ETV Bharat / bharat

DU के पूर्व प्रोफेसर एस.ए.आर. गिलानी का निधन - DU ex professor H R Gilani

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी का गुरुवार की शाम निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि प्रो. गिलानी का निधन हृदयाघात (हार्ट अटैक) के कारण हुआ. प्रो. गिलानी कई बार विवादों में भी रहे थे. संसद पर हुए हमले में उनकी संलिप्तता के आरोप भी उनपर लगाये गये थे. हालांकि बाद में इस मामले में वह दोषमुक्त करार दिये गये थे. पढ़ें पूरी खबर....

नहीं रहे DU के पूर्व प्रो. एस.ए.आर. गिलानी.
author img

By

Published : Oct 24, 2019, 8:32 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 10:28 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी का गुरुवार की शाम निधन हो गया. परिजनों ने बताया कि प्रो. गिलानी की हार्ट अटैक (हृदयाघात) से मौत हुई. दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा के प्रोफेसर रह चुके प्रो. गिलानी के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं.

गौरतलब है कि प्रो. गिलानी अध्यापन से ज्यादा दूसरे मामलों को लेकर चर्चा में रहे. संसद पर हुए हमले में उनकी संलिप्तता के आरोप लगे थे, लेकिन इस मामले में वह बाइज्जत बरी हो गये थे.

हालांकि उनके दामन पर फिर एक दूसरा दाग लगा, जब फरवरी 2016 में जेएनयू में हुई कथित देश विरोधी नारे के मामले में उनका नाम सामने आया.

प्रो. गिलानी जब दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे, तब उन पर संसद हमले में शामिल होने का आरोप लगा था. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी.

पढ़ें : महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : उद्धव ठाकरे की पहली प्रतिक्रिया - 50-50 फॉर्मूले पर बनेगी सरकार

मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले प्रो. गिलानी पर आरोप था कि उन्हें संसद हमले के बारे में पहले से जानकारी थी और उन्होंने भी इसके षड्यंत्र में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि पुलिस इन आरोपों को न्यायालय में साबित नहीं कर सकी और अंततः प्रो. गिलानी को बाइज्जत बरी कर दिया गया.

लेकिन आतंक के इस आरोप से छुटकारा पाए प्रोफेसर गिलानी के दामन पर फिर छींटे पड़े फरवरी 2016 में, जब जेएनयू में हुई कथित देश विरोधी नारेबाजी मामले में उनका नाम सामने आया.

प्रो. गिलानी पर आरोप था कि उनकी देखरेख में 9 फरवरी को दिल्ली के प्रेस क्लब में अफजल गुरु के समर्थन में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसमें देशविरोधी और पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगे.

पुलिस ने इस कार्यक्रम से जुड़े वीडियोज के आधार पर एसएआर गिलानी को गिरफ्तार कर लिया. गौर करने वाली बात यह भी है कि उनकी गिरफ्तारी तड़के तीन बजे हुई थी. उस समय प्रोफेसर की गिरफ्तारी के विरोध में कई लोग सामने भी आए थे.

उस समय इसका भी हवाला दिया गया था कि प्रोफेसर गिलानी पर आतंक के आरोपों को साबित न कर पाने वाली पुलिस फिर से उन्हें परेशान कर रही है.

हालांकि इस मामले में प्रो. गिलानी को 19 मार्च 2019 को जमानत मिल गई थी. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी, तब से वे जमानत पर ही बाहर थे.

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी का गुरुवार की शाम निधन हो गया. परिजनों ने बताया कि प्रो. गिलानी की हार्ट अटैक (हृदयाघात) से मौत हुई. दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा के प्रोफेसर रह चुके प्रो. गिलानी के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं.

गौरतलब है कि प्रो. गिलानी अध्यापन से ज्यादा दूसरे मामलों को लेकर चर्चा में रहे. संसद पर हुए हमले में उनकी संलिप्तता के आरोप लगे थे, लेकिन इस मामले में वह बाइज्जत बरी हो गये थे.

हालांकि उनके दामन पर फिर एक दूसरा दाग लगा, जब फरवरी 2016 में जेएनयू में हुई कथित देश विरोधी नारे के मामले में उनका नाम सामने आया.

प्रो. गिलानी जब दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे, तब उन पर संसद हमले में शामिल होने का आरोप लगा था. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी.

पढ़ें : महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : उद्धव ठाकरे की पहली प्रतिक्रिया - 50-50 फॉर्मूले पर बनेगी सरकार

मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले प्रो. गिलानी पर आरोप था कि उन्हें संसद हमले के बारे में पहले से जानकारी थी और उन्होंने भी इसके षड्यंत्र में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि पुलिस इन आरोपों को न्यायालय में साबित नहीं कर सकी और अंततः प्रो. गिलानी को बाइज्जत बरी कर दिया गया.

लेकिन आतंक के इस आरोप से छुटकारा पाए प्रोफेसर गिलानी के दामन पर फिर छींटे पड़े फरवरी 2016 में, जब जेएनयू में हुई कथित देश विरोधी नारेबाजी मामले में उनका नाम सामने आया.

प्रो. गिलानी पर आरोप था कि उनकी देखरेख में 9 फरवरी को दिल्ली के प्रेस क्लब में अफजल गुरु के समर्थन में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसमें देशविरोधी और पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगे.

पुलिस ने इस कार्यक्रम से जुड़े वीडियोज के आधार पर एसएआर गिलानी को गिरफ्तार कर लिया. गौर करने वाली बात यह भी है कि उनकी गिरफ्तारी तड़के तीन बजे हुई थी. उस समय प्रोफेसर की गिरफ्तारी के विरोध में कई लोग सामने भी आए थे.

उस समय इसका भी हवाला दिया गया था कि प्रोफेसर गिलानी पर आतंक के आरोपों को साबित न कर पाने वाली पुलिस फिर से उन्हें परेशान कर रही है.

हालांकि इस मामले में प्रो. गिलानी को 19 मार्च 2019 को जमानत मिल गई थी. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी, तब से वे जमानत पर ही बाहर थे.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Oct 24, 2019, 10:28 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.