प्रवासी मजदूरों को नहीं मिला गांव में प्रवेश, जंगल में रहने को हैं मजबूर
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प्रवासी मजदूरों की समस्या सिर्फ दूसरे राज्यों से घर वापसी तक की ही नहीं है, बल्कि घर आने के बाद भी इन्हें तमाम तरह की कठिनाइयां झेलनी पड़ रही हैं. महाराष्ट्र के वाशिम में प्रवासी मजदूरों की यह दास्तां सुनकर कोई भी भावुक हो जाएगा. वर्धा जिले के हिंगनघाट गए वरदरी खुर्द के 23 आदिवासी मजदूर कोरोना के गर्भ से तो निकल आए लेकिन घर आकर उससे भी बुरा कुछ झेलना पड़ेगा, शायद इन्होंने सोचा नहीं था. दरअसल यह सभी लोग जिले से अपने गांव के लिए पैदल ही निकल पड़े लेकिन जब अपने गांव पहुंचे, तो इन्हें गांव में प्रवेश नहीं करने दिया. इन लोगों को शहर से आने के बाद स्कूल के असेंबली हॉल में रखे जाने की उम्मीद थी, लेकिन सरपंच और पुलिस ने उन्हें गांव के पास के जंगल में छोड़ दिया. अब इन लोगों को तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.