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अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस ने मोदी सराकार पर निशाना साधा है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारी अर्थव्यस्था थमने की स्थिति में पहुंच रही है.' इस स्थिति में निवेश बंद हो जाएगा. पढे़ं उन्होंने और क्या कुछ कहा....

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अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
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Published : Jan 28, 2020, 12:12 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 5:36 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि आर्थिक विकास पूरी तरह थमने की स्थिति में पहुंच गया है.

कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमारी अर्थव्यस्था थमने की स्थिति में पहुंच रही है. इस स्थिति में निवेश बंद हो जाएगा. आगे यह स्थिति और खराब होने वाली है. उपभोग में जो गिरावट हो रही है, यह बहुत चिंता का विषय है.'

मीडिया से बात करतीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत.

सुप्रिया ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी आई है. इसकी वजह यह है कि लोगों की आमदनी में कमी आई है और लोग कर अदा नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार का राजकोषीय बढ़ने का खतरा है. इसका मतलब यह है कि महंगाई बढ़ेगी और रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग कम कर देंगी.

पढ़ें : सीएए के खिलाफ यूरोपीय यूनियन का प्रस्ताव देश पर हमला : कांग्रेस

सुप्रिया ने कहा, 'कारपोरेट कर में कटौती करने से सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा.

उन्होंने कहा, 'बजट के माध्यम से सरकार ऐसी कोशिश करे कि कारपोरेट जगत भारत में निवेश करे. हमें आशा है कि बजट सोच-समझकर बनाया गया होगा. इसमें अर्थव्यवस्था, रोजगार और आर्थिक विकास पर जोर होगा.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि आर्थिक विकास पूरी तरह थमने की स्थिति में पहुंच गया है.

कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'हमारी अर्थव्यस्था थमने की स्थिति में पहुंच रही है. इस स्थिति में निवेश बंद हो जाएगा. आगे यह स्थिति और खराब होने वाली है. उपभोग में जो गिरावट हो रही है, यह बहुत चिंता का विषय है.'

मीडिया से बात करतीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत.

सुप्रिया ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी आई है. इसकी वजह यह है कि लोगों की आमदनी में कमी आई है और लोग कर अदा नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकार का राजकोषीय बढ़ने का खतरा है. इसका मतलब यह है कि महंगाई बढ़ेगी और रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग कम कर देंगी.

पढ़ें : सीएए के खिलाफ यूरोपीय यूनियन का प्रस्ताव देश पर हमला : कांग्रेस

सुप्रिया ने कहा, 'कारपोरेट कर में कटौती करने से सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा.

उन्होंने कहा, 'बजट के माध्यम से सरकार ऐसी कोशिश करे कि कारपोरेट जगत भारत में निवेश करे. हमें आशा है कि बजट सोच-समझकर बनाया गया होगा. इसमें अर्थव्यवस्था, रोजगार और आर्थिक विकास पर जोर होगा.

Intro:New Delhi: Ahead of the Budget session, Congress party attacked BJP government for it's economic policies, saying "the only thing consistent about this government is the deteriorating quality of budgets over 6 years."


Body:As the GDP growth is under 6 percent and inflation is close to 7 percent, Congress to hold a series of special press conferences, highlighting the red flags and to put the spotlight on India's economic situation and what should be the key focus areas for the Union Budget.

While addressing the press conference, Congress spokesperson Supriya Shrinate said, "Union Budget 2020-21 is being presented at a time when we are already deep into a slow down. Even do the government may be in general mode Indian economy is at the verge of slipping stagnation into stagflation."

Taking a dig at the Center, Shrinate said, "The only thing consistent about this government is the deteriorating quality of budget over 6 years. We sincerity hope this year budget proposals that have been thought room and not have weight once which will be rolled back one after the other like last year. Budget used to outline vision over the medium to long term and not adopt the masked tape approach the government has consistently resorted to."

The Congress party highlighted 6 concerns of economy of our country, including Stagflation, Fiscal situation, Consumption, Income tax exemption limit, Investment, Export and Agriculture.


Conclusion:She also questioned Prime Minister Narendra Modi meeting with top industrialists, which was held recently. "Curiously enough, the Prime mister top Industrialist 10 days before budget. What was the purpose of this meeting? Was this just an eyewash because at this late stage, could their suggestions have been included in the budget given that most of the exercise was over by then? Ironically, Finance Minister Nirmala Sitharaman who will be presenting the budget, was conspicuously absent from all these meetings."
Last Updated : Feb 28, 2020, 5:36 AM IST
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