैं.
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं. इसी के मद्देनजर यात्रा की अवधि कम किए जाने की अपील की जाती है.
जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रधान गृह सचिव की ओर से जारी सुझाव में कहा गया है कि आतंकी खतरे के खुफिया इनपुट मिले हैं. इसमें विशेष रूप से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाना शामिल है.
सुक्षाव में कहा गया है कि पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें घाटी में न रूकने की सलाह दी जाती है. उन्हें जल्द से जल्द वापस लौटने का भी सुझाव दिया गया है.
कश्मीर घाटी में पहले के सुरक्षा हालात का जिक्र करते हुए प्रधान गृह सचिव ने यात्रियों से तत्काल वापस लौटने के उपाय करने की अपील की है.
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इससे पहले सेना के चिनार कोर के कमांडर के जे एस ढिल्लन और जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने श्रीनगर में एक प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना कुछ समय से लगातार सीजफायर का उल्लंघन रही है, जिससे भारत-पाकिस्तान के बीच इस वजह से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने कहा कि घाटी में ज्यादातर पुलवामा और शोपियां के इलाकों में आईईडी विस्फोट करने के 10 से अधिक गंभीर प्रयास किए गए थे.
सेना ने कहा कि 83 प्रतिशत आतंकवादियों का इतिहास पथराव का रहा है.