नई दिल्ली: सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात- निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अध्यादेश लाया जायेगा. इसका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता बोनस के तौर पर 78 दिन का वेतन देने का फैसला लिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर रोक लगाने का निर्णय किया है. इसमें ई सिगरेट के उम्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण सभी पर पूरी तरह रोक होगी.' उन्होंने बताया कि ई- हुक्का को भी इसके तहत प्रतिबंधित किया गया है.
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कई लोग ई-सिगरेट की आदत डाल रहे हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि ई-सिगरेट अच्छा (cool) दिखता है.
माना जाता है कि ई-सिगरेट के करीब 400 से अधिक ब्रांड हैं, जिनमें से किसी का भी निर्माण भारत में नहीं होता है. इसमें 150 से भी अधिक फ्लेवर आते हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर इसमें सजा का भी प्रावधान है. पहली बार गुनाह पर एक साल की सजा या एक लाख रूपये का जुर्माना या दोनों है. जबकि बार बार गुनाह करने पर सजा 3 वर्ष होगी या 5 लाख रूपये का जुर्माना या दोनों लगाये जा सकते हैं.
जावडेकर ने कहा कि एम्स, टाटा इंस्टीट्यूट सहित भारत की शोध संस्थाओं ने इस विषय पर अध्ययन किया है. इस बारे में सिफारिश की है, इस पर जीओएम में विचार हुआ है. यह स्वागत योग्य कदम है.
इसे भी पढ़ें- भाषा विवाद पर बोले रजनीकांत- नहीं थोपी जा सकती है हिंदी
बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का उत्पादकता बोनस देने का निर्णय किया गया.
उन्होंने बताया कि इस निर्णय से रेलवे के 11.52 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. यह लगातार छठा वर्ष है जब रेलवे कर्मियों को 78 दिन का बोनस दिया जा रहा है. इस निर्णय से 2024 करोड़ रुपये का बजटीय प्रभाव पड़ेगा.
जावड़ेकर ने कहा कि इस निर्णय से रेलवे के कर्मचारी प्रोत्साहित होंगे और पूरी ताकत लगाकर काम करेंगे. रेलवे देश की जीवन रेखा है और इस दृष्टि से यह निर्णय महत्वपूर्ण है.