क्रिकेट के मैदान में 1980 और 90 के दशक में कभी बड़े शहरों के खिलाड़ियों का बोल-बाला हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे कर अब ये ट्रेंड बदल चुका है. अब छोटे शहरों से आने वाले क्रिकेटरों की संख्या बढ़ी है और वो बड़े एकेडमी से आने वाले युवा खिलाड़ियों को टक्कर दे रहें है.