गांव तक नहीं पक्की सड़क, गर्भवती को साड़ी के झोले से ले जानी बनी मजबूरी

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Published : Aug 13, 2022, 4:29 PM IST

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देश की आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, तो वहीं, आदिवासी ग्रामीण इलाकों के गांवों में आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. महाराष्ट्र के नासिक में एक ऐसी ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है. यहां के त्र्यंबकेश्वर तालुक के हेड़पड़ा में एक गर्भवती महिला को तीन कि.मी तक साड़ी के झोले में लेटाकर मुख्य सड़क तक लाया गया. दरअसल, मुख्य मार्ग से गांव तक जाने के लिए कच्ची सड़क बनी है. हालांकि, इस गांव के लिए सड़क निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन, पक्की टार रोड की जगह मिट्टी डालकर उसी सड़क की मरम्मत कर दी जाती है. आज भी लोग कच्ची सड़क से यातायात कर रहे हैं, लेकिन कोई बड़ी गाड़ी का उस सड़क से गुजरना मुश्किल हो जाता है. खासतौर पर बरसात के मौसम में ग्रामीणों को उसी कच्चे रास्ते से आना-जाना करना पड़ता है. गर्भवती महिला के लिए एम्बुलेंस भी इसी वजह से घर तक नहीं पहुंच पाया. जिसके बाद महिला के परिजन उसे एक साड़ी के झोले में लेटाकर मुख्य सड़क तक ले आए, फिर एम्बुलेंस के जरिये आठ कि.मी दूर अंबोली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला ने बच्ची को जन्म दिया है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

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